लखनऊ: उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के विभाग पीडब्ल्यूडी में अनियमितता और गड़बड़ी करने का बड़ा मामला प्रकाश में आया है. पिछले दिनों की जांच के बाद 102 अधिशासी अभियंता यानी एक्सईएन दोषी पाए गए हैं. अब इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई सहित वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. जांच में इन अधिशासी अभियंताओं पर बजट में हेरफेर और कागजों पर सड़क बनाए जाने का मामला सामने आया है.
सड़क निर्माण में की अनियमितता
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के लोक निर्माण विभाग ने बस्ती जिले में सड़क निर्माण के बजट खर्च में हुई अनियमितता की जांच में 102 अधिशासी अभियंताओं को दोषी पाया है. जिसके बाद 89 अधिशासी अभियंताओं की होने वाली वेतन वृद्धि रोकने की कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा एक करोड़ रुपये की धनराशि में गड़बड़ी करके कहीं और खर्च दिखाकर पैसा हड़पने वाले सात अभियंताओं पर बड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
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300 से अधिक सड़कों के निर्माण कार्य में हुआ भ्रष्टाचार
जानकारी के अनुसार वर्ष 2017-18 और 2018-19 में बस्ती जिले में 300 से अधिक सड़कों के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार हुआ था. 40 करोड़ रुपये से अधिक के इस गड़बड़ी में गठित जांच कमेटी ने यह भ्रष्टाचार पकड़ा है, जिसके बाद अब कार्रवाई हो रही है. जांच में यह सामने आया है कि वर्ष 2015-16 से लेकर 2017-18 तक के विभागीय रिकॉर्ड की जांच हुई, तो उसमें बड़े पैमाने पर धनराशि का दुरुपयोग करते हुए वित्तीय अनियमितता की गई.
इन अधिशासी अभियंताओ पर होगी कार्रवाई
इसमें मिर्जापुर, कानपुर, आगरा और बस्ती मंडल में चार-चार अधिशासी अभियंता, अलीगढ़ में 14, आजमगढ़ में तीन, इलाहाबाद में सात, वाराणसी और गोरखपुर में 10-10 अधिशासी अभियंताओं ने बिना परमिशन लिए धनराशि कहीं दूसरी जगह खर्च की. इसी प्रकार से अन्य 9 मंडल में 42 अधिशासी अभियंता धनराशि गड़बड़ी के दोषी पाए गए हैं.