ललितपुर: डीएम योगेश कुमार शुक्ल और पुलिस अधीक्षक मिर्जा मंजर बेग ने संयुक्त रूप से कलेक्ट्रेट सभागार में प्रेस वार्ता की. इस दौरान डीएम ने पराली जलाने की घटनाओं पर कहा कि रिमोट सेंसिंग से जो 8 प्रकरण सामने आए थे. उनकी जांच में पराली जलाने से संबंधित कोई मामला सामने नहीं आया है. साथ ही उन्होंने कहा कि तापने के लिए पराली जलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
HC के आदेश के बाद भी समाने आए मामले
- पराली जलाने के बढ़ते मामलों पर उच्चतम न्यायालय के आदेशों के बाद भी कई जिलों में पराली जलाने के मामले सामने आए थे.
- उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए 26 जिलों के डीएम को नोटिस भेजा था.
- ललितपुर DM को भी शासन की ओर से नोटिस भेजकर जांच रिपोर्ट मांगी गई थी.
- मंगलवार को DM और पुलिस अधीक्षक ने कलेक्ट्रेट सभागार में प्रेस वार्ता की.
- पराली जलाने के रिमोट सेंसिंग ने 8 की संस्तुति की थी.
- दो प्रकरण तापने के लिए आग लगाने के पाये गए.
- शेष प्रकरण खेत में बने टपरी में भोजन पकाने, झाड़ियों में आग लगने और खरपतवार जलाने के थे.
- बर्तन पकाने के लिए भट्टा जलाने, पेड़ की झाड़ियों में आग लगाने और विद्युत तार से स्पार्किंग के सामने आए थे.
- सभी प्रकरणों की जांच की गई, जिसमें पराली जलाने से संबंधित नहीं थे.
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जिले में पराली से संबंधित कोई घटना सामने नहीं आई है. पराली की घटनाओं की रिपोर्ट रिमोट सेंसिंग (सैटेलाइट) के आधार पर बनाई जाती है. रिमोट सेंसिंग ने 8 प्रकरणों को संस्तुति की था, जिनको हमने चेक कराया, लेकिन पराली से संबंधित नहीं मिले. इन 8 प्रकरणों में जहां लोगों ने खुद आग लगाई थी. दोनों प्रकरण तालबेहट के थे. जिन पर एफआईआर दर्ज कराई गई है.
-योगेश कुमार शुक्ल, डीएम