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लखीमपुर खीरीः जिला अस्पताल में बर्बाद होता है लाखों लीटर पानी

यूपी के सबसे बड़े जिले में सबसे बड़ा पानी का भंडार भी है. तराई क्षेत्र का यह जिला पानी की प्रचुर उपलब्धता के लिए जाना जाता है. ग्लोबल चेंजेज के चलते अब तराई में भी अलार्मिंग कंडीशन आने लगी है. वाटर लेबल नीचे जा रहा है. इसके बावजूद यहां के जिला अस्पताल में घंटों तक पीने के पानी की बर्बादी की जाती है.

जिला अस्पताल में बर्बाद होता पानी.
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Published : Jun 22, 2019, 1:07 PM IST

लखीमपुर खीरी: पीएम नरेंद्र मोदी देश भर के प्रधानों को पत्र भेजकर पानी बचाने के उपाय करने की अपील कर रहे हैं. वहीं लखीमपुर खीरी जिले का सरकारी जिला अस्पताल रोज लाखों लीटर पीने का पानी बर्बाद कर रहा है. यहां के जिला अस्पताल में हमेशा बाढ़ का मंजर देखने को मिल जाता है. वार्डो के बाहर पानी भरा होता है, लेकिन जिम्मेदार आंखों पर पट्टी बांधे बैठे हैं.

जिला अस्पताल में बर्बाद होता पानी.

क्या है मामला

  • जिला अस्पताल में मोर्चरी के पास बनी टंकी से रोज सुबह घंटों तक पानी बर्बाद होता है.
  • यहां कार्यरत कर्मचारी रोज सुबह बटन दबाकर गायब हो जाता है, जिससे घंटों तक पानी बर्बाद होता है.
  • पीने का यह पानी जिला अस्पताल में पुराने सीएमओ ऑफिस और जनरल वार्ड के सामने बाढ़ के तौर पर देखा जाता है.
  • इसके बाद यह पानी जो पीने लायक होता है, बहते हुए नालियों में चला जाता है.
  • इससे तीमारदारों को भी दिक्कत होती है, साथ ही रोज पानी भरने से संक्रामक रोग फैलने का भी खतरा बढ़ जाता है.

ईटीवी भारत ने की पहल

  • ईटीवी भारत की टीम ने पानी की बर्बादी को लेकर जिम्मेदारों से सम्पर्क किया और इसे रोकने को कहा.
  • सीएमएस डॉ आरके वर्मा ने कैमरे पर कुछ न बोलते हुए अस्पताल में पानी निकासी की कोई व्यवस्था न होने का रोना रोया.
  • उन्होंने कहा कि कोई इंजीनियर नहीं है और न ही वर्षों से कोई बजट आया, जिससे व्यवस्था ठीक हो सके.

पानी बचाने को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें जोर दे रही हैं. अगर अस्पताल में ऐसा हो रहा है तो सीएमएस से पूछ कर इसपर तत्काल रोक लगाई जाएगी. इसके साथ ही मामले में उचित कार्रवाई भी की जाएगी.
-शैलेंद्र कुमार सिंह, जिलाधिकारी

लखीमपुर खीरी: पीएम नरेंद्र मोदी देश भर के प्रधानों को पत्र भेजकर पानी बचाने के उपाय करने की अपील कर रहे हैं. वहीं लखीमपुर खीरी जिले का सरकारी जिला अस्पताल रोज लाखों लीटर पीने का पानी बर्बाद कर रहा है. यहां के जिला अस्पताल में हमेशा बाढ़ का मंजर देखने को मिल जाता है. वार्डो के बाहर पानी भरा होता है, लेकिन जिम्मेदार आंखों पर पट्टी बांधे बैठे हैं.

जिला अस्पताल में बर्बाद होता पानी.

क्या है मामला

  • जिला अस्पताल में मोर्चरी के पास बनी टंकी से रोज सुबह घंटों तक पानी बर्बाद होता है.
  • यहां कार्यरत कर्मचारी रोज सुबह बटन दबाकर गायब हो जाता है, जिससे घंटों तक पानी बर्बाद होता है.
  • पीने का यह पानी जिला अस्पताल में पुराने सीएमओ ऑफिस और जनरल वार्ड के सामने बाढ़ के तौर पर देखा जाता है.
  • इसके बाद यह पानी जो पीने लायक होता है, बहते हुए नालियों में चला जाता है.
  • इससे तीमारदारों को भी दिक्कत होती है, साथ ही रोज पानी भरने से संक्रामक रोग फैलने का भी खतरा बढ़ जाता है.

ईटीवी भारत ने की पहल

  • ईटीवी भारत की टीम ने पानी की बर्बादी को लेकर जिम्मेदारों से सम्पर्क किया और इसे रोकने को कहा.
  • सीएमएस डॉ आरके वर्मा ने कैमरे पर कुछ न बोलते हुए अस्पताल में पानी निकासी की कोई व्यवस्था न होने का रोना रोया.
  • उन्होंने कहा कि कोई इंजीनियर नहीं है और न ही वर्षों से कोई बजट आया, जिससे व्यवस्था ठीक हो सके.

पानी बचाने को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें जोर दे रही हैं. अगर अस्पताल में ऐसा हो रहा है तो सीएमएस से पूछ कर इसपर तत्काल रोक लगाई जाएगी. इसके साथ ही मामले में उचित कार्रवाई भी की जाएगी.
-शैलेंद्र कुमार सिंह, जिलाधिकारी

Intro:लखीमपुर-पीएम नरेंद्र मोदी देश भर के प्रधानों को पत्र भेज पानी बचाने के उपाय करने की अपील आज कर रहे वहीं यूपी के लखीमपुर खीरी जिले का सरकारी जिला अस्पताल रोज लाखों लीटर पीने का पानी बर्बाद कर रहा। रोज ही जिला अस्पताल में बाढ़ आ जाती है। वार्डो के बाहर पानी भरा होता है। पर जिम्मेदार आंखों पर पट्टी बाँधे बैठे हैं। ईटीवी भारत के सवाल पर डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कार्यवाई की बात कही है।
यूपी के सबसे बड़े जिले में सबसे बड़ा पानी का भंडार भी है। तराई का ये जिला पानी की प्रचुर उपलब्धता के लिए जाना जाता है। पर ग्लोबल चेंजेज के चलते अब तराई में भी अलार्मिंग कंडीशन आने लगी है। वाटर लेबल नीचे जा रहा। वर्षा जल संचय हो नहीं रहा।


Body:जिला अस्पताल में मर्चरी के पास टँकी बनी है। रोज इस टँकी को सुबह कर्मचारी बटन दबा गायब हो जाते। घण्टों तक रोज ही पीने का पानी बर्बाद होकर जिला अस्पताल में में पुराने सीएमओ आफिस और जनरल वार्ड के सामने बाढ़ ले आता है। पीने का ये कीमती लाखो लीटर पानी बह कर नालियों में चला जाता है। पानी की बर्बादी के साथ ही जिला अस्पताल में पानी भरने से मरीजों तीमारदारों को निकलने उठने बैठने तक मे दिक्कते आने लगती हैं। वहीं रोज पानी भरने से मच्छर और संक्रमण फैलने का भी खतरा बढ़ जाता है। अस्पताल आने वाले कहते हैं गाँवो में खेती के लिए पानी नहीं मिल रहा। पीने के पानी की कमी होती जा रही ऐसे में ये बर्बादी रुकनी चाहिए।


Conclusion:लाखों लीटर पानी रोज बर्बाद होने का नजारा जब ईटीवी भारत की टीम ने देखा तो तुरत जिम्मेदारों से सम्पर्क कर उनको इस बर्बादी को रोकने को कहा गया।
सीएमएस डॉ आरके वर्मा कैमरे पर बोलने को राजी नहीं हुए। अस्पताल में पानी निकासी की कोई व्यवस्था न होने का रोना रोया। बोले कोई इंजीनियर भी नहीं है वर्षो से न कोई बजट ही अलग से है। जिससे कोई व्यवस्था हो सके कि पानी निकल जाए। पर सवाल ये कि ये बर्बादी आखिर हो क्यों रही।
इधर ईटीवी भारत ने जब डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह को इस बारे में बताया गया तो वो बोले पानी बचाने को केंद्र और राज्य सभी सरकारें जोर दे रहीं। अगर अस्पताल में ऐसा हो रहा तो सीएमएस से पूंछ तत्काल रोक लगाई जाएगी। कार्यवाई होगी।
वाक थू
बाइट-तीमारदार
बाइट-शैलेन्द्र कुमार सिंह(डीएम खीरी)
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