ललितपुर: जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. सदर कोतवाली क्षेत्र के तालाबपुरा में स्थित डोंडाघाट इलाके में रहने वाले एक शख्स की 11 मई को अज्ञात कारणों के चलते मौत हो गई. जब मौत की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो मृत संदिग्ध व्यक्ति को किसी ने नहीं छुआ और कोरोना जांच के लिए उस संदिग्ध का सैम्पल लेने शहर में अज्ञात शवों को उठाने वाले मजदूर रामू को भेजा.
रामू गदाई का कहना है कि, 'जिला अस्पताल से मनोज भाई साहब का फोन आया था. उन्होंने कहा कि तुम जिला अस्पताल आ जाओ. हम आ गए. वहां से एक डॉक्टर साहब हमारे साथ गए. अब वो कोरोना का पेसेंट है क्या था. अब उसका मेरे को सैम्पल लेना था तो मैंने सैम्पल लेकर अकेले डेड बॉडी उठा के गाड़ी में रखी. अस्पताल के किसी कर्मचारी ने हाथ तक नहीं लगाया.'
रामू ने बताया कि, 'मेरे को क्या पता डॉक्टर कौन थे. वहां हमारे साथ एक बाबू जी बैठे थे. किसी ने कोई मदद नहीं की और वो जो गाड़ी का ड्राइवर था, उसने हाथ तक नहीं लगाया. बोला मेरा काम गाड़ी चलाने का है. मैं थोड़ी उठाऊंगा. फिर मैंने शव को अकेले ही उठाया और गाड़ी में रखा. अकेले ही मैंने उसे फ्रीजर में भी रखा.'
उसने बताया कि मैंने सैम्पल लिया था. साथ में कोई नहीं था. अस्पताल में बाबू ने कहा था कि नाक से थोड़ा सीक और मुंह में दांतों और जबड़े के आसपास का सैम्पल लेकर डाल देना. हमने वही किया जो बताया. वहां कोई सरकारी कर्मचारी नहीं था और हमारी थोड़ी सरकारी नौकरी है. वो जबर्दस्ती काम है. कहते हैं तो चले जाते हैं. वैसे हम अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार करते हैं.'
वहीं सीएमओ डॉ. प्रताप सिंह से जब पूछा गया कि संदिग्ध मरीज की सैम्पलिंग किसने की है और कौन सैम्पल करने गया था तो सीएमओ डॉ. प्रताप सिंह का कहना है कि 'अब हम दिखवाते हैं कि कैसे सैम्पलिंग हुई. इसके बारे में पूछकर बता रहे हैं.'
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वहीं, जब सवाल किया गया कि अज्ञात शवों को उठाने वाले एक मजदूर ने सैम्पल लिये हैं तो सीएमओ साहब हड़बड़ाते हुए बोले- नहीं, हमें इसकी जानकारी नहीं है. आप जो बता रहे हैं, हम इसको दिखवाते हैं. अगर किसी ने लापरवाही बरती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. ये उचित नहीं है अनुचित है. वहीं सीएमओ ने भी इसे लापरवाही माना है.