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लखीमपुर में हुआ विश्व का सबसे लंबा कवि सम्मेलन, टूटा वर्ल्ड रेकॉर्ड

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर रोड स्थित एक गेस्ट हाउस में 2 अप्रैल को सुबह 10 बजे शुरू हुआ था, देश-दुनिया का सबसे लंबा कवि सम्मेलन एवं मुशायरा. 30 पालियों में होने वाले इस आयोजन में 102 घंटे पूरे होने तक करीब 400 कवि और शायर अपनी रचनाएं पढ़ चुके हैं. इस कवि सम्मलेन का लक्ष्य 121 घंटे का है, जो बुधवार दोपहर में पूरा होगा.

लखीमपुर खीरी में हुआ विश्व का सबसे लंबा कवि सम्मेलन
लखीमपुर खीरी में हुआ विश्व का सबसे लंबा कवि सम्मेलन
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Published : Apr 6, 2021, 11:59 PM IST

लखीमपुर खीरी : जिले में वर्ल्ड लांगेस्ट कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन हुआ. करीब 400 कवियों ने इस लांगेस्ट कवि सम्मेलन में अपना काव्य पाठ किया. कपिलेश फाउंडेशन ने लखीमपुर के गोला में वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने के लिए इस लांगेस्ट कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन किया. करीब 400 कवियों ने लगातार 102 घंटे तक में काव्य पाठ किया है. आयोजकों के मुताबिक अभी कवि सम्मेलन लगातार चल रहा है. लक्ष्य 121 घंटे का रखा गया है. अब इस लांगेस्ट कवि सम्मेलन और मुशायरे का नाम गोल्डन बुक में दर्ज होगा. गोल्डन बुक के एशिया हेड डॉक्टर आलोक कुमार ने बताया कि बुधवार को आयोजकों को सर्टिफिकेट दिया जाएगा.

2 अप्रैल को शुरू हुआ था इवेंट

दो अप्रैल को छोटी काशी गोला गोकर्णनाथ के शहनाई गेस्ट हाउस में लांगेस्ट कवि सम्मेलन एवं मुशायरा शुरू हुआ था. सुबह 10 बजे शुरू हुए इस मैराथन कवि सम्मेलन में यूपी के अलग अलग जिलों और दिल्ली से करीब 400 कवियों को आमंत्रित किया गया था. कवियों-शायरों ने अपनी कविता, कलाम व गजल पेश की. कवि सम्मेलन के 50 घण्टे, 75 घण्टे, 100 घण्टे पूरे होने पर जश्न मनाया गया.

पुराना रिकॉड टूटा

आइजक मण्डल के प्रमुख यतीश चन्द्र शुक्ला ने बताया कि गोल्डन बुक ऑफ रेकॉर्ड के एशिया हेड डॉक्टर आलोक कुमार की देखरेख में पूरा कार्यक्रम हुआ है. डॉ आलोक कुमार ने घोषणा करते हुए कहा कि पुराना रेकॉर्ड टूट गया. आयोजकों के मुताबिक 102 घंटे तक लगातार चलने वाले दादरी का रेकॉर्ड लखीमपुर खीरी के छोटी काशी के नाम से मशहूर गोला गोकर्णनाथ में टूट गया. इसके पहले पाकिस्तान में 80 घण्टे का रिकॉर्ड भी था. लगातार 102 घण्टों तक कव्यपाठ हुआ है. 400 कवियों ने इस लांगेस्ट कवि सम्मेलन, मुशायरे में पाठ किया.


नियमों का हुआ पालन

आयोजक मण्डल की शिप्रा खरे ने बताया कि नियमों का पालन पूरी संजीदगी से हुआ है. संचालक पांच मिनट से ज्यादा नहीं बोले. एक कवि ज्यादा से ज्यादा 20 मिनट और कम से कम दो मिनट तक ही कविता पाठ किया. संचालन करने वाले ने उस पाली में काव्यपाठ नहीं किया. कुछ कवियों ने दो तीन बार भी काव्य पाठ किया, पर नियमों के अनुसार.


मधुकर शैदाई से लेकर गंवार लखीमपुरी ने पढ़ी कविताएं

लांगेस्ट कवि सम्मेलन में बड़े-बड़े कवि और स्थानीय कवियों ने भी शिरकत की. सबसे कम आयु के 13 साल के बच्चे यश पटेल ने इस महाकवि सम्मेलन में शिरकत कर अपने जीवन की काव्य यात्रा का प्रारंभ किया. कवियों में संत कुमार वाजपेई, शिप्रा खरे, डॉक्टर वेद प्रकाश अग्निहोत्री, श्रीकांत तिवारी, रमेश पांडे, शिखर शलभ, सुधीर अवस्थी, रजनीश मिश्रा, द्वारका प्रसाद, सुरेश शुक्ला, संदेश मधुकर शैदाई, द्वारका प्रसाद, डॉक्टर आलोक मिश्रा, पूजा पाण्डेय, ओम नीरव, बेदिल भारती, जेपी नाचीज, लक्ष्मी खरे गवार लखीमपुरी, अरविंद गुप्ता, राघव शुक्ला, अभिषेक निष्कर्ष, राजकिशोर मिश्रा आदि तमाम कवियों ने अपना पाठ किया.

इसे भी पढ़ें- प. बंगाल चुनाव : इशारों में ही पीएम मोदी ने लगाया 'मास्टर स्ट्रोक'

बुधवार को दिया जाएगा सर्टिफिकेट

102 घंटे पूरे होने के बाद अभी भी लांगेस्ट कवि सम्मेलन और मुशायरा लगातार जारी है. आयोजक शिप्रा खरे और यतीश चंद्र शुक्ला ने बताया कि कवि सम्मेलन का 121 घंटे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जो बुधवार दोपहर में पूरा हो जाएगा. इसके बाद गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के एशिया हेड डॉक्टर आलोक कुमार सर्टिफिकेट देकर इस आयोजन को सर्टिफाई करेंगे.

लखीमपुर खीरी : जिले में वर्ल्ड लांगेस्ट कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन हुआ. करीब 400 कवियों ने इस लांगेस्ट कवि सम्मेलन में अपना काव्य पाठ किया. कपिलेश फाउंडेशन ने लखीमपुर के गोला में वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने के लिए इस लांगेस्ट कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन किया. करीब 400 कवियों ने लगातार 102 घंटे तक में काव्य पाठ किया है. आयोजकों के मुताबिक अभी कवि सम्मेलन लगातार चल रहा है. लक्ष्य 121 घंटे का रखा गया है. अब इस लांगेस्ट कवि सम्मेलन और मुशायरे का नाम गोल्डन बुक में दर्ज होगा. गोल्डन बुक के एशिया हेड डॉक्टर आलोक कुमार ने बताया कि बुधवार को आयोजकों को सर्टिफिकेट दिया जाएगा.

2 अप्रैल को शुरू हुआ था इवेंट

दो अप्रैल को छोटी काशी गोला गोकर्णनाथ के शहनाई गेस्ट हाउस में लांगेस्ट कवि सम्मेलन एवं मुशायरा शुरू हुआ था. सुबह 10 बजे शुरू हुए इस मैराथन कवि सम्मेलन में यूपी के अलग अलग जिलों और दिल्ली से करीब 400 कवियों को आमंत्रित किया गया था. कवियों-शायरों ने अपनी कविता, कलाम व गजल पेश की. कवि सम्मेलन के 50 घण्टे, 75 घण्टे, 100 घण्टे पूरे होने पर जश्न मनाया गया.

पुराना रिकॉड टूटा

आइजक मण्डल के प्रमुख यतीश चन्द्र शुक्ला ने बताया कि गोल्डन बुक ऑफ रेकॉर्ड के एशिया हेड डॉक्टर आलोक कुमार की देखरेख में पूरा कार्यक्रम हुआ है. डॉ आलोक कुमार ने घोषणा करते हुए कहा कि पुराना रेकॉर्ड टूट गया. आयोजकों के मुताबिक 102 घंटे तक लगातार चलने वाले दादरी का रेकॉर्ड लखीमपुर खीरी के छोटी काशी के नाम से मशहूर गोला गोकर्णनाथ में टूट गया. इसके पहले पाकिस्तान में 80 घण्टे का रिकॉर्ड भी था. लगातार 102 घण्टों तक कव्यपाठ हुआ है. 400 कवियों ने इस लांगेस्ट कवि सम्मेलन, मुशायरे में पाठ किया.


नियमों का हुआ पालन

आयोजक मण्डल की शिप्रा खरे ने बताया कि नियमों का पालन पूरी संजीदगी से हुआ है. संचालक पांच मिनट से ज्यादा नहीं बोले. एक कवि ज्यादा से ज्यादा 20 मिनट और कम से कम दो मिनट तक ही कविता पाठ किया. संचालन करने वाले ने उस पाली में काव्यपाठ नहीं किया. कुछ कवियों ने दो तीन बार भी काव्य पाठ किया, पर नियमों के अनुसार.


मधुकर शैदाई से लेकर गंवार लखीमपुरी ने पढ़ी कविताएं

लांगेस्ट कवि सम्मेलन में बड़े-बड़े कवि और स्थानीय कवियों ने भी शिरकत की. सबसे कम आयु के 13 साल के बच्चे यश पटेल ने इस महाकवि सम्मेलन में शिरकत कर अपने जीवन की काव्य यात्रा का प्रारंभ किया. कवियों में संत कुमार वाजपेई, शिप्रा खरे, डॉक्टर वेद प्रकाश अग्निहोत्री, श्रीकांत तिवारी, रमेश पांडे, शिखर शलभ, सुधीर अवस्थी, रजनीश मिश्रा, द्वारका प्रसाद, सुरेश शुक्ला, संदेश मधुकर शैदाई, द्वारका प्रसाद, डॉक्टर आलोक मिश्रा, पूजा पाण्डेय, ओम नीरव, बेदिल भारती, जेपी नाचीज, लक्ष्मी खरे गवार लखीमपुरी, अरविंद गुप्ता, राघव शुक्ला, अभिषेक निष्कर्ष, राजकिशोर मिश्रा आदि तमाम कवियों ने अपना पाठ किया.

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बुधवार को दिया जाएगा सर्टिफिकेट

102 घंटे पूरे होने के बाद अभी भी लांगेस्ट कवि सम्मेलन और मुशायरा लगातार जारी है. आयोजक शिप्रा खरे और यतीश चंद्र शुक्ला ने बताया कि कवि सम्मेलन का 121 घंटे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जो बुधवार दोपहर में पूरा हो जाएगा. इसके बाद गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के एशिया हेड डॉक्टर आलोक कुमार सर्टिफिकेट देकर इस आयोजन को सर्टिफाई करेंगे.

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