ललितपुरः जनपद में खाद की समस्या बनी हुई है. इस समस्या को लेकर छह किसानों की मौत हो चुकी है. कुछ दिन पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जिले का दौरा किया था. उन्होंने पाली क्षेत्र के मृतक किसानों के परिजनों से मुलाकात की थी. अब किसान नेता राकेश टिकैत एक नवंबर को ललितपुर आ रहे हैं. वह मृतक किसानों के परिजनों से मुलाकात करेंगे.
जनपद ललितपुर में झमाझम बारिश होने से किसान काफी खुश थे. इसके बाद उन्हें खाद हासिल करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. खाद की वजह से छह किसानों की मौत से किसानों की खुशियां काफूर हो गईं. किसानों का आरोप है कि जिले भर के खाद व्यापारियों द्वारा डीएपी तथा यूरिया की जमाखोरी कर तय कीमत से ज्यादा पैसा वसूला जा रहा है. वहीं, व्यापारियों का कहना है कि खाद के बढ़े दाम और भाड़े की वजह से उन्हें कीमत बढ़ानी पड़ी है. उधर, जरूरतमंद किसान 50 किग्रा वजन डीएपी की एक बोरी 1400 रुपये तक मे लेने को तैयार है बावजूद इसके उन्हें खाद नहीं मिल रही है. ललितपुर किसान नेता रंजीत सिंह ने बताया कि ललितपुर में खाद की समस्या को लेकर छह किसानों की बीते दस दिनों में मौत हुई है. राकेश टिकैत इन्हीं किसानों के परिजनों से मिलेंगे.
दस दिनों में इन छह किसानों ने गंवाई जान
22 अक्टूबर: खाद के लिए दो दिन से लाइन में लगे नयागांव निवासी 55 वर्षीय किसान भोगी पाल की मौत हो गई थी.
25 अक्टूबर: कोतवाली सदर क्षेत्र के मैलवारा खुर्द निवासी सोनी अहिरवार (40) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
26 अक्टूबर: थाना नाराहट के ग्राम बनयाना निवासी 30 साल के किसान महेश बुनकर की मौत हो गई.
27 अक्टूबर: किसान बल्लू पाल ने फांसी लगाई.
30 अक्टूबर: गनेश रैकवार ग्राम केलगुआ ने कुएं में कूदकर जान दे दी.
30अक्टूबर: रगवर पटेल ग्राम मसोरा खुर्द ने फांसी लगा ली.
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