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ललितपुर: DM और SP ने जिले में पराली जलाने वाली घटनाओं को नकारा

यूपी के ललितपुर में DM और SP ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान डीएम ने कहा कि रिमोट सेंसिंग से जो 8 प्रकरण सामने आए थे. उनकी जांच में पराली जलाने से संबंधित कोई प्रकरण नहीं सामने आया है.

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DM और SP ने प्रेस वार्ता की.
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Published : Dec 17, 2019, 8:11 PM IST

ललितपुर: डीएम योगेश कुमार शुक्ल और पुलिस अधीक्षक मिर्जा मंजर बेग ने संयुक्त रूप से कलेक्ट्रेट सभागार में प्रेस वार्ता की. इस दौरान डीएम ने पराली जलाने की घटनाओं पर कहा कि रिमोट सेंसिंग से जो 8 प्रकरण सामने आए थे. उनकी जांच में पराली जलाने से संबंधित कोई मामला सामने नहीं आया है. साथ ही उन्होंने कहा कि तापने के लिए पराली जलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

DM और SP ने प्रेस वार्ता की.

HC के आदेश के बाद भी समाने आए मामले

  • पराली जलाने के बढ़ते मामलों पर उच्चतम न्यायालय के आदेशों के बाद भी कई जिलों में पराली जलाने के मामले सामने आए थे.
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए 26 जिलों के डीएम को नोटिस भेजा था.
  • ललितपुर DM को भी शासन की ओर से नोटिस भेजकर जांच रिपोर्ट मांगी गई थी.
  • मंगलवार को DM और पुलिस अधीक्षक ने कलेक्ट्रेट सभागार में प्रेस वार्ता की.
  • पराली जलाने के रिमोट सेंसिंग ने 8 की संस्तुति की थी.
  • दो प्रकरण तापने के लिए आग लगाने के पाये गए.
  • शेष प्रकरण खेत में बने टपरी में भोजन पकाने, झाड़ियों में आग लगने और खरपतवार जलाने के थे.
  • बर्तन पकाने के लिए भट्टा जलाने, पेड़ की झाड़ियों में आग लगाने और विद्युत तार से स्पार्किंग के सामने आए थे.
  • सभी प्रकरणों की जांच की गई, जिसमें पराली जलाने से संबंधित नहीं थे.

यह भी पढें: बिजनौर: CJM कोर्ट में चली गोली, एक की मौत, सिपाही घायल

जिले में पराली से संबंधित कोई घटना सामने नहीं आई है. पराली की घटनाओं की रिपोर्ट रिमोट सेंसिंग (सैटेलाइट) के आधार पर बनाई जाती है. रिमोट सेंसिंग ने 8 प्रकरणों को संस्तुति की था, जिनको हमने चेक कराया, लेकिन पराली से संबंधित नहीं मिले. इन 8 प्रकरणों में जहां लोगों ने खुद आग लगाई थी. दोनों प्रकरण तालबेहट के थे. जिन पर एफआईआर दर्ज कराई गई है.
-योगेश कुमार शुक्ल, डीएम

ललितपुर: डीएम योगेश कुमार शुक्ल और पुलिस अधीक्षक मिर्जा मंजर बेग ने संयुक्त रूप से कलेक्ट्रेट सभागार में प्रेस वार्ता की. इस दौरान डीएम ने पराली जलाने की घटनाओं पर कहा कि रिमोट सेंसिंग से जो 8 प्रकरण सामने आए थे. उनकी जांच में पराली जलाने से संबंधित कोई मामला सामने नहीं आया है. साथ ही उन्होंने कहा कि तापने के लिए पराली जलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

DM और SP ने प्रेस वार्ता की.

HC के आदेश के बाद भी समाने आए मामले

  • पराली जलाने के बढ़ते मामलों पर उच्चतम न्यायालय के आदेशों के बाद भी कई जिलों में पराली जलाने के मामले सामने आए थे.
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए 26 जिलों के डीएम को नोटिस भेजा था.
  • ललितपुर DM को भी शासन की ओर से नोटिस भेजकर जांच रिपोर्ट मांगी गई थी.
  • मंगलवार को DM और पुलिस अधीक्षक ने कलेक्ट्रेट सभागार में प्रेस वार्ता की.
  • पराली जलाने के रिमोट सेंसिंग ने 8 की संस्तुति की थी.
  • दो प्रकरण तापने के लिए आग लगाने के पाये गए.
  • शेष प्रकरण खेत में बने टपरी में भोजन पकाने, झाड़ियों में आग लगने और खरपतवार जलाने के थे.
  • बर्तन पकाने के लिए भट्टा जलाने, पेड़ की झाड़ियों में आग लगाने और विद्युत तार से स्पार्किंग के सामने आए थे.
  • सभी प्रकरणों की जांच की गई, जिसमें पराली जलाने से संबंधित नहीं थे.

यह भी पढें: बिजनौर: CJM कोर्ट में चली गोली, एक की मौत, सिपाही घायल

जिले में पराली से संबंधित कोई घटना सामने नहीं आई है. पराली की घटनाओं की रिपोर्ट रिमोट सेंसिंग (सैटेलाइट) के आधार पर बनाई जाती है. रिमोट सेंसिंग ने 8 प्रकरणों को संस्तुति की था, जिनको हमने चेक कराया, लेकिन पराली से संबंधित नहीं मिले. इन 8 प्रकरणों में जहां लोगों ने खुद आग लगाई थी. दोनों प्रकरण तालबेहट के थे. जिन पर एफआईआर दर्ज कराई गई है.
-योगेश कुमार शुक्ल, डीएम

Intro:एंकर-ललितपुर जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ल व पुलिस अधीक्षक मिर्जा मंजर बेग ने संयुक्त रूप से कलेक्ट्रेट सभागार में प्रेसवार्ता आयोजित की.जिसमे जिलाधिकारी ने जिले में पराली जलाने की घटनाओं को नकारते हुए कहा कि रिमोट सेंसिंग से जो 8 प्रकरण सामने आए थे.उनकी जांच की गई लेकिन कोई भी प्रकरण पराली जलाने से संबंधित नही पाया गया.वही कहा कि किसी भी सूरत में जिले में पराली जलाने की अनुमति नही दी जाएगी.


Body:वीओ- बताते चलें कि पराली जलाने के बढ़ते मामलों पर उच्चतम न्यायालय के आदेशों के बाद भी कई जिलों में पराली जलाने के मामले सामने आए थे.जिसके बाद सख्त रुख अपनाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने 26 जिलाधिकारियों को नोटिस भेजा था जिसमें ललितपुर जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ला को भी शासन की ओर से नोटिस भेजकर जांच रिपोर्ट मांगी गई थी.जिसके बाद जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने कलेक्ट्रेट सभागार में प्रेसवार्ता आयोजित करके बताया.कि पराली जलाने के रिमोट सेंसिंग ने 8 संस्तुति किया था.जिनका परीक्षण कराया गया.इसमें दो प्रकरण तापने के लिए आग लगाने के पाये गए. शेष प्रकरणों में खेत में बने टपरी में भोजन पकाने, झाड़ियों में आग लगने खरपतवार जलाने, बर्तन पकाने का भट्टा लगाने ,पेड़ की झाड़ियों में आग लगाने और विद्युत तार से स्पार्किंग के सामने आई थे. सभी प्रकरणों की जांच की गई.जो पराली जलाने से संबंधित नही मिले।

बाइट-वहीं जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में अभी पराली से संबंधित घटना कोई घटना सामने नही आई है और ये जो पराली की घटनाओं की रिपोर्ट रिमोट सेंसिंग (सैटेलाइट) के आधार पर बनाई जाती हैं. हमारे यहाँ 8 प्रकरण पराली से संबंधित नही थे.लेकिन रिमोट सेंसिंग ने 8 प्रकरणो को संस्तुति किया था.जिनको हमने चेक कराया.लेकिन पराली से संबंधित नही मिले. इन 8 प्रकरणों में जहाँ लोगों ने खुद आग लगाई थी दोनों प्रकरण तालबेहट के थे जिन पर एफआईआर दर्ज कराई गई है.

बाइट-जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ल


Conclusion:नोट-इस खबर से संबंधित बाइट और विसुअल wrap से up_lal_03_refusal_of_stray_incidents_vis_byte_7203547 स्लग के साथ भेज दी गई है कृपया संज्ञान लें.
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