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डेंगू से बचने के लिए क्या करें?

डेंगू ऐसी ही एक गंभीर बीमारी है, जिससे हर साल देश में हजारों लोगों की मौत हो जाती है. मच्छरों के कारण होने वाली इस बीमारी में कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है, जो गंभीर स्थिति में मृत्यु का कारण भी बन सकती है. डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं और अक्सर दिन के समय में काटते हैं, इनसे बचाव आवश्यक है.

डेंगू से बचने के लिए क्या करें
डेंगू से बचने के लिए क्या करें
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Published : Sep 13, 2021, 1:26 PM IST

Updated : Oct 28, 2021, 11:53 AM IST

लखनऊ : यूपी में कोरोना भले ही कम हो गया है, लेकिन बुखार से सूबे के लोग कराह रहे हैं. इनमें कहीं स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस पाया जा रहा है. वहीं डेंगू-मलेरिया भी हमलावर है. किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों घातक भी हो सकते हैं.

मलेरिया के लक्षण
मलेरिया के लक्षण

डेंगू के प्रकार

टाइप 1 सामान्य डेंगू - इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.

टाइप-2 डेंगू हैमेरेजिक फीवर - इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.

टाइप -3 डेंगू शॉक सिंड्रोम - इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. वह शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है, जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.

डेंगू के लक्षण
डेंगू के लक्षण

डेंगू के संक्रमण में क्या लक्षण नजर आते हैं?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू के शुरुआती लक्षण फ्लू की तरह होते हैं, जिसके कारण अक्सर लोग इसे पहचान नहीं पाते हैं। आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के चार से 10 दिनों के बाद इसके लक्षण दिखने लगते हैं। डेंगू में तेज बुखार होता है, समय के साथ इसके लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं। डेंगू में लोगों को इस तरह के लक्षण भी हो सकते हैं।



डेंगू के लक्षण (Dengue symptoms)

  • तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द
  • आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी
  • भूख न लगना व मरीज का जी मिचलाना
  • चेहरे, गर्दन, चेस्ट, पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना है.
  • डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना है.
  • डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेश लो होना
  • बेहोशी होना शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना है.
    डेंगू से बचाव
    डेंगू से बचाव

ऐसे करें डेंगू से बचाव

  • घर और आस-पास पानी को जमा न होने दें.
  • कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें.
  • एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें.
  • एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें.
  • घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें.
  • छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें.
  • पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें.
  • शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें.
  • बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.
  • यदि आपको डेंगू हो भी गया है तो ये परहेज करते रहें जिससे आपके शरीर का वायरस दूसरों तक न पहुंचे.
  • सबसे पहले नजदीकी डॉक्टर से सहायता लें और खून में प्लेटलेट्स की जांच करवा लें.
  • रोगी के खून में यदि प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाए या फिर रक्त स्त्राव शुरू हो जाए तो खून चढ़ाना भी पड़ सकता है.
  • खुद से कोई दवा ना लें क्योंकि यदि आपने गलती से एस्प्रीन या कोई और गैर स्टेरोईड दवाएं ली तो रक्तस्त्राव बढ सकता है.
  • साधारण पेरासिटामोल रोगी को देने में कोई हर्ज नहीं है.

खानपान का रखें ध्यान

बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी और तैलीय खाना न खाएं.

लखनऊ : यूपी में कोरोना भले ही कम हो गया है, लेकिन बुखार से सूबे के लोग कराह रहे हैं. इनमें कहीं स्क्रबटाइफस, लेप्टोस्पाइरोसिस पाया जा रहा है. वहीं डेंगू-मलेरिया भी हमलावर है. किसी भी बुखार को हल्के में न लें. चाहे वह मलेरिया हो, डेंगू हो या कोविड. इस समय कोविड व डेंगू दोनों का खतरा है. यह दोनों घातक भी हो सकते हैं.

मलेरिया के लक्षण
मलेरिया के लक्षण

डेंगू के प्रकार

टाइप 1 सामान्य डेंगू - इसमें तेज बुखार के साथ शरीर, जोड़ों और सिर में दर्द होता है. दवाएं लेने से 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.

टाइप-2 डेंगू हैमेरेजिक फीवर - इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं. ब्लीडिंग शुरू हो जाती है. खून शरीर के विभिन्न हिस्से में जमा होने लगता है. यह फेफड़ों, पेट, किडनी या दिमाग में भी पहुंच सकता है. वहीं शरीर पर चकते पड़ जाते हैं, जिनसे खून रिसता रहता है. यह बुखार जानलेवा हो जाता है.

टाइप -3 डेंगू शॉक सिंड्रोम - इसमें मरीज को बुखार के साथ अचानक ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. इंटरनल ब्लीडिंग का खतरा ज्यादा होता है. वह शॉक में चला जाता है. मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है, जिससे मरीज की मृत्यु हो जाती है. इस बुखार में मरीज को काफी कमजोरी भी आती है.

डेंगू के लक्षण
डेंगू के लक्षण

डेंगू के संक्रमण में क्या लक्षण नजर आते हैं?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू के शुरुआती लक्षण फ्लू की तरह होते हैं, जिसके कारण अक्सर लोग इसे पहचान नहीं पाते हैं। आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के चार से 10 दिनों के बाद इसके लक्षण दिखने लगते हैं। डेंगू में तेज बुखार होता है, समय के साथ इसके लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते जाते हैं। डेंगू में लोगों को इस तरह के लक्षण भी हो सकते हैं।



डेंगू के लक्षण (Dengue symptoms)

  • तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द
  • आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी
  • भूख न लगना व मरीज का जी मिचलाना
  • चेहरे, गर्दन, चेस्ट, पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना है.
  • डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना है.
  • डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेश लो होना
  • बेहोशी होना शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना है.
    डेंगू से बचाव
    डेंगू से बचाव

ऐसे करें डेंगू से बचाव

  • घर और आस-पास पानी को जमा न होने दें.
  • कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें.
  • एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें.
  • एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें.
  • घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें.
  • छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें.
  • पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें.
  • शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें.
  • बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.
  • यदि आपको डेंगू हो भी गया है तो ये परहेज करते रहें जिससे आपके शरीर का वायरस दूसरों तक न पहुंचे.
  • सबसे पहले नजदीकी डॉक्टर से सहायता लें और खून में प्लेटलेट्स की जांच करवा लें.
  • रोगी के खून में यदि प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाए या फिर रक्त स्त्राव शुरू हो जाए तो खून चढ़ाना भी पड़ सकता है.
  • खुद से कोई दवा ना लें क्योंकि यदि आपने गलती से एस्प्रीन या कोई और गैर स्टेरोईड दवाएं ली तो रक्तस्त्राव बढ सकता है.
  • साधारण पेरासिटामोल रोगी को देने में कोई हर्ज नहीं है.

खानपान का रखें ध्यान

बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी और तैलीय खाना न खाएं.

Last Updated : Oct 28, 2021, 11:53 AM IST
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