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संभल हिंसा; जांच न्यायिक कमेटी ने जामा मस्जिद सहित प्रभावित इलाकों का किया दौरा, 51 गवाहों के दर्ज किए बयान - SAMBHAL VIOLENCE

तीनों अधिकारी एक बार फिर सोमवार सुबह 10:30 बजे संभल पहुंचे. जांच कमेटी ने जामा मस्जिद के पीछे हुए बवाल वाले इलाके को देखा.

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संभल हिंसा की जांच के लिए पहुंची न्यायिक कमेटी. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 21, 2025, 11:54 AM IST

Updated : Jan 21, 2025, 6:57 PM IST

संभल: शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा की जांच करने के लिए मंगलवार को सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक कमेटी पहुंची. जांच कमेटी ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया है. साथ ही कमेटी ने शाही जामा मस्जिद पहुंचकर भी जांच की है.

जांच कमेटी मंगलवार सुबह 10:15 बजे पहुंची थी. जांच कमेटी ने सबसे पहले शाही जामा मस्जिद के पीछे हिंसा वाले इलाके का निरीक्षण किया. कमेटी ने उस इलाके का दौरा किया जहां पथराव,फायरिंग और आगजनी हुई थी. इसके अलावा उन स्थानों पर भी टीम पहुंची थी, जहां पर पुलिस को पाकिस्तानी और अमेरिकी कारतूस मिले थे. यहां टीम करीब 1 घंटे तक रही. इसके बाद संभल के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पहुंची जहां गवाहों के बयान दर्ज किए. जांच कमेटी ने लगभग 6:30 घंटे तक गवाहों के बयान दर्ज किए. जांच कमेटी शाम 5:45 पर संभल से रवाना हो गई. जांच कमेटी में शामिल पूर्व आईपीएस अरविंद कुमार जैन ने बताया कि 24 नवंबर को हुई हिंसा से लेकर गवाहों के बयान दर्ज किए. उन्होंने बताया कि इसी महीने में दोबारा आएंगे. न्यायिक जांच कमेटी में हाई कोर्ट के पूर्व जज देवेंद्र अरोड़ा, पूर्व आईपीएस अरविंद कुमार जैन और अमित मोहन प्रसाद के साथ डीआईजी मुरादाबाद मुनिराज जी, जिलाधिकारी डॉ राजेंद्र पेंसिया और SP कृष्ण कुमार विश्नोई ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया.

बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान खूब बवाल और हिंसा हुई थी. हिंसा में पांच लोगों की मौत हुई थी जबकि 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. पथराव, फायरिंग और आगजनी में कई गाड़ियां फूंक दी गई थीं. जमकर तोड़फोड़ भी हुई थी. इस मामले में सरकार ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी, जिसमें हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा को अध्यक्ष बनाया गया. जांच कमेटी घटना के बाद 1 दिसंबर 2024 को संभल पहुंची थी. कमेटी ने जामा मस्जिद सहित हिंसाग्रस्त इलाके का भ्रमण किया था.

न्यायिक जांच कमेटी के सदस्य पूर्व आईपीएस एके जैन ने बताया कि हिंसा को लेकर जो लोग मिलना चाहेंगे, बात करना चाहेंगे, हम सुनेंगे, जिससे किसी को लखनऊ ना आना पड़े. उनकी सुविधा के लिए यहां आकर कैंप लगाया है. अगले हफ्ते न्यायिक जांच आयोग की टीम फिर से आएगी.

ये भी पढ़ेंः मोबाइल ऐप खोलेगा बवाल का पाकिस्तानी कनेक्शन, क्या मुल्ला अफरोज के बाद पकड़ा जाएगा पूरा गैंग?

संभल: शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा की जांच करने के लिए मंगलवार को सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक कमेटी पहुंची. जांच कमेटी ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया है. साथ ही कमेटी ने शाही जामा मस्जिद पहुंचकर भी जांच की है.

जांच कमेटी मंगलवार सुबह 10:15 बजे पहुंची थी. जांच कमेटी ने सबसे पहले शाही जामा मस्जिद के पीछे हिंसा वाले इलाके का निरीक्षण किया. कमेटी ने उस इलाके का दौरा किया जहां पथराव,फायरिंग और आगजनी हुई थी. इसके अलावा उन स्थानों पर भी टीम पहुंची थी, जहां पर पुलिस को पाकिस्तानी और अमेरिकी कारतूस मिले थे. यहां टीम करीब 1 घंटे तक रही. इसके बाद संभल के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस पहुंची जहां गवाहों के बयान दर्ज किए. जांच कमेटी ने लगभग 6:30 घंटे तक गवाहों के बयान दर्ज किए. जांच कमेटी शाम 5:45 पर संभल से रवाना हो गई. जांच कमेटी में शामिल पूर्व आईपीएस अरविंद कुमार जैन ने बताया कि 24 नवंबर को हुई हिंसा से लेकर गवाहों के बयान दर्ज किए. उन्होंने बताया कि इसी महीने में दोबारा आएंगे. न्यायिक जांच कमेटी में हाई कोर्ट के पूर्व जज देवेंद्र अरोड़ा, पूर्व आईपीएस अरविंद कुमार जैन और अमित मोहन प्रसाद के साथ डीआईजी मुरादाबाद मुनिराज जी, जिलाधिकारी डॉ राजेंद्र पेंसिया और SP कृष्ण कुमार विश्नोई ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया.

बता दें कि संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान खूब बवाल और हिंसा हुई थी. हिंसा में पांच लोगों की मौत हुई थी जबकि 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. पथराव, फायरिंग और आगजनी में कई गाड़ियां फूंक दी गई थीं. जमकर तोड़फोड़ भी हुई थी. इस मामले में सरकार ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी, जिसमें हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा को अध्यक्ष बनाया गया. जांच कमेटी घटना के बाद 1 दिसंबर 2024 को संभल पहुंची थी. कमेटी ने जामा मस्जिद सहित हिंसाग्रस्त इलाके का भ्रमण किया था.

न्यायिक जांच कमेटी के सदस्य पूर्व आईपीएस एके जैन ने बताया कि हिंसा को लेकर जो लोग मिलना चाहेंगे, बात करना चाहेंगे, हम सुनेंगे, जिससे किसी को लखनऊ ना आना पड़े. उनकी सुविधा के लिए यहां आकर कैंप लगाया है. अगले हफ्ते न्यायिक जांच आयोग की टीम फिर से आएगी.

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Last Updated : Jan 21, 2025, 6:57 PM IST
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