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संयुक्त राष्ट्र और आईटीसी की मदद से यूपी के 100 छोटे शहरों का होगा विकास, नगर विकास विभाग ने की ऐसी तैयारी

यूपी के 100 छोटे शहरों के विकास के लिए नगर विकास विभाग, संयुक्त राष्ट्र हैबिटेट प्रतिनिधियों और आईटीसी लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किया गया है. इसका उद्देश्य 20 हजार से एक लाख की आबादी वाले पिछड़े शहरी निकायों में समग्र व सतत विकास करना है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 21, 2023, 3:12 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के 100 छोटे शहरों के विकास के लिए नगर विकास विभाग आईटीसी लिमिटेड और यूएन की मदद लेगा. इस बाबत नगर विकास विभाग और यूएन-हैबिटेट प्रतिनिधियों व आईटीसी लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किया गया है. इसके माध्यम से सहयोगात्मक शहरी विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा. शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात की उपस्थिति में स्थानीय निकाय निदेशक डॉ. नितिन बंसल और यूएन-हैबिटेट के प्रतिनिधियों व आईटीसी लिमिटेड के साथ एमओयू पर आधिकारिक हस्ताक्षर किए गए. यूएन-हैबिटेट से एमओयू हस्ताक्षरकर्ता को बैंकॉक कार्यक्रम कार्यालय, एशिया के क्षेत्रीय कार्यालय, यूएन-हैबिटेट के प्रमुख एस. श्रीनिवासल पोपुरी द्वारा औपचारिक रूप दिया गया और आईटीसी लिमिटेड के लिए हस्ताक्षरकर्ता एस. शिवकुमार अध्यक्ष, प्रबंधन समिति, सामाजिक थे. इस दौरान यूएन-हैबिटेट से पारुल अग्रवाल, रवि बंसल, सुभेंदु दास और आईटीसी लिमिटेड से श्री प्रकाश कुमार भी उपस्थित रहे.

समझौता ज्ञापन (एमओयू) संपादित करते अधिकारी.
समझौता ज्ञापन (एमओयू) संपादित करते अधिकारी.


यूएन-हैबिटेट के साथ एमओयू का उद्देश्य : प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में विकास के लिए सहयोगात्मक प्रयास करना है. साथ ही नगर विकास विभाग के साथ मिलकर शहरों के सतत विकास के लिए एक जलवायु सेल की स्थापना भी करना है. इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जलवायु अकादमी के लिए एक रोडमैप का मसौदा तैयार करना और जलवायु परिवर्तन पहल और शहरी नियोजन में शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को सहायता प्रदान करना भी है. इस साझेदारी के पहलों में एसडीजी शहरों और एक जलवायु परिवर्तन सेल की सह-स्थापना, शहरी स्थिरता मूल्यांकन ढांचे के संचालन में यूएलबी का समर्थन करना, जलवायु अकादमी के लिए एक व्यापक रोडमैप का मसौदा तैयार करना और क्षमता विस्तार के लिए यूएलबी का समर्थन करना और जलवायु लचीलापन योजना के लिए साझेदारी को बढ़ाना शामिल है. इसके अलावा यह सहयोग सार्वजनिक भागीदारी, क्षमता निर्माण, साक्ष्य-आधारित ठोस अपशिष्ट मूल्यांकन और रीसाइक्लिंग संबंधी कार्यों को और व्यापक रूप देना है.

समझौता ज्ञापन (एमओयू) संपादित करते अधिकारी.
समझौता ज्ञापन (एमओयू) संपादित करते अधिकारी.

योजना का लक्ष्य : यूएन-हैबिटेट एस्पिरेशनल सिटी प्रोग्राम/एएनवाई के कार्यान्वयन और निगरानी में भी सहायता प्रदान करेगा. इस योजना का लक्ष्य 20 हजार से एक लाख की आबादी वाले 100 सबसे पिछड़े शहरी निकायों का समग्र व सतत विकास करना है. आईटीसी लिमिटेड के साथ एमओयू हस्ताक्षरित करने का मुख्य उद्देश्य सामुदायिक नेतृत्व वाले विकेंद्रीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर नगर विकास विभाग के साथ एक तकनीकी भागीदार के रूप में कार्य करना है. इसमें प्रशिक्षण सामग्री और टूलकिट विकसित करना, यूएलबी क्षमता निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना तैयार करना, संसाधन, व्यक्तियों और प्रशिक्षकों का सहयोग करना, प्लास्टिक सहित अपशिष्ट प्रबंधन पर तकनीकी सहायता प्रदान करना और नवीन अपशिष्ट प्रबंधन तकनीकों पर सलाह देना शामिल है.

यह भी पढ़ें : स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित होंगे यूपी के कई शहर : आशुतोष टंडन

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के 100 छोटे शहरों के विकास के लिए नगर विकास विभाग आईटीसी लिमिटेड और यूएन की मदद लेगा. इस बाबत नगर विकास विभाग और यूएन-हैबिटेट प्रतिनिधियों व आईटीसी लिमिटेड के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किया गया है. इसके माध्यम से सहयोगात्मक शहरी विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा. शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात की उपस्थिति में स्थानीय निकाय निदेशक डॉ. नितिन बंसल और यूएन-हैबिटेट के प्रतिनिधियों व आईटीसी लिमिटेड के साथ एमओयू पर आधिकारिक हस्ताक्षर किए गए. यूएन-हैबिटेट से एमओयू हस्ताक्षरकर्ता को बैंकॉक कार्यक्रम कार्यालय, एशिया के क्षेत्रीय कार्यालय, यूएन-हैबिटेट के प्रमुख एस. श्रीनिवासल पोपुरी द्वारा औपचारिक रूप दिया गया और आईटीसी लिमिटेड के लिए हस्ताक्षरकर्ता एस. शिवकुमार अध्यक्ष, प्रबंधन समिति, सामाजिक थे. इस दौरान यूएन-हैबिटेट से पारुल अग्रवाल, रवि बंसल, सुभेंदु दास और आईटीसी लिमिटेड से श्री प्रकाश कुमार भी उपस्थित रहे.

समझौता ज्ञापन (एमओयू) संपादित करते अधिकारी.
समझौता ज्ञापन (एमओयू) संपादित करते अधिकारी.


यूएन-हैबिटेट के साथ एमओयू का उद्देश्य : प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में विकास के लिए सहयोगात्मक प्रयास करना है. साथ ही नगर विकास विभाग के साथ मिलकर शहरों के सतत विकास के लिए एक जलवायु सेल की स्थापना भी करना है. इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जलवायु अकादमी के लिए एक रोडमैप का मसौदा तैयार करना और जलवायु परिवर्तन पहल और शहरी नियोजन में शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को सहायता प्रदान करना भी है. इस साझेदारी के पहलों में एसडीजी शहरों और एक जलवायु परिवर्तन सेल की सह-स्थापना, शहरी स्थिरता मूल्यांकन ढांचे के संचालन में यूएलबी का समर्थन करना, जलवायु अकादमी के लिए एक व्यापक रोडमैप का मसौदा तैयार करना और क्षमता विस्तार के लिए यूएलबी का समर्थन करना और जलवायु लचीलापन योजना के लिए साझेदारी को बढ़ाना शामिल है. इसके अलावा यह सहयोग सार्वजनिक भागीदारी, क्षमता निर्माण, साक्ष्य-आधारित ठोस अपशिष्ट मूल्यांकन और रीसाइक्लिंग संबंधी कार्यों को और व्यापक रूप देना है.

समझौता ज्ञापन (एमओयू) संपादित करते अधिकारी.
समझौता ज्ञापन (एमओयू) संपादित करते अधिकारी.

योजना का लक्ष्य : यूएन-हैबिटेट एस्पिरेशनल सिटी प्रोग्राम/एएनवाई के कार्यान्वयन और निगरानी में भी सहायता प्रदान करेगा. इस योजना का लक्ष्य 20 हजार से एक लाख की आबादी वाले 100 सबसे पिछड़े शहरी निकायों का समग्र व सतत विकास करना है. आईटीसी लिमिटेड के साथ एमओयू हस्ताक्षरित करने का मुख्य उद्देश्य सामुदायिक नेतृत्व वाले विकेंद्रीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर नगर विकास विभाग के साथ एक तकनीकी भागीदार के रूप में कार्य करना है. इसमें प्रशिक्षण सामग्री और टूलकिट विकसित करना, यूएलबी क्षमता निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना तैयार करना, संसाधन, व्यक्तियों और प्रशिक्षकों का सहयोग करना, प्लास्टिक सहित अपशिष्ट प्रबंधन पर तकनीकी सहायता प्रदान करना और नवीन अपशिष्ट प्रबंधन तकनीकों पर सलाह देना शामिल है.

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