लखनऊ : केजीएमयू प्रशासन ने वेंटिलेटर वाले 100 आईसीयू बेड बढ़ाने का फैसला किया है. इसका प्रस्ताव संस्थान प्रशासन ने शासन को भेज दिया है. जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद जाहिर की है. इसके बाद यह यूपी में सबसे ज्यादा वेंटिलेटर बेड वाला संस्थान बन जाएगा. 100 बेड का आईसीयू बन जाने के बाद गंभीर मरीजों को भर्ती होने के लिए घंटों इंतजार करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. कई बार ऐसा होता है कि बेड नहीं खाली होने के चलते मरीज को भर्ती नहीं किया जाता है. ऐसे में मरीज को मजबूरी में निजी अस्पताल की तरफ रूख करना पड़ता है. मौजूदा समय में केजीएमयू में करीब 150 आईसीयू बेड का संचालन हो रहा है. इनमें सबसे ज्यादा बेड ट्रॉमा सेंटर के विभिन्न विभागों में हैं. संस्थान में प्रदेश भर से गंभीर मरीज आते हैं, जिन्हें कई बार वेंटिलेटर बेड नहीं मिल पाता है. अकेले ट्रॉमा सेंटर में प्रतिदिन 20 से 25 मरीज वेंटिलेटर की जरूरत वाले आ रहे हैं. पांच से आठ मरीजों को एम्बुबैग के सहारे सांसें दी जाती हैं.
मरीजों को किया जा सकेगा भर्ती : क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. अविनाश अग्रवाल का कहना है कि 'अभी विभाग में 34 बेड हैं. ऐसे में गंभीर मरीजों को प्राथमिकता के हिसाब से बेड मुहैया कराया जाता है. उन्होंने बताया कि विभाग में 100 और बेड स्थापित किए जाएंगे. क्वीनमेरी के पीछे खाली पड़ी भूमि पर विभाग के लिए अलग भवन बनाकर उसमें वेंटिलेटर स्थापित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि कई बार हम चाह कर भी मरीज को भर्ती नहीं कर पाते हैं, क्योंकि हमारे पास खाली बेड उपलब्ध नहीं होते हैं. मरीज की कंडीशन खराब रहती है. ऐसे में कई बार मरीज की मौत भी हो जाती है. जिसे देखते हुए यह विचार किया गया कि अगर 100 बेड का आईसीयू वार्ड बनाया जाता है तो मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा. हमारी प्राथमिकता सिर्फ यही होती है कि मरीज को इलाज मिल सके. इसके तहत यह पहल की गई है, जैसे ही शासन से मंजूरी मिलेगी तो तुरंत काम शुरू हो जाएगा.'
मरीजों को भर्ती करना होगा आसान : केजीएमयू कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि 'गंभीर मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए 100 बेड की वेंटिलेटर यूनिट स्थापित की जाएगी. वेंटिलेटर बेड बढ़ने से गंभीर मरीजों को भर्ती करना आसान होगा.'