ललितपुर: एसआईटी ने थाना पाली में किशोरी के साथ हुए दुष्कर्म मामले में 13 आरोपियों के खिलाफ बुधवार को न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत कर दिए हैं. एसआईटी ने एक हजार से अधिक पन्नों के आरोप पत्र न्यायालय में दो भागों में पेश किए हैं. जबकि, अभी अन्य साक्ष्यों के आधार पर विवेचना जारी है.
तीन माह पहले सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के साथ थानाध्यक्ष द्वारा थाना पाली परिसर के एक कमरे में दुष्कर्म करने के मामले में एसआईटी टीम ने अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (पॉक्सो) में एक हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है. इसमें आरोपी तत्कालीन थानाध्यक्ष तिलक धारी सरोज, चंदन, हरीशंकर और पीड़िता की मौसी के खिलाफ धारा 363, 366, 368, 376 डीए, 376 (3), 506, 201, 120 बी/34, 5/6 पॉक्सो एक्ट, 109 एवं सपठित धारा 363, 366, 368 व 16/17 के तहत आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं. इसमें तत्कालीन थानाध्यक्ष पर 19/22 पॉक्सो एक्ट भी लगाया गया है. मामले में प्रकाश में आए आरोपी अशोक सोनी, हरीराम सोनी, रामनरेश और सिपाही सुनील कुमार के खिलाफ एसआईटी ने धारा 212, 16/17 और 19/21 पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप पत्र प्रस्तुत किए गए हैं.
पाली थाना क्षेत्र की एक महिला ने पुलिस अधीक्षक को दिए शिकायती पत्र में बताया था कि उसकी नाबालिग पुत्री को पाली के ही 4 लोग विगत 22 अप्रैल को बहला-फुसलाकर भोपाल ले गए थे. वहां पर आरोपियों ने उसको रेलवे स्टेशन के पास गलियों में छिपाकर रखा. महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी पुत्री के साथ तीनों ने लगातार तीन दिन तक दुष्कर्म किया था. इसके बाद 26 अप्रैल को आरोपी लड़की को पाली थाने में छोड़कर चले गए थे.
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महिला ने बताया कि पाली में तैनात दारोगा ने उसको उसकी मौसी के पास छोड़ दिया था. मौसी ने लड़की को 2 दिन के लिए दुराचार करने वाले एक युवक की बहन के पास भेज दिया. महिला ने बताया कि 27 अप्रैल को सुबह थाने में उसकी लड़की को फिर से बुलाया गया था, जहां लड़की का बयान लिया गया. आरोप है कि जैसे ही शाम हुई उसकी मौसी लड़की को थानाध्यक्ष के पास कमरे में ले गई, जहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया. इसके बाद लड़की को दोबारा मौसी को सौंप दिया गया. इसकी कोई भी सूचना लड़की के माता-पिता को नहीं दी गई.
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