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ललितपुर : बिना वेतन के काम करने को मजबूर हैं जल संस्थान के अधिकारी

ललितपुर में पेय जलपूर्ति करने के लिए दिन रात मेहनत करने वाले अधिकारी और कर्मचारी बिना वेतन काम करने को मजबूर हैं. अधिकारियों का कहना है कि 2016 से कोई भी अनुरक्षण संबंधी पैसा न मिलने से समस्या हो रही है.

जानकारी देते जल संस्थान के अधिकारी
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Published : Apr 14, 2019, 5:52 AM IST


ललितपुर : जल संस्थान अधिकारी बिना वेतन काम करने को मजबूर हैं. पिछले 4-5 माह से वेतन न मिलने के कारण जल संस्थान की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती नजर आ रही है. अधिकारियों का कहना है कि जल संस्थान का तमाम सरकारी विभागों को मिलाकर लगभग 10 करोड़ 73 लाख रुपये बकाया है.

जानकारी देते जल संस्थान के अधिकारी

क्या है पूरा मामला :

  • ललितपुर में पेय जलपूर्ति करने के लिए दिन रात मेहनत करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है.
  • वेतन न मिलने के चलते अधिकारियों को हो रही है दिक्कत.
  • अधिकारियों का कहना है कि जल संस्थान का तमाम सरकारी विभागों को मिलाकर लगभग 10 करोड़ 73 लाख रुपये बकाया है.
  • अधिकारियों ने बताया कि 2016 से कोई भी अनुरक्षण संबंधी पैसा भी नहीं मिला है.
  • 190 कर्मचारी आउटसोर्सिंग पर लगे हुए हैं. उनको विगत एक साल से पैसे नही मिलने के कारण काम नही कर हैं.
  • इस वजह से शहर में खराब पड़े हैण्डपम्प और सप्लाई की लाइन भी ठीक नहीं हो पा रही है.

जल संस्थान अधिशासी अभियंता प्रवीण कुमार यादव ने बताया कि जल संस्थान की सूची के आधार पर पुलिस विभाग पर 2,30,000 रुपये, वन विभाग पर 7,00000 रुपये, जिला चिकित्सालय पर 9,00000 रुपये, PWD विभाग पर 3,63,000 रुपये, कृषि मंडी पर 12,55,000 रुपये, GGIC कॉलेज पर 3,29,000 रुपये, जिला पंचायत पर 7,74,000 रुपये, महिला चिकित्सालय पर 1,20,000 रुपये और नगर पालिका पर 2,84,000 रुपये बकाया है.


ललितपुर : जल संस्थान अधिकारी बिना वेतन काम करने को मजबूर हैं. पिछले 4-5 माह से वेतन न मिलने के कारण जल संस्थान की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती नजर आ रही है. अधिकारियों का कहना है कि जल संस्थान का तमाम सरकारी विभागों को मिलाकर लगभग 10 करोड़ 73 लाख रुपये बकाया है.

जानकारी देते जल संस्थान के अधिकारी

क्या है पूरा मामला :

  • ललितपुर में पेय जलपूर्ति करने के लिए दिन रात मेहनत करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है.
  • वेतन न मिलने के चलते अधिकारियों को हो रही है दिक्कत.
  • अधिकारियों का कहना है कि जल संस्थान का तमाम सरकारी विभागों को मिलाकर लगभग 10 करोड़ 73 लाख रुपये बकाया है.
  • अधिकारियों ने बताया कि 2016 से कोई भी अनुरक्षण संबंधी पैसा भी नहीं मिला है.
  • 190 कर्मचारी आउटसोर्सिंग पर लगे हुए हैं. उनको विगत एक साल से पैसे नही मिलने के कारण काम नही कर हैं.
  • इस वजह से शहर में खराब पड़े हैण्डपम्प और सप्लाई की लाइन भी ठीक नहीं हो पा रही है.

जल संस्थान अधिशासी अभियंता प्रवीण कुमार यादव ने बताया कि जल संस्थान की सूची के आधार पर पुलिस विभाग पर 2,30,000 रुपये, वन विभाग पर 7,00000 रुपये, जिला चिकित्सालय पर 9,00000 रुपये, PWD विभाग पर 3,63,000 रुपये, कृषि मंडी पर 12,55,000 रुपये, GGIC कॉलेज पर 3,29,000 रुपये, जिला पंचायत पर 7,74,000 रुपये, महिला चिकित्सालय पर 1,20,000 रुपये और नगर पालिका पर 2,84,000 रुपये बकाया है.

Intro:एंकर-ललितपुर जिले में जल संस्थान के अधिकारी बिना वेतन कर काम करने को मजबूर है.पिछले 4-5 माह से वेतन न मिलने के कारण जल संस्थान की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती नजर आ रही है.वहीं पिछले 1 साल से आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों का वेतन भी नही मिला.जिस कारण से वह काम नही कर रही है.जिससे शहर में जलपूर्ति की कमी बढ़ती जा रही है.जल संस्थान पर शहर की जल आपूर्ति की पूरी जिम्मेदारी है.वहीं बताया गया है कि जल संस्थान की वसूली तमाम सरकारी विभागों को मिलाकर लगभग 10 करोड़ 73 लाख रुपये है.


Body:वीओ-पूरे जिले में पेयजलापूर्ति करने के लिए दिनरात मेहनत करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को वेतन नही मिल पा रहा है.अधिकारी बिना वेतन के काम करने को मजबूर है और संस्थान के तमाम सरकारी विभागों समेत कई बकायेदार है.जिसकी धनराशि करोड़ों रुपए है.वही 2016 से किसी भी अनुरक्षण संबंधी पैसा भी नही मिला है.जिससे शहर में खराब पड़े हेण्डपम्प व सप्लाई की लाइन भी ठीक नही हो पा रही है.जिससे शहर में जलपूर्ति की कमी बढ़ती जा रही है. बाइट-वहीं संस्थान के अधिकारी का कहना है कि पैसे की समस्या है जिससे कार्य करने में परेशानी हो रही है.ठेकेदारों का पेमेंट नही पा रहा है.ठेकेदार काम नही कर रही है,लेवर भी काम नही कर रही है.हम लोगों की तनख्वाह नही मिल पा रही है.वसूली बकाया बहुत पड़ी है.जिससे पानी की किल्लत हो रही है. बाइट-रमेश कुमार(सहायक अभियंता)


Conclusion:बाइट-वहीं जल संस्थान के अधिशाषी अभियंता ने बताया कि 190 कर्मचारी आउटसोर्सिंग पर लगे हुए हैं.उनका विगत 1 साल से पैसे नही मिलने के कारण काम नही कर हैं.जिससे शहर में काफी लीकेज बढ़ गए है और हेण्डपम्प भी खराब पड़े हैं.और शहर में पानी के लिए हाहाकार मची है.किसी तरह व्यवस्था चल रही है.इस संबंध में जिलाधिकारी द्वारा पत्राचार्य किया गया है शासन से की आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों का पैसा दिलाया जाए.और हम लोगो को भी चार माह से वेतन नही मिला है.वहीं विभागों में करीब 10 करोड़ 73 रुपए बकाया है जिसकी कार्यवाही की जा रही है. बाइट-प्रवीण कुमार यादव(जल संस्थान अधिशासी अभियंता) बड़े बकायेदार जल संस्थान की सूची के आधार पर पुलिस विभाग का लगभग 230000 रुपये वन विभाग का लगभग 700000 रुपये जिला चिकित्सालय का लगभग 900000 रुपये PWD विभाग का लगभग 363000 रुपये कृषि मंडी का लगभग 1255000 रुपये GGIC कॉलेज का लगभग 329000 रुपये जिला पंचायत का लगभग 774000 रुपये महिला चिकित्सालय का लगभग 120000 रुपये नगर पालिका का लगभग 284000 रुपये
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