लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आवास विभाग में करीब 300 रिटायर हो चुके अभियंता सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन की जगह वेतन (Retired engineers taking salary and allowances) लेते रहे. भत्ते और वेतन में बढ़ोतरी भी की जाती रही. करीब 100 करोड़ रुपए का नुकसान (100 crore scam by retired engineers in UP) शासन को हुआ. इसके बाद इस बात की जानकारी विभागीय अधिकारियों को हुई. अब कार्रवाई की तैयारी चल रही है. इस पूरे खेल में आवास विभाग का लेखा विभाग भी शामिल बताया जा रहा है. ऐसे में न केवल अभियंताओं से दिए गए धन की रिकवरी की जाएगी, बल्कि कई अधिकारियों पर गाज गिरने की भी आशंका है.
सरकार ने उनकी बकाया राशि की गणना कर उनके सेवानिवृत्त होने के बाद देय राशि उन्हें हस्तांतरित कर दी थी. हालांकि, कुछ इंजीनियरों को वेतन, भत्ते के साथ वेतन वृद्धि भी मिलती रही. इस महीने की शुरुआत में ऐसे ही एक सेवानिवृत्त अधिकारी की फाइलों की जांच करते समय विभाग के लेखा अनुभाग में तैनात एक कर्मचारी को गड़बड़ी का पता चला. उन्होंने इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी.
इस मामले (100 crore scam in UP) में ऐसे इंजीनियर्स की लिस्ट तैयार हो रही है, जिन्हें रिटायरमेंट के बाद भी वेतन मिलता रहा. शुरुआत में विभाग ने 299 जूनियर इंजीनियरों के सेवा रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी है, जिन्हें 1986 और 1987 में सर्विस में शामिल किया गया था. ये वही लोग थे, जिन्होंने बड़ी संख्या में वीआरएस का विकल्प चुना था.
हाल ही में यूपी सरकार को पता चला है कि विभाग में कई ऐसे इंजिनियर थे, जिन्होंने सालों पहले वीआरएस यानी कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी. वह अब भी वेतन और अन्य सुविधाओं का लाभ ले रहे थे. उनके नाम विभाग के रिकॉर्ड से नहीं काटे गए थे और उन्हें सालों तक इसका लाभ मिलता रहा. मामले को संज्ञान में लेते हुए विभाग के अपर मुख्य सचिव ने राशि वसूली का आदेश जारी कर दिया है. ऐसे इंजीनियरों की सूची बनाई जा रही है.