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ललितपुरः योगी के मंत्री और सदर विधायक 4 घंटे न्यायिक हिरासत में रहे - आचार संहिता उल्लंघन

उत्तर प्रदेश के ललितपुर में राज्य मंत्री मनोहर लाल और सदर विधायक रामरतन कुशवाहा को 4 घंटे न्यायिक हिरासत में रहना पड़ा. वहज थी 2017 विधानसभा चुनाव की आचार संहिता उल्लघंन का. वहीं न्यायलय में इनकी जमानत अर्जी को एडीजे प्रथम उमेश कुमार ने मंजूर कर दी.

भाजपा राज्य मंत्री और सदर विधायक 4 घंटे न्यायिक हिरासत में रहे.
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Published : Oct 24, 2019, 10:29 PM IST

ललितपुरः राज्यमंत्री मनोहर लाल पंथ और सदर विधायक रामरतन कुशवाहा को विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान आचार संहिता उल्लंघन के मामले में न्यायिक हिरासत में लिया गया. लगभग 4 घंटे तक राज्यमंत्री न्यायिक हिरासत में रहे. बताया जा रहा है कि कुछ अधिकारियों ने विद्वेष पूर्वक विधानसभा 2017 के दौरान राज्यमंत्री और सदर विधायक पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया गया था.

भाजपा राज्य मंत्री और सदर विधायक 4 घंटे न्यायिक हिरासत में रहे.

2017 में किया था आचार संहिता का उल्लघंन
विधानसभा चुनाव 2017 में नामांकन के दौरान राज्य मंत्री मनोहर लाल पंथ और सदर विधायक के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मामले में न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया गया था. इस मामले में गुरुवार को राज्यमंत्री को न्यायिक हिरासत में लिया गया. वहीं न्यायालय के समक्ष जमानत के लिए पत्र दाखिल किया गया और उसे स्वीकार कर लिया गया. मामला एडीजे प्रथम उमेश कुमार की न्यायालय में दर्ज किया गया था.

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भाजपा जिलाध्यक्ष बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ अधिकारियों ने विद्वेष पूर्वक आचार संहिता उल्लंघन का आरोप पत्र दाखिल किया था. इसमें जांच के दौरान मामला गलत पाया गया. न्यायालय के आदेश के सम्मान में दोनों जनप्रतिनिधि न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए. इसके बाद न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र दिया और न्यायालय ने जमानत स्वीकार कर लिया.

ललितपुरः राज्यमंत्री मनोहर लाल पंथ और सदर विधायक रामरतन कुशवाहा को विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान आचार संहिता उल्लंघन के मामले में न्यायिक हिरासत में लिया गया. लगभग 4 घंटे तक राज्यमंत्री न्यायिक हिरासत में रहे. बताया जा रहा है कि कुछ अधिकारियों ने विद्वेष पूर्वक विधानसभा 2017 के दौरान राज्यमंत्री और सदर विधायक पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया गया था.

भाजपा राज्य मंत्री और सदर विधायक 4 घंटे न्यायिक हिरासत में रहे.

2017 में किया था आचार संहिता का उल्लघंन
विधानसभा चुनाव 2017 में नामांकन के दौरान राज्य मंत्री मनोहर लाल पंथ और सदर विधायक के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मामले में न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया गया था. इस मामले में गुरुवार को राज्यमंत्री को न्यायिक हिरासत में लिया गया. वहीं न्यायालय के समक्ष जमानत के लिए पत्र दाखिल किया गया और उसे स्वीकार कर लिया गया. मामला एडीजे प्रथम उमेश कुमार की न्यायालय में दर्ज किया गया था.

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भाजपा जिलाध्यक्ष बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ अधिकारियों ने विद्वेष पूर्वक आचार संहिता उल्लंघन का आरोप पत्र दाखिल किया था. इसमें जांच के दौरान मामला गलत पाया गया. न्यायालय के आदेश के सम्मान में दोनों जनप्रतिनिधि न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए. इसके बाद न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र दिया और न्यायालय ने जमानत स्वीकार कर लिया.

Intro:एंकर- उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में राज्य मंत्री मनोहर लाल पंथ व सदर विधायक रामरतन कुशवाहा को विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान आचार संहिता उल्लंघन के मामले में न्यायिक हिरासत में लिया गया. लगभग 4 घंटे तक राज्यमंत्री व सदर विधायक न्यायिक हिरासत में रहे.मामला एडीजे प्रथम उमेश कुमार की न्यायालय का है.बताया गया है कि कुछ अधिकारियों द्वारा विद्वेष पूर्वक विधानसभा 2017 के दौरान राज्य मंत्री व सदर विधायक पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया गया था जिसको लेकर न्यायिक हिरासत में लिए गए.


Body:वीओ-विधान सभा चुनाव 2017 में नामांकन के दौरान राज्य मंत्री मनोहर लाल पंथ व सदर विधायक के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया गया था.जिसको लेकर आज राज्य मंत्री व सदर विधायक को न्यायिक हिरासत में लिया गया. जिसके बाद न्यायालय के समक्ष जमानत के लिए पत्र दाखिल किया गया और उसे स्वीकार कर लिया गया.लगभग 4 घंटे तक न्यायिक हिरासत में राज्य मंत्री व सदर विधायक रहे. बाइट-भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा बताया गया है कि विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ अधिकारियों द्वारा विद्वेष पूर्वक आचार संहिता उल्लंघन का आरोप राज्य मंत्री विधायक पर लगाया गया था जिसमें जांच जांच के दौरान मामला गलत पाया गया उसमें फाइनल रिपोर्ट आई.किंतु उसे न्यायालय में स्वीकार नहीं किया गया बल्कि उसका संज्ञान लेकर विधायक और मंत्री को तलब किया. न्यायालय के आदेश के सम्मान में दोनों जनप्रतिनिधि न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए.जिसके बाद न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र दिया और न्यायालय द्वारा जमानत स्वीकार कर लिया गया. बाइट-एडवोकेट जगदीश सिंह लोधी


Conclusion:नोट-इस खबर से संबंधित बाइट और विसुअल wrap से up_lal_01_minister_mla_in_judicial_custody_vis_byte_7203547 स्लग के साथ भेज दिए गए है कृपया संज्ञान लें।
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