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ललितपुर गैंगरेप मामले में अखिलेश यादव की बड़ी कार्रवाई, सपा जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए तिलक यादव - akhilesh yadav lalitpur district executive dissolved

ललितपुर जिले के गैंगरेप मामले में आरोपी सपा जिला अध्यक्ष के खिलाफ अखिलेश यादव ने बड़ी कार्रवाई की है. अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा जिलाध्यक्ष तिलक यादव को पद से हटा दिया गया है.

सपा जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए तिलक यादव
सपा जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए तिलक यादव
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Published : Oct 16, 2021, 9:56 PM IST

ललितपुर : ललितपुर जिले में किशोरी से रेप के मामले में सपा जिलाध्यक्ष तिलक यादव को जेल भेजे जाने के बाद, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर तिलक यादव को हटाते हुए जिले की कार्यकारणी भंग कर दी गई. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने यह जानकारी समाजवादी पार्टी के फेसबुक पेज पर दी.

नाबलिग लड़की ने दर्ज कराया था मुकदमा


बता दें कि समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष तिलक यादव सहित 28 लोगों पर 12 अक्टूबर को नाबालिक लड़की ने रेप किए जाने का मामला दर्ज कराया था. पुलिस ने समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष तिलक यादव को शुक्रवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.


दो हप्ते पहले बनाये गए थे अध्यक्ष

26 जून को जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में प्रत्याशी का नामांकन दाखिल नहीं करा पाने के चलते, अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष ने तिलक यादव को पद से बर्खास्त कर दिया था. लेकिन 20 दिन पहले ही 25 सितंबर को समाजवादी पार्टी ने तिलक यादव को ललितपुर का जिलाध्यक्ष फिर से बना दिया था.

ललितपुर गैंगरेप मामला
सपा जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए तिलक यादव

इसे भी पढ़ें- फिर से बनारस बना सियासी अखाड़ा : पीएम मोदी की रैली से बीजेपी देगी प्रियंका को जवाब

2013 में सपा में हुई थी वापसी


तिलक यादव समाजवादी पार्टी के पांच बार जिलाध्यक्ष रह चुके हैं. इससे पूर्व उन्हें 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में जिलाध्यक्ष पद से हटाते हुए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. वर्ष 2013 में उनकी समाजवादी पार्टी में वापसी हुई थी, जिसके बाद 2020 में तिलक यादव को जिलाध्यक्ष बनाया गया था.

ये है पूरा मामला-

दरअसल, इसके पहले भी पुलिस ने छापेमारी कर इस मामले में छात्रा के आरोपी पिता, उसके दो चाचा और सपा जिलाध्यक्ष के भाई अरविंद यादव समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. किशोरी के मुताबिक उसे डरा-धमकाकर पिता ही उससे ये सब काम करा रहा था. उसकी खामोशी का फायदा उठाकर उसके रिश्तेदारों ने भी उसके साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया था. पिता ने उसे कई बार बेचने का भी प्रयास किया था. कई सालों से हैवानों का दंश झेल रही किशोरी की सहनशीलता का बांध टूट गया और वो मां के साथ थाने पहुंची.

पुलिस ने पीड़ित के बयान पर पिता समेत कुल 28 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. जिसमें कुछ नामचीन नेताओं के नाम भी शामिल थे. किशोरी के मुताबिक पहले पिता ने उसके साथ रेप किया. रेप करने के अगले दिन पिता उसे स्टेशन के एक होटल में ले गया. वहां पर एक महिला मिली, जो उसे एक रूम में ले गई. जहां एक युवक पहले से ही मौजूद था. कुछ देर बाद वो बेहोश हो गई. होश आया तो उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे. वो किसी तरह से घर पहुंची.

उसने घर आकर पिता से पूछा कि होटल में क्या हुआ था. जिस पर उसने कहा कि अब रोज तुम्हें यही काम करना पड़ेगा. इसके बाद रोजाना पिता स्कूल से उसे होटल ले जाया करता और रोजाना एक नये ग्राहक के पास उसे छोड़ देता. जो किशोरी के साथ रेप करता था. किशोरी के मुताबिक उसके ताऊ और तीन चाचाओं ने भी घर ले जाकर उसके साथ रेप किया. वहीं उसके चचेरे भाइयों ने भी उसके साथ दरिंदगी की सारी हदें पार कर दीं. जब उसने अपनी दीदी से इस मामले की शिकायत की तो उन्होंने ने भी चुप रहने को कहा.

ललितपुर : ललितपुर जिले में किशोरी से रेप के मामले में सपा जिलाध्यक्ष तिलक यादव को जेल भेजे जाने के बाद, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर तिलक यादव को हटाते हुए जिले की कार्यकारणी भंग कर दी गई. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने यह जानकारी समाजवादी पार्टी के फेसबुक पेज पर दी.

नाबलिग लड़की ने दर्ज कराया था मुकदमा


बता दें कि समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष तिलक यादव सहित 28 लोगों पर 12 अक्टूबर को नाबालिक लड़की ने रेप किए जाने का मामला दर्ज कराया था. पुलिस ने समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष तिलक यादव को शुक्रवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.


दो हप्ते पहले बनाये गए थे अध्यक्ष

26 जून को जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में प्रत्याशी का नामांकन दाखिल नहीं करा पाने के चलते, अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष ने तिलक यादव को पद से बर्खास्त कर दिया था. लेकिन 20 दिन पहले ही 25 सितंबर को समाजवादी पार्टी ने तिलक यादव को ललितपुर का जिलाध्यक्ष फिर से बना दिया था.

ललितपुर गैंगरेप मामला
सपा जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए तिलक यादव

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2013 में सपा में हुई थी वापसी


तिलक यादव समाजवादी पार्टी के पांच बार जिलाध्यक्ष रह चुके हैं. इससे पूर्व उन्हें 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में जिलाध्यक्ष पद से हटाते हुए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. वर्ष 2013 में उनकी समाजवादी पार्टी में वापसी हुई थी, जिसके बाद 2020 में तिलक यादव को जिलाध्यक्ष बनाया गया था.

ये है पूरा मामला-

दरअसल, इसके पहले भी पुलिस ने छापेमारी कर इस मामले में छात्रा के आरोपी पिता, उसके दो चाचा और सपा जिलाध्यक्ष के भाई अरविंद यादव समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. किशोरी के मुताबिक उसे डरा-धमकाकर पिता ही उससे ये सब काम करा रहा था. उसकी खामोशी का फायदा उठाकर उसके रिश्तेदारों ने भी उसके साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया था. पिता ने उसे कई बार बेचने का भी प्रयास किया था. कई सालों से हैवानों का दंश झेल रही किशोरी की सहनशीलता का बांध टूट गया और वो मां के साथ थाने पहुंची.

पुलिस ने पीड़ित के बयान पर पिता समेत कुल 28 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. जिसमें कुछ नामचीन नेताओं के नाम भी शामिल थे. किशोरी के मुताबिक पहले पिता ने उसके साथ रेप किया. रेप करने के अगले दिन पिता उसे स्टेशन के एक होटल में ले गया. वहां पर एक महिला मिली, जो उसे एक रूम में ले गई. जहां एक युवक पहले से ही मौजूद था. कुछ देर बाद वो बेहोश हो गई. होश आया तो उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे. वो किसी तरह से घर पहुंची.

उसने घर आकर पिता से पूछा कि होटल में क्या हुआ था. जिस पर उसने कहा कि अब रोज तुम्हें यही काम करना पड़ेगा. इसके बाद रोजाना पिता स्कूल से उसे होटल ले जाया करता और रोजाना एक नये ग्राहक के पास उसे छोड़ देता. जो किशोरी के साथ रेप करता था. किशोरी के मुताबिक उसके ताऊ और तीन चाचाओं ने भी घर ले जाकर उसके साथ रेप किया. वहीं उसके चचेरे भाइयों ने भी उसके साथ दरिंदगी की सारी हदें पार कर दीं. जब उसने अपनी दीदी से इस मामले की शिकायत की तो उन्होंने ने भी चुप रहने को कहा.

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