लखीमपुर खीरी: पीएम नरेंद्र मोदी देश भर के प्रधानों को पत्र भेजकर पानी बचाने के उपाय करने की अपील कर रहे हैं. वहीं लखीमपुर खीरी जिले का सरकारी जिला अस्पताल रोज लाखों लीटर पीने का पानी बर्बाद कर रहा है. यहां के जिला अस्पताल में हमेशा बाढ़ का मंजर देखने को मिल जाता है. वार्डो के बाहर पानी भरा होता है, लेकिन जिम्मेदार आंखों पर पट्टी बांधे बैठे हैं.
क्या है मामला
- जिला अस्पताल में मोर्चरी के पास बनी टंकी से रोज सुबह घंटों तक पानी बर्बाद होता है.
- यहां कार्यरत कर्मचारी रोज सुबह बटन दबाकर गायब हो जाता है, जिससे घंटों तक पानी बर्बाद होता है.
- पीने का यह पानी जिला अस्पताल में पुराने सीएमओ ऑफिस और जनरल वार्ड के सामने बाढ़ के तौर पर देखा जाता है.
- इसके बाद यह पानी जो पीने लायक होता है, बहते हुए नालियों में चला जाता है.
- इससे तीमारदारों को भी दिक्कत होती है, साथ ही रोज पानी भरने से संक्रामक रोग फैलने का भी खतरा बढ़ जाता है.
ईटीवी भारत ने की पहल
- ईटीवी भारत की टीम ने पानी की बर्बादी को लेकर जिम्मेदारों से सम्पर्क किया और इसे रोकने को कहा.
- सीएमएस डॉ आरके वर्मा ने कैमरे पर कुछ न बोलते हुए अस्पताल में पानी निकासी की कोई व्यवस्था न होने का रोना रोया.
- उन्होंने कहा कि कोई इंजीनियर नहीं है और न ही वर्षों से कोई बजट आया, जिससे व्यवस्था ठीक हो सके.
पानी बचाने को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें जोर दे रही हैं. अगर अस्पताल में ऐसा हो रहा है तो सीएमएस से पूछ कर इसपर तत्काल रोक लगाई जाएगी. इसके साथ ही मामले में उचित कार्रवाई भी की जाएगी.
-शैलेंद्र कुमार सिंह, जिलाधिकारी