लखनऊ : राजधानी में 142 होटल बंद हो सकते हैं, इसके पीछे का कारण उनके द्वारा अधिक प्रदूषण फैलाना है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने भी एसटीपी के अलावा हवा को भी साफ रखने के लिए जरूरी उपाय न करा पाने पर इन सभी होटल को नोटिस जारी किया है. बीते दिनों जिलाधिकारी लखनऊ की अध्यक्षता में हुई बैठक में भी होटल संचालकों को शीघ्र भू-उपयोग परिवर्तन के अलावा प्रदूषण नियंत्रण के उपाय निकालने के लिए आखिरी मौका दिया है. यदि उनके द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो 142 होटल बंद किए जाएंगे.
यूपीपीसीबी के मुताबिक, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हाल ही में प्रदूषण रोकने के लिए होटलों के मामले में आवश्यक उपाय कराने संबंधी आदेश दिया था, जिसके बाद एक सर्वे करवाया गया. सर्वे में सामने आया कि, सराय एक्ट में रजिस्टर्ड 333 होटल में से सिर्फ 177 ही उपयोगी मिले, जबकि 156 होटल बंद हो चुके हैं. जांच में सामने आया कि बंद हो चुके 156 होटल में अब अब दूसरे व्यावसायिक उपयोग हो रहे हैं.
यूपीपीसीबी के अधिकारियों का कहना है कि, '177 होटल में से भी केवल 35 ऐसे होटल हैं, जिन्होंने प्रदूषण रोकने के लिए एसटीपी, कैनोपी और जनरेटर समेत आदि उपाय किए हैं. बाकी 142 होटल में इंतजाम नहीं मिले हैं. इन सभी को भी प्रदूषण मुक्त कराने के लिए एनजीटी का आदेश है. यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो इन्हें बंद कर दिया जाएगा.'