लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है. एक्सपर्ट ने अगस्त से अक्टूबर में वायरस के प्रकोप की आशंका जताई है. ऐसे में सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज की व्यवस्था दुरुस्त करने में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है. लिहाजा सरकार ने अब प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 12 हजार नए स्वास्थ्य उपकेंद्र खोलने की बात कही है.
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक, राज्य के 75 जनपदों में 18 हजार स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं. वहीं 937 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. इन सभी कद्रों पर आवश्यक स्टाफ की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही उपकरणों की मरम्मत कराने को भी कहा गया है. वहीं 12 हजार नए स्वास्थ्य उपकेंद्र खुलेंगे. 5 हजार उपकेंद्र अगले दो माह में शुरू हो जाएंगे. यह हेल्थ वेलनेस सेंटर के तौर पर होंगे. इनमें सामान्य हेल्थ स्क्रीनिंग और इलाज की व्यवस्था होगी.
सीएचसी पर लग रहे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
राज्य की सीएचसी पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगाए जा रहे हैं. एक सीएचसी पर 20 बेड ऑक्सीजन के होंगे. यहां बच्चों के इलाज की व्यवस्था होगी. साथ ही गंभीर अन्य मरीजों को भी इलाज मिल सकेगा.
अस्पतालों के मामले में यूपी
मेडिकल कॉलेज
- सरकारी-22
- प्राइवेट-29
- बेड-18,000
सरकारी अस्पताल
- जिला/संयुक्त अस्पताल-174
- सीएचसी-937
- पीएचसी-3,69
- बेड-76,260
प्राइवेट अस्पताल
- अस्पताल-12,468
- बेड-2,05,142
डॉक्टर-मरीज रेशियो
- 1:19,962
स्रोत
- इंडियन जरनल ऑफ पब्लिक हेल्थ
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना के आगामी प्रभाव को लेकर बेहद गंभीर हैं. हाल ही के अपने एक बयान में उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस का नया वेरिएंट 'डेल्टा+' सक्रिय हो गया है. उत्तर प्रदेश को विशेष सतर्कता बरतनी होगी. विशेषज्ञों के अनुसार इस बार का वेरिएंट पहले की अपेक्षा कहीं अधिक खतरनाक है. राज्य स्तरीय स्वास्थ्य विशेषज्ञ परामर्श समिति ने इससे बचाव के लिए विस्तृत अनुशंसा रिपोर्ट तैयार की है. नया वेरिएंट बच्चों पर कहीं अधिक दुष्प्रभाव डालने वाला हो सकता है. विशेषज्ञों के परामर्श के अनुरूप बिना देर किए सभी जरूरी कदम उठाए जाने के उन्होंने निर्देश दिए थे.
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