ललितपुरः आजादपुरा से दो साल चार महीने पहले लापता मासूम आखिरकार अपने घर लौट आया है. करीब ढाई साल बाद ही सही मां की ममता को आखिर जीत मिल ही गई. मासूम के घर लौटने से न सिर्फ पूरे परिवार बल्कि इलाके में उत्साह का माहौल है. घर लौटे मासूम को सभी गले लगा रहे हैं और पुलिस के प्रयास की सभी सराहना कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला
दो जुलाई साल 2018 को वर्णी कॉलेज चौराहा रिसाला मंदिर के निकट आजाद मोहल्ले में उस वक्त हड़कंप मच गया था, जब एक बच्चा अपने ही घर से अचानक लापता हो गया. घर वालों के बहुत प्रयास के बावजूद बच्चे को कोई सुराग नहीं मिला. बच्चे के माता-पिता हरगोविंद और ममता कुशवाहा बच्चे की तलाश में हर जगह भटकते रहे, उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली. आखिरकार खाकी और समाजसेवी संस्था विजन वेलफेयर फाउंडेशन के योगदान से मासूम को पता लगा लिया गया.
दिल्ली पुलिस को मिला था मासूम
23 अक्टूबर साल 2020 को दिल्ली पुलिस में तैनात एएसआई अमर सिंह ने फेसबुक पर बच्चे का एक वीडियो पोस्ट किया और को उसके परिवार से मिलाने का अनुरोध किया. मामला संज्ञान में होने के चलते समाजसेवी संस्था के विजन फाउंडेशन के पदाधिकारी रविंद्र जैन रानू ने वीडियो में बच्चे को पहचान लिया और बिना देरी परिजनों से संपर्क किया. माता-पिता ने जब पहचान की पुष्टि कर दी तो एसपी मिर्जा मंजर बैग और कोतवाल संजय शुक्ला के संज्ञान में पूरा मामला लाया गया.
पुलिस के प्रयास से बच्चे को लाया गया वापस
मामला पुलिस के संज्ञान में आते ही बिना किसी देरी के दिल्ली पुलिस में तैनात एएसआई से संपर्क किया गया और कागजी कार्रवाई के बाद मासूम को वापस उसके घर लाया गया.
कागजी कार्रवाई में हुई देरी
बच्चे को दिवाली से पहले ही लाने की तैयारी थी, लेकिन कागजी कमियों के चलते यह संभव न हो सका. जिसके बाद सामाजिक संस्था विजन वेलफेयर फाउंडेशन की तरफ से कागजी कमियों को दूर किया गया. कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद दिल्ली पुलिस और ललितपुर पुलिस के सहयोग से बच्चे को माता पिता को सौंप दिया गया.
रेलवे स्टेशन पर हुआ स्वागत
बच्चे को ट्रेन से दिल्ली से ललितपुर लाया गया. रेलवे स्टेशन पर सभी पुलिसकर्मियों और समाजसेवी संस्था के कर्मचारियों का भव्य स्वागत किया गया. बच्चे की मां ने इसके लिए पुलिसकर्मियों और समाजसेवी संस्था का आभार जताया.