लखनऊः उत्तर प्रदेश में जिस तरह से बीते दिनों महिलाओं से दुष्कर्म की घटनाएं सामने आई हैं. इसको लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस सक्रिय नजर आ रही है. तमाम घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने निर्देश जारी किए था कि महिलाओं की सुरक्षा में रात को 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक पीआरवी की गाड़ियां सक्रिय रहेंगी. साथ ही इन पीआरवी गाड़ियों में महिला कर्मचारी तैनात रहेंगी. महिलाओं को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पीआरवी में तैनात रहने वाली महिला कर्मचारियों को ट्रेनिंग कराई जा रही है.
सोमवार को डीजीपी ने जारी किए थे निर्देश
डीजीपी के निर्देश के बाद महिला सुरक्षा के लिए तैयार किए गए इस प्लान को जमीन पर उतारने के लिए महिलाओं का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है. इसी के साथ ही महिलाओं को रात में सुरक्षा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य सक्रिय की गई पीआरवी की गाड़ियों की मदद के लिए पहले ही दिन 6 महिलाओं ने 112 हेल्पलाइन पर फोन किया. इसमें से 5 महिलाओं को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया.
एडीजी 112 हेल्पलाइन असीम अरुण ने जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश पुलिस की आपात सेवा 112 की पीआरवी पर महिला सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जा रही है. जनपदों में नियुक्त महिला पुलिसकर्मियों का विशेष प्रशिक्षण सत्र प्रारंभ कर दिया गया है. परीक्षण के बाद महिला कर्मियों को पीआरवी पर नियुक्त किया जाएगा.
महिला पुलिसकर्मियों को दी जाएगी ट्रेनिंग
असीम अरुण ने पीआरबी में तैनात होने वाली महिला कर्मचारियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में कुल 3000 चार पहिया पीआरवी गाड़ियां संचालित हैं. इनमें 10 प्रतिशत यानी कि 300 महिला कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा. ट्रेनिंग में पाठ्यक्रम के तौर पर टैक्टिक्स, सेल्फ डिफेंस, गिरफ्तारी की प्रक्रिया, मानवाधिकार, महिला एस्कॉर्ट की व्यवस्था के संदर्भ में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी.