ETV Bharat / state

SGPGI में पहली बार रोबोटिक सर्जरी से निकाला 10 सेंटीमीटर थायरॉइड का ट्यूमर - Robotic Surgery at SPGI

लखनऊ स्थित एसपीजीआई में पहली बार एंडोक्राइन सर्जरी विभाग ने 10 सेंटीमीटर का थायरॉइड ट्यूमर रोबोटिक सर्जरी से निकाला है.

SGPGI में पहली बार रोबोटिक सर्जरी
SGPGI में पहली बार रोबोटिक सर्जरी
author img

By

Published : Feb 12, 2023, 10:42 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पहली बार संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग ने 10 सेंटीमीटर के थायरॉइड ट्यूमर को निकालने के लिए रोबोटिक सर्जरी की है. पीजीआई के रोबोटिक थायराइड सर्जन डॉ. ज्ञानचंद्र के मुताबिक बाराबंकी निवासी 39 वर्षीय विवाहिता के गले में थायराइड की गांठ थी, जो लगातार बढ़ रही थी. उसने बाराबंकी में डॉक्टरों को दिखाया. जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे बताया कि इसके आकार और जटिलताओं के कारण गर्दन में चीरा लगाए बिना इसकी सर्जरी संभव नहीं है. ऐसे में सर्जरी के बाद चीरे के निशान को लेकर वह काफी असहज और निराश थीं. इसके बाद उसे गले में चीरा लगाए बिना सर्जरी करने के लिए यहां रेफर किया गया.

रोबोटिक थायराइड सर्जन डॉ. ज्ञानचंद्र.
रोबोटिक थायराइड सर्जन डॉ. ज्ञानचंद्र.


डॉ. ज्ञान के मुताबिक आवश्यक जांच के बाद बताया कि मरीज का थायरॉइड ट्यूमर काफी बड़ा है, लेकिन रोबोटिक पद्धति से गले में बिना चीरा लगाए कुशलतापूर्वक इस ट्यूमर को निकाला जा सकता है और यह अपने आप में पहला मामला होगा. मरीज और उसके परिजनों की सहमति के बाद 10 फरवरी को गले में बिना चीरा लगाए चार घंटे के ऑपरेशन में थायरॉइड ग्रंथि के ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाल दिया. मेरी टीम में एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के डॉ. दिलीप, डॉ. सारा इदरीस और डॉ. प्राची शामिल थे. एनेस्थीसिया विभाग के सुजीत गौतम और उनकी टीम ने पूरा सहयोग दिया.

सफल सर्जरी के बाद डॉ. ज्ञान चंद ने बताया कि रोबोटिक थायरॉइड सर्जरी द्वारा इतनी बड़ी थायरॉइड ग्रंथि को निकालने की पूरी प्रक्रिया बहुत जटिल है. लेकिन यह एक बिना दाग वाली सर्जरी है और रोगी को राहत देती है. आमतौर पर सर्जरी के बाद रोगी को गर्दन पर एक बड़े निशान के साथ रहना पड़ता है, जो रोगी को अवसाद की ओर ले जाता है.


डॉ. ज्ञान का कहना है कि उन्हें प्रेरणा संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमान, डॉ. धीमान हमेशा रोगियों के लाभ के लिए संस्थान में उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम उपयोग के पक्ष में रहे हैं. इसके साथ ही डॉ. ज्ञान ने अपने विभागाध्यक्ष प्रो. गौरव अग्रवाल के मार्गदर्शन की भी सराहना की. निदेशक प्रो आर के धीमान ने डॉज्ञान चंद और उनकी टीम को उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की पहली रोबोटिक सर्जरी करने के लिए धन्यवाद दिया.

इसे भी पढ़ें-Ayodhya Airport : रामलला के गर्भ ग्रह में विराजमान होने से पहले अयोध्या एयरपोर्ट से उड़ने लगेंगे विमान

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पहली बार संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग ने 10 सेंटीमीटर के थायरॉइड ट्यूमर को निकालने के लिए रोबोटिक सर्जरी की है. पीजीआई के रोबोटिक थायराइड सर्जन डॉ. ज्ञानचंद्र के मुताबिक बाराबंकी निवासी 39 वर्षीय विवाहिता के गले में थायराइड की गांठ थी, जो लगातार बढ़ रही थी. उसने बाराबंकी में डॉक्टरों को दिखाया. जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे बताया कि इसके आकार और जटिलताओं के कारण गर्दन में चीरा लगाए बिना इसकी सर्जरी संभव नहीं है. ऐसे में सर्जरी के बाद चीरे के निशान को लेकर वह काफी असहज और निराश थीं. इसके बाद उसे गले में चीरा लगाए बिना सर्जरी करने के लिए यहां रेफर किया गया.

रोबोटिक थायराइड सर्जन डॉ. ज्ञानचंद्र.
रोबोटिक थायराइड सर्जन डॉ. ज्ञानचंद्र.


डॉ. ज्ञान के मुताबिक आवश्यक जांच के बाद बताया कि मरीज का थायरॉइड ट्यूमर काफी बड़ा है, लेकिन रोबोटिक पद्धति से गले में बिना चीरा लगाए कुशलतापूर्वक इस ट्यूमर को निकाला जा सकता है और यह अपने आप में पहला मामला होगा. मरीज और उसके परिजनों की सहमति के बाद 10 फरवरी को गले में बिना चीरा लगाए चार घंटे के ऑपरेशन में थायरॉइड ग्रंथि के ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाल दिया. मेरी टीम में एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के डॉ. दिलीप, डॉ. सारा इदरीस और डॉ. प्राची शामिल थे. एनेस्थीसिया विभाग के सुजीत गौतम और उनकी टीम ने पूरा सहयोग दिया.

सफल सर्जरी के बाद डॉ. ज्ञान चंद ने बताया कि रोबोटिक थायरॉइड सर्जरी द्वारा इतनी बड़ी थायरॉइड ग्रंथि को निकालने की पूरी प्रक्रिया बहुत जटिल है. लेकिन यह एक बिना दाग वाली सर्जरी है और रोगी को राहत देती है. आमतौर पर सर्जरी के बाद रोगी को गर्दन पर एक बड़े निशान के साथ रहना पड़ता है, जो रोगी को अवसाद की ओर ले जाता है.


डॉ. ज्ञान का कहना है कि उन्हें प्रेरणा संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमान, डॉ. धीमान हमेशा रोगियों के लाभ के लिए संस्थान में उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम उपयोग के पक्ष में रहे हैं. इसके साथ ही डॉ. ज्ञान ने अपने विभागाध्यक्ष प्रो. गौरव अग्रवाल के मार्गदर्शन की भी सराहना की. निदेशक प्रो आर के धीमान ने डॉज्ञान चंद और उनकी टीम को उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की पहली रोबोटिक सर्जरी करने के लिए धन्यवाद दिया.

इसे भी पढ़ें-Ayodhya Airport : रामलला के गर्भ ग्रह में विराजमान होने से पहले अयोध्या एयरपोर्ट से उड़ने लगेंगे विमान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.