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लखनऊ: 108 एम्बुलेंस में एक महीने ट्रायल के लिए लगेगा जीपीएस सिस्टम - ambulance will be equipped with gprs

राजधानी लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग 108 एंबुलेंस में एक महीने के ट्रायल पर जीपीएस की सुविधा शुरू करेगी. जिसके बाद से एंबुलेंस चला रहे ड्राइवर और फोन करने वाले तीमारदार को एक दूसरे की पूरी जानकारी मिल सकेगी. दरअसल ईटीवी भारत पर खबर दिखाने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह कदम उठाया गया है.

जानकारी देते सीएमओ.
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Published : Jul 16, 2019, 11:56 PM IST

लखनऊ: पिछले दिनों में ईटीवी भारत ने 108 एंबुलेंस की 20 मिनट में पहुंचने की वादे की हकीकत जानने के लिए डमी टेस्ट किया था, जिसमें 108 एंबुलेंस पूरी तरह से फेल हो गई थी. ईटीवी भारत की खबर को संज्ञान लेते हुए एंबुलेंस सेवा को सुधारने की बात कही गई है. इसी के तहत अब 108 एंबुलेंस में एक महीने के ट्रायल पर जीपीएस की सुविधा शुरू की जाएगी. यदि अच्छे परिणाम होंगे तो आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश भर की एंबुलेंस इसी व्यवस्था पर चलेगी.

जानकारी देते सीएमओ.

108 एंबुलेंस में लगेंगे जीपीएस सिस्टम-

  • राजधानी में लगातार एंबुलेंसों के जाम में फंसने और देरी से आने की शिकायत आती रहती है.
  • इससे बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी कर ली है, इसके लिए एंबुलेंस में जीपीएस लगाया जा रहा है.
  • जिसके बाद से एंबुलेंस चला रहे ड्राइवर और फोन करने वाले तीमारदार को एक दूसरे की पूरी जानकारी मिल सकेगी.
  • वहीं एंबुलेंस सेवा को कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा.
  • शहर में चल रही 102 और 108 की एंबुलेंस में जीपीएस लगाया जाएगा.

नए एप की सुविधा से कंट्रोल रूम को खुद जानकारी मिल जाएगी कि कौन सी एंबुलेंस कब मरीज तक पहुंचेगी. इसके लिए एंबुलेंस में एक महीने के लिए ट्रायल वर्जन पर जीपीएस की नई तकनीकी शुरू की जाएगी. इससे जरूरतमंद को भी तय समय बता दिया जाएगा. इसके लिए फोन में एक एप डाउनलोड किया जाएगा.
-डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ

लखनऊ: पिछले दिनों में ईटीवी भारत ने 108 एंबुलेंस की 20 मिनट में पहुंचने की वादे की हकीकत जानने के लिए डमी टेस्ट किया था, जिसमें 108 एंबुलेंस पूरी तरह से फेल हो गई थी. ईटीवी भारत की खबर को संज्ञान लेते हुए एंबुलेंस सेवा को सुधारने की बात कही गई है. इसी के तहत अब 108 एंबुलेंस में एक महीने के ट्रायल पर जीपीएस की सुविधा शुरू की जाएगी. यदि अच्छे परिणाम होंगे तो आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश भर की एंबुलेंस इसी व्यवस्था पर चलेगी.

जानकारी देते सीएमओ.

108 एंबुलेंस में लगेंगे जीपीएस सिस्टम-

  • राजधानी में लगातार एंबुलेंसों के जाम में फंसने और देरी से आने की शिकायत आती रहती है.
  • इससे बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी कर ली है, इसके लिए एंबुलेंस में जीपीएस लगाया जा रहा है.
  • जिसके बाद से एंबुलेंस चला रहे ड्राइवर और फोन करने वाले तीमारदार को एक दूसरे की पूरी जानकारी मिल सकेगी.
  • वहीं एंबुलेंस सेवा को कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा.
  • शहर में चल रही 102 और 108 की एंबुलेंस में जीपीएस लगाया जाएगा.

नए एप की सुविधा से कंट्रोल रूम को खुद जानकारी मिल जाएगी कि कौन सी एंबुलेंस कब मरीज तक पहुंचेगी. इसके लिए एंबुलेंस में एक महीने के लिए ट्रायल वर्जन पर जीपीएस की नई तकनीकी शुरू की जाएगी. इससे जरूरतमंद को भी तय समय बता दिया जाएगा. इसके लिए फोन में एक एप डाउनलोड किया जाएगा.
-डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ

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बेहतर स्वास्थ सेवाओं का दावे है और वादे यूँ तो तमाम वादे किए जाते हैं। इसी को परखने के लिए पिछले दिनों में ईटीवी भारत ने 108 एंबुलेंस की 15 मिनट में पहुंचने की वादे की हकीकत जानने के लिए एक डमी टेस्ट किया। जिसमें 108 एंबुलेंस पूरी तरह से फेल हो गयी थी। ईटीवी भारत की ख़बर को संज्ञान मे लेने के बाद स्वास्थ्य मंत्री और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा द्वारा एंबुलेंस की सेवा को सुधारने के तमाम प्रयास किए जाएंगे। इसी के तहत अब 108 एंबुलेंस में 1 महीने के ट्रायल पर जीपीआरएस की सुविधा शुरू की जाएगी। जिसके यदि अच्छे परिणाम होंगे तो आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश भर की एंबुलेंस इसी व्यवस्था पर ही चलेंगी।

Body:राजधानी में लगातार एम्बुलेंसो के जाम में फसने और देरी से आने की शिकायत आती हैं। इससे बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी कर ली हैं। इसके लिए एम्बुलेंस में जीपीआएस सेटिंग लगाई जा रही हैं। इससे किस अस्पताल की एम्बुलेंस कहां है? कहीं एम्बुलेंस जाम में तो नहीं फंसी है? इसकी पूरी जानकारी मिलेगी। साथ ही एंबुलेंस चला रहे ड्राईवर और फोन करने वाले तीमारदार को एक दूसरे की पूरी जानकारी मिल सकेगी। वहीं एम्बुलेंस सेवा को कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। सीएमओ दफतर से मिली जानकारी के अनुसार शहर में चल रही 102 और 108 की एम्बुलेंस में जीपीआएस लगाया जायेगा। सीएमओ नरेंद्र अग्रवाल ने बताया की नए एप की सुविधा से कंट्रोल रूम को खुद जानकारी मिल जाएगी कि कौन सी एम्बुलेंस कितनी जल्द मरीज तक पहुंचेगी। इसके लिए एंबुलेंस में एक महीने के लिए ट्रायल वर्जन पर जीपीआरएस की नई तकनीकी शुरू करी जाएगी। इससे जरूरतमंद को भी तय समय बता दिया जाएगा। इसके लिए फोन में एक एप डाऊनलोड करी जाएगी। मरीज को एम्बुलेंस आवंटित होते उसके मोबाइल पर मैसेज आएगा। उसमें एबुलेंस की जानकारी जैसे गाड़ी नम्बर , पायलट व ईएमटी का मोबाइल नम्बर तथा एक लिंक होगा। इस लिंक को मोबाइल में खोल कर एम्बुलेंस की लोकेशन तथा उसके पास पहुचने में लगने वाले समय की सटीक जानकारी मिल जाएगी।

बाइट- डॉ नरेंद्र अग्रवाल, सीएमओ, लखनऊConclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
7054605976
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