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ललितपुरः बीमारी से पीड़ित व्यक्ति ने फांसी लगा कर की आत्महत्या, दोनों किडनी थी खराब

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Published : Sep 21, 2019, 7:33 PM IST

उत्तर प्रदेश के ललितपुर में एक व्यक्ति ने लंबी बीमारी के चलते आत्महत्या कर ली. परिजनों का कहना है कि मृतक की दोनों किडनी खराब थी और उसे डायलिसिस के सहारे जिंदा रखा गया था. साथ ही परिवार की स्थिति कमजोर होने से डायलिसिस का खर्चा वहन करने में अक्षम थे.

बीमारी से पीड़ित व्यक्ति ने फांसी लगा कर की आत्महत्या.

ललितपुरः सदर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत मोहल्ला सिविल लाइन निवासी एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि 34 वर्षीय कृष्ण कांत साहू की दोनों किडनी खराब होने के चलते डायलिसिस पर जिंदा था. जिसका खर्चा हर हफ्ते 10 हजार रुपये था. परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते परिजन लगातार इलाज कराने में असक्षम रहे और किडनी की बीमारी से असहनीय दर्द होने के चलते मृतक ने घटना को अंजाम दिया. घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है.

बीमारी से पीड़ित व्यक्ति ने फांसी लगा कर की आत्महत्या.

पढे़ं- ललितपुरः बेतवा नदी उफान पर, राजघाट बांध से छोड़ा जा रहा साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी

नहीं काम आया आयुष्मान कार्ड

  • जिले के सिविल लाइन क्षेत्र में एक व्यक्ति ने लंबी बीमारी के चलते आत्महत्या कर ली.
  • परिवार की आर्थिक स्थित को खराब थी.
  • परिजनों ने बताया कि मृत कृष्ण कांत साहू की दोनों किडनी खराब थी.
  • साथ ही आरोप लगाया कि आयुष्मान कार्ड का भी कोई लाभ नहीं मिला.
  • मृतक के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं जिनके पालन पोषण के लिए परिवार प्रशासन से मदद की मांग कर रहा है.

आयुष्मान कार्ड के तहत प्रधानमंत्री आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री की जो योजना चल रही है. उसमें जो लिस्ट में नाम होते हैं. उनको गोल्डन कार्ड दिया जाता है और जिन अस्पतालों को आयुष्मान योजना के तहत जोड़ा गया है उसमें मरीज 5 लाख तक का इलाज फ्री करा सकता है.और जहां डायलिसिस की सुविधा होगी है तो वहां फ्री इलाज होगा.
-डॉ. प्रताप सिंह मुख्य चिकित्सा अधिकारी

ललितपुरः सदर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत मोहल्ला सिविल लाइन निवासी एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि 34 वर्षीय कृष्ण कांत साहू की दोनों किडनी खराब होने के चलते डायलिसिस पर जिंदा था. जिसका खर्चा हर हफ्ते 10 हजार रुपये था. परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते परिजन लगातार इलाज कराने में असक्षम रहे और किडनी की बीमारी से असहनीय दर्द होने के चलते मृतक ने घटना को अंजाम दिया. घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है.

बीमारी से पीड़ित व्यक्ति ने फांसी लगा कर की आत्महत्या.

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नहीं काम आया आयुष्मान कार्ड

  • जिले के सिविल लाइन क्षेत्र में एक व्यक्ति ने लंबी बीमारी के चलते आत्महत्या कर ली.
  • परिवार की आर्थिक स्थित को खराब थी.
  • परिजनों ने बताया कि मृत कृष्ण कांत साहू की दोनों किडनी खराब थी.
  • साथ ही आरोप लगाया कि आयुष्मान कार्ड का भी कोई लाभ नहीं मिला.
  • मृतक के तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं जिनके पालन पोषण के लिए परिवार प्रशासन से मदद की मांग कर रहा है.

आयुष्मान कार्ड के तहत प्रधानमंत्री आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री की जो योजना चल रही है. उसमें जो लिस्ट में नाम होते हैं. उनको गोल्डन कार्ड दिया जाता है और जिन अस्पतालों को आयुष्मान योजना के तहत जोड़ा गया है उसमें मरीज 5 लाख तक का इलाज फ्री करा सकता है.और जहां डायलिसिस की सुविधा होगी है तो वहां फ्री इलाज होगा.
-डॉ. प्रताप सिंह मुख्य चिकित्सा अधिकारी

Intro:एंकर-ललितपुर सदर कोतवाली अंतर्गत सिविल लाइन मोहल्ले में एक व्यक्ति ने बीमारी से तंग आकर आत्महत्या कर ली.परिजनों का कहना है पैसे नही होने के चलते इलाज नही हो पाया और आयुष्मान कार्ड का भी कोई फायदा नही मिला.जिसके चलते यह कदम उठाया है वहीं मृतक के तीन छोटे छोटे बच्चे भी है.


Body:वीओ- सदर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत मोहल्ला सिविल लाइन निवासी एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.बताया जा रहा है कि 34 वर्षीय कृष्ण कांत साहू की दोनों किडनी खराब होने के चलते डायलिसिस चल रहा था.जिसका खर्चा हर हफ्ते 10 हज़ार रुपए था.परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते परिजन लगातार इलाज कराने में असक्षम रहे और किडनी की बीमारी से असहनीय दर्द होने के चलते कृष्ण कांत ने दिल दहलाने वाली घटना को अंजाम दिया है घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है



बाइट-वही मृतक की बहन का कहना है कि मेरे भाई की दोनों किडनी डेमेज हो चुकी थी.इलाज बहुत करवाया लेकिन कोई फायदा नही हुआ.सरकार ने भी कोई मदद नही की और आयुष्मान कार्ड का भी कोई फायदा नही हुआ.उनके तीन बच्चे है अब उनका कौन है सरकार को भी थोड़ी मदद देनी चाहिए.कि यदि कोई किडनी का कोई सीरियस मरीज होता है तो उसको अस्पताल में इलाज दे.अभी इलाज भोपाल,झाँसी चल रहा था.डायलिसिस हो रहा था हर हफ्ते 10 हज़ार रुपए लगते थे.कहाँ से लाते अब गरीब परिवार है माँ बाप ने मेहनत मजदूरी करके पाला है.जितना था उतना लगा दिया कोई फायदा नही हुआ.अपने आप से दुखी होकर आत्महत्या कर ली.वही मृतक के भाई का कहना है कि पैसे नही होने के कारण हम बड़े भाई का इलाज नही करा पाए.और दर्द बहुत ज्यादा था साथ ही इलाज भी बहुत महंगा था.जिससे उन्होंने यह कदम उठाया.भाई के तीन छोटे छोटे बच्चे है प्रशासन से मांग है कि मदद का करें।

बाइट-वंदना साहू (मृतक की बहन)
बाइट-सुरेंद्र साहू (मृतक का भाई)


Conclusion:बाइट-वही इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है आयुष्मान कार्ड के तहत प्रधानमंत्री आरोग्य योजना औऱ मुख्यमंत्री की जो योजना चल रही है उसमे जो लिस्ट में नाम होते है .जिनको गोल्डन कार्ड दिया जाता है और उसमे जो हॉस्पिटल इम्पेनल्ड होते है उसमे मरीज 5 लाख तक का इलाज फ्री करा सकता है.और जहाँ डायलिसिस की सुविधा होगी है तो वहाँ फ्री इलाज होगा औऱ अभी ऐसा कोई मामला नही आया है संज्ञान में और जो भी मामला आता है उसका तुरंत इलाज करवाते हैं।

बाइट-डॉ प्रताप सिंह (मुख्य चिकित्सा अधिकारी, ललितपुर)
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