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UP Board Exam 2023 : नकलविहीन हो बोर्ड परीक्षा, योगी सरकार ने कक्ष निरीक्षकों को सौंपी जिम्मेदारी

प्रदेश की योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में बोर्ड परीक्षा (UP Board Exam 2023) में नकल पर पूरी तरह से नकेल कस दी है. फरवरी में शुरू हो रही आगामी बोर्ड परीक्षाओं को नकल विहीन कराने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कक्ष निरीक्षकों के लिए गाइडलाइन जारी की है.

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Published : Jan 28, 2023, 8:44 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरवरी में शुरू हो रही आगामी बोर्ड परीक्षाओं को नकलविहीन कराने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद को हर जरूरी कदम उठाने को कहा है. माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से परीक्षाओं के दौरान कक्ष निरीक्षकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

इन निर्देशों में कक्ष निरीक्षकों के चयन से लेकर किए जाने वाले कार्यों और उत्तरदायित्वों का पूरा लेखा-जोखा दिया गया है. कहा गया है कि प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर 50 प्रतिशत कक्ष निरीक्षक बाहरी रखे जाएंगे, साथ ही जिस दिन जिस विषय की परीक्षा हो, उस सत्र में उस विषय के अध्यापक की ड्यूटी कक्ष निरीक्षक के रूप में नहीं लगाई जाएगी. इतना ही नहीं, पुरुष कक्ष निरीक्षक किसी भी बालिका परीक्षार्थी की तलाशी नहीं लेगा और छात्रों की तरह कक्ष निरीक्षक भी परीक्षा के दौरान मोबाइल, कैलकुलेटर या ऐसे किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग नहीं कर सकेंगे. माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल के अनुसार, 'प्रत्येक कक्ष में दो कक्ष निरीक्षक लगाए जाएंगे और पांच कक्षों के बीच एक अवमोचक की व्यवस्था रखी जाएगी. अगर एक कक्ष में 40 से ज्यादा छात्र परीक्षा दे रहे होंगे तो वहां तीन कक्ष निरीक्षक भी नियुक्त किए जा सकेंगे. केंद्र की आवश्यक्तानुसार कक्ष निरीक्षक उपलब्ध न होने पर वरीयताक्रम में पहले माध्यमिक विद्यालय के अध्यापकों को नियुक्त किया जाए. अंत में प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों को कक्ष निरीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाए. जिन परीक्षा केंद्रों पर बालिकाओं की परीक्षा होगी वहां पर महिला कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य रूप से की जाएगी. किसी भी अध्यापक को उसके निहित स्वार्थ के लिए उनके आवेदन के आधार पर किसी परीक्षा केंद्र विशेष पर नियुक्त नहीं किया जाएगा.'

50 प्रतिशत कक्ष निरीक्षक होंगे बाहरी : परीक्षा केंद्र पर 50 प्रतिशत कक्ष निरीक्षक बाहरी रखे जाएंगे. इसी तरह ऐसे कक्ष निरीक्षक जिनके परिचित और रिश्तेदार जिस परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दे रहे हैं वो उस केंद्र पर कक्ष निरीक्षण कार्य के लिए पात्र नहीं होंगे. परीक्षा केंद्रों से संबंधित विद्यालय के ऐसे अध्यापकों की सूची संबंधित प्रधानाचार्य या केंद्र व्यवस्थापक द्वारा तैयार कर जिला विद्यालय निरीक्षक को भेजी जाएगी. परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने के लिए निर्णय लिया गया है कि परिषद की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परीक्षा केंद्रों पर उन विद्यालयों के शिक्षकों को नियुक्त न किया जाए जिन विद्यालयों के छात्र उस केंद्र पर परीक्षा दे रहे हों. इसी तरह एक ही प्रबंध तंत्र के अधीन निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर उसी प्रबंध तंत्र से संचालित विद्यालयों के अध्यापकों को निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी.

प्रश्नपत्रों की गोपनीयता का रखना होगा ध्यान : कक्ष निरीक्षकों को उनके कार्यों की भी जिम्मेदारी दी गई है. इसके अनुसार प्रश्नपत्रों की गोपनीयता और सुरक्षा का पूरा ध्यान देना होगा, साथ ही यह भी देखना होगा कि परीक्षार्थी किसी भी नकल सामग्री, मोबाइल फोन, कैलकुलेटर या ऐसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लेकर परीक्षा कक्ष में प्रवेश न कर पाएं. हाईस्कूल में पहली बार सभी विषयों में 20 अंकों के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की परीक्षा ओएमआर शीट पर आयोजित की जा रही है. कक्ष निरीक्षकों की जिम्मेदारी होगी कि समय के अंदर परीक्षार्थियों को उत्तरपुस्तिका के साथ ही ओएमआर शीट उपलब्ध कराएंगे. परीक्षा के दौरान यदि किसी परीक्षार्थी की तबीयत खराब होती है तो कक्ष निरीक्षक तत्काल केंद्र व्यवस्थापक को सूचित करेंगे और परीक्षार्थी को अस्पताल में इलाज के लिए भेजेंगे.

यह भी पढ़ें : Cyber Fraud : ITR रिफंड के चक्कर में खाली हो जाएगा बैंक अकाउंट, साइबर एक्सपर्ट ने दी चेतावनी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरवरी में शुरू हो रही आगामी बोर्ड परीक्षाओं को नकलविहीन कराने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद को हर जरूरी कदम उठाने को कहा है. माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से परीक्षाओं के दौरान कक्ष निरीक्षकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

इन निर्देशों में कक्ष निरीक्षकों के चयन से लेकर किए जाने वाले कार्यों और उत्तरदायित्वों का पूरा लेखा-जोखा दिया गया है. कहा गया है कि प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर 50 प्रतिशत कक्ष निरीक्षक बाहरी रखे जाएंगे, साथ ही जिस दिन जिस विषय की परीक्षा हो, उस सत्र में उस विषय के अध्यापक की ड्यूटी कक्ष निरीक्षक के रूप में नहीं लगाई जाएगी. इतना ही नहीं, पुरुष कक्ष निरीक्षक किसी भी बालिका परीक्षार्थी की तलाशी नहीं लेगा और छात्रों की तरह कक्ष निरीक्षक भी परीक्षा के दौरान मोबाइल, कैलकुलेटर या ऐसे किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग नहीं कर सकेंगे. माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल के अनुसार, 'प्रत्येक कक्ष में दो कक्ष निरीक्षक लगाए जाएंगे और पांच कक्षों के बीच एक अवमोचक की व्यवस्था रखी जाएगी. अगर एक कक्ष में 40 से ज्यादा छात्र परीक्षा दे रहे होंगे तो वहां तीन कक्ष निरीक्षक भी नियुक्त किए जा सकेंगे. केंद्र की आवश्यक्तानुसार कक्ष निरीक्षक उपलब्ध न होने पर वरीयताक्रम में पहले माध्यमिक विद्यालय के अध्यापकों को नियुक्त किया जाए. अंत में प्राथमिक विद्यालयों के अध्यापकों को कक्ष निरीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाए. जिन परीक्षा केंद्रों पर बालिकाओं की परीक्षा होगी वहां पर महिला कक्ष निरीक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य रूप से की जाएगी. किसी भी अध्यापक को उसके निहित स्वार्थ के लिए उनके आवेदन के आधार पर किसी परीक्षा केंद्र विशेष पर नियुक्त नहीं किया जाएगा.'

50 प्रतिशत कक्ष निरीक्षक होंगे बाहरी : परीक्षा केंद्र पर 50 प्रतिशत कक्ष निरीक्षक बाहरी रखे जाएंगे. इसी तरह ऐसे कक्ष निरीक्षक जिनके परिचित और रिश्तेदार जिस परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दे रहे हैं वो उस केंद्र पर कक्ष निरीक्षण कार्य के लिए पात्र नहीं होंगे. परीक्षा केंद्रों से संबंधित विद्यालय के ऐसे अध्यापकों की सूची संबंधित प्रधानाचार्य या केंद्र व्यवस्थापक द्वारा तैयार कर जिला विद्यालय निरीक्षक को भेजी जाएगी. परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने के लिए निर्णय लिया गया है कि परिषद की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि परीक्षा केंद्रों पर उन विद्यालयों के शिक्षकों को नियुक्त न किया जाए जिन विद्यालयों के छात्र उस केंद्र पर परीक्षा दे रहे हों. इसी तरह एक ही प्रबंध तंत्र के अधीन निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर उसी प्रबंध तंत्र से संचालित विद्यालयों के अध्यापकों को निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी.

प्रश्नपत्रों की गोपनीयता का रखना होगा ध्यान : कक्ष निरीक्षकों को उनके कार्यों की भी जिम्मेदारी दी गई है. इसके अनुसार प्रश्नपत्रों की गोपनीयता और सुरक्षा का पूरा ध्यान देना होगा, साथ ही यह भी देखना होगा कि परीक्षार्थी किसी भी नकल सामग्री, मोबाइल फोन, कैलकुलेटर या ऐसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लेकर परीक्षा कक्ष में प्रवेश न कर पाएं. हाईस्कूल में पहली बार सभी विषयों में 20 अंकों के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की परीक्षा ओएमआर शीट पर आयोजित की जा रही है. कक्ष निरीक्षकों की जिम्मेदारी होगी कि समय के अंदर परीक्षार्थियों को उत्तरपुस्तिका के साथ ही ओएमआर शीट उपलब्ध कराएंगे. परीक्षा के दौरान यदि किसी परीक्षार्थी की तबीयत खराब होती है तो कक्ष निरीक्षक तत्काल केंद्र व्यवस्थापक को सूचित करेंगे और परीक्षार्थी को अस्पताल में इलाज के लिए भेजेंगे.

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