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पर्यावरण दिवस: यूपी सरकार वृक्षारोपण करने पर किसानों को देगी 'ऑक्सी इको कार्ड' - lakhimpur kheri news

यूपी सरकार इस साल वृक्षारोपण महाकुम्भ अभियान चलाकर 22 करोड़ पौधे ग्रामीणों, विभिन्न विभागों और संस्थाओं के साथ मिलकर लगवाएगी. इसके लिए प्रदेश में पंजीकृत दो करोड़ किसान अनिवार्य रूप से 10-10 पेड़ लगाएंगे. जो किसान वृक्षारोपण अभियान में भाग लेंगे उन किसानों को 'ऑक्सी इको कार्ड' दिया जाएगा, जिसमें प्रजातियों, पेड़ों की तादात और लगाए जाने का साल लिखा होगा.

डीएफओ समीर कुमार.
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Published : Jun 5, 2019, 10:17 PM IST

लखीमपुर खीरी: यूपी के रजिस्टर्ड किसानों को अब यूपी सरकार पेड़ लगाने पर 'ऑक्सी इको कार्ड' देगी. ये कार्ड किसानों की आमदनी दोगुनी करने में भी अहम रोल निभाएगा. 2022 तक यूपी के किसानों की आय दोगुनी करने के प्लान के चलते किसानों को ग्रीन रिवोल्यूशन में सरकार सहयोगी भी बना रही है. सूबे में ग्रीनरी बढ़ाने के लिए वन विभाग अब किसानों को 'ऑक्सी इको कार्ड' देगा.

  • वन नीति 2019-20 में सरकार ने चरणबद्ध ढंग से तीन महीनों में वृक्षारोपण करने की योजना बनाई है.
  • जून के महीनों में ही प्रधानों और माइक्रो प्लान ग्राम स्तर पर बनाकर गड्ढे खोदे जाने हैं.
  • ग्रामीणों को पेड़ लगाने के सही तरीके से भी वन विभाग के एक्सपर्ट अवगत करा रहे हैं.
  • 15 जून तक प्रशिक्षण कार्यक्रम वन विभाग के कर्मचारी अफसर नर्सरियों पर देंगे.
  • 15 जुलाई से काम शुरू होगा. चरणबद्ध ढंग से 15 जुलाई तक 15 फीसदी वृक्षरोपण, 31 जुलाई तक 40 फीसदी वृक्षारोपण करना है.
  • ग्राम प्रधान मनरेगा से पौधरोपण कराएंगे. रोजगार सेवक को वृक्ष अभिभावक बनाया गया है, जो पेड़ों की देखभाल करेंगे.
    जानकारी देते डीएफओ समीर कुमार.

पंजीकृत किसान लगाएंगे 10 पौधे

  • प्रदेश में पंजीकृत दो करोड़ किसान अनिवार्य रूप से 10-10 पेड़ लगाएंगे.
  • किसानों को इन पेड़ों की सुरक्षा भी करनी होगी.

जियो टैगिंग भी होगी

  • ग्राम पंचायत स्तर पर लगाए गए पेड़ो में जियो टैगिंग भी की जाएगी.
  • इससे उसकी प्रमाणिकता बनी रहे. ये टैगिंग जीपीएस के माध्यम से होगी.

डीएम से लेकर मुख्य सचिव की होगी जिम्मेदारी तय

  • 22 करोड़ वृक्षारोपण के लिए डीएम से लेकर मुख्य सचिव तक की जिम्मेदारी इस अभियान में तय की गई है.
  • डीएम माइक्रो प्लान के आधार पर जिला वृक्षारोपण समिति की हर 15 दिन में बैठक लेंगे और प्रगति जानेंगे.
  • कमिश्नर वृक्षारोपण कार्यक्रम के क्रियान्वयन का अनुश्रवण हर महीने करेंगे.
  • प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण के नेतृत्व में एक समिति गठित की जाएगी, जिसमें सभी कार्यदाई विभागों के प्रमुख सचिव और उनके नामित प्रतिनिधि उपस्थित रहकर अपनी प्रगति आख्या देंगे.
  • मुख्य सचिव सभी डीएम कमिश्नर कि हर 15 दिन या सप्ताह में वीडियो कांफ्रेंसिंग कर विभाग वार प्रगति पर निगरानी रखेंगे.

वृक्षारोपण महाकुम्भ में किसानों की आय बढ़ाने पर भी है जोर

  • मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा भी किया है.
  • ऐसे में इस वृक्षारोपण महाकुंभ के माध्यम से भी किसानों को ऐसी प्रजातियों के पौधों को लगाकर शॉर्ट टर्म में लाभान्वित करने की भी योजना है.
  • जिससे किसान को आर्थिक मदद मिल सके. इसमें दिसम्बर के महीने में पापुलर का वृक्षारोपण किया जाना शामिल है.
  • किसानों को चारा प्रजाति के पौधों को लगाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा.
  • इसमें शहतूत, सहजन, देसी बबूल, सिरस, जंगल जलेबी, अगस्त, कचनार, बेर, शीशम व खेजरी आदि प्रजातियों के पौधों का रोपण प्रस्तावित है.

किसानों को मिलेगा 'ऑक्सी इको कार्ड'

  • जो किसान वृक्षारोपण अभियान में भाग लेंगे उन किसानों को एक विशेष प्रकार का कार्ड दिया जाएगा.
  • इस कार्ड का नाम होगा 'ऑक्सी इको कार्ड'. इस कार्ड में किसानों की लगाई गई प्रजातियों, पेड़ो की तादात और लगाए जाने का साल लिखा होगा.
  • इस कार्ड के होने से वृक्षारोपण महाकुम्भ में शामिल किसानों को कार्ड के माध्यम में सागौन, खैर आदि की प्रजातियों के काटने में परमिट देने में प्राथमिकता दी जाएगी.

लखीमपुर खीरी: यूपी के रजिस्टर्ड किसानों को अब यूपी सरकार पेड़ लगाने पर 'ऑक्सी इको कार्ड' देगी. ये कार्ड किसानों की आमदनी दोगुनी करने में भी अहम रोल निभाएगा. 2022 तक यूपी के किसानों की आय दोगुनी करने के प्लान के चलते किसानों को ग्रीन रिवोल्यूशन में सरकार सहयोगी भी बना रही है. सूबे में ग्रीनरी बढ़ाने के लिए वन विभाग अब किसानों को 'ऑक्सी इको कार्ड' देगा.

  • वन नीति 2019-20 में सरकार ने चरणबद्ध ढंग से तीन महीनों में वृक्षारोपण करने की योजना बनाई है.
  • जून के महीनों में ही प्रधानों और माइक्रो प्लान ग्राम स्तर पर बनाकर गड्ढे खोदे जाने हैं.
  • ग्रामीणों को पेड़ लगाने के सही तरीके से भी वन विभाग के एक्सपर्ट अवगत करा रहे हैं.
  • 15 जून तक प्रशिक्षण कार्यक्रम वन विभाग के कर्मचारी अफसर नर्सरियों पर देंगे.
  • 15 जुलाई से काम शुरू होगा. चरणबद्ध ढंग से 15 जुलाई तक 15 फीसदी वृक्षरोपण, 31 जुलाई तक 40 फीसदी वृक्षारोपण करना है.
  • ग्राम प्रधान मनरेगा से पौधरोपण कराएंगे. रोजगार सेवक को वृक्ष अभिभावक बनाया गया है, जो पेड़ों की देखभाल करेंगे.
    जानकारी देते डीएफओ समीर कुमार.

पंजीकृत किसान लगाएंगे 10 पौधे

  • प्रदेश में पंजीकृत दो करोड़ किसान अनिवार्य रूप से 10-10 पेड़ लगाएंगे.
  • किसानों को इन पेड़ों की सुरक्षा भी करनी होगी.

जियो टैगिंग भी होगी

  • ग्राम पंचायत स्तर पर लगाए गए पेड़ो में जियो टैगिंग भी की जाएगी.
  • इससे उसकी प्रमाणिकता बनी रहे. ये टैगिंग जीपीएस के माध्यम से होगी.

डीएम से लेकर मुख्य सचिव की होगी जिम्मेदारी तय

  • 22 करोड़ वृक्षारोपण के लिए डीएम से लेकर मुख्य सचिव तक की जिम्मेदारी इस अभियान में तय की गई है.
  • डीएम माइक्रो प्लान के आधार पर जिला वृक्षारोपण समिति की हर 15 दिन में बैठक लेंगे और प्रगति जानेंगे.
  • कमिश्नर वृक्षारोपण कार्यक्रम के क्रियान्वयन का अनुश्रवण हर महीने करेंगे.
  • प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण के नेतृत्व में एक समिति गठित की जाएगी, जिसमें सभी कार्यदाई विभागों के प्रमुख सचिव और उनके नामित प्रतिनिधि उपस्थित रहकर अपनी प्रगति आख्या देंगे.
  • मुख्य सचिव सभी डीएम कमिश्नर कि हर 15 दिन या सप्ताह में वीडियो कांफ्रेंसिंग कर विभाग वार प्रगति पर निगरानी रखेंगे.

वृक्षारोपण महाकुम्भ में किसानों की आय बढ़ाने पर भी है जोर

  • मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा भी किया है.
  • ऐसे में इस वृक्षारोपण महाकुंभ के माध्यम से भी किसानों को ऐसी प्रजातियों के पौधों को लगाकर शॉर्ट टर्म में लाभान्वित करने की भी योजना है.
  • जिससे किसान को आर्थिक मदद मिल सके. इसमें दिसम्बर के महीने में पापुलर का वृक्षारोपण किया जाना शामिल है.
  • किसानों को चारा प्रजाति के पौधों को लगाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा.
  • इसमें शहतूत, सहजन, देसी बबूल, सिरस, जंगल जलेबी, अगस्त, कचनार, बेर, शीशम व खेजरी आदि प्रजातियों के पौधों का रोपण प्रस्तावित है.

किसानों को मिलेगा 'ऑक्सी इको कार्ड'

  • जो किसान वृक्षारोपण अभियान में भाग लेंगे उन किसानों को एक विशेष प्रकार का कार्ड दिया जाएगा.
  • इस कार्ड का नाम होगा 'ऑक्सी इको कार्ड'. इस कार्ड में किसानों की लगाई गई प्रजातियों, पेड़ो की तादात और लगाए जाने का साल लिखा होगा.
  • इस कार्ड के होने से वृक्षारोपण महाकुम्भ में शामिल किसानों को कार्ड के माध्यम में सागौन, खैर आदि की प्रजातियों के काटने में परमिट देने में प्राथमिकता दी जाएगी.
Intro:लखीमपुर- यूपी के रजिस्टर्ड किसानों को अब यूपी सरकार पेड़ लगाने पर 'आक्सी इको कार्ड' देगी। ये कार्ड किसानों की आमदनी दोगुनी करने में भी रोल निभाएगा। 2022 तक यूपी के किसानों की आय दोगुनी करने के प्लान के चलते किसानों को ग्रीन रिवोल्यूशन में सरकार सहयोगी भी बना रही। सूबे में ग्रीनरी बढ़ाने के लिए वन विभाग अब किसानों को 'ऑक्सी इको कार्ड' देगा।
यूपी सरकार इस साल वृक्षारोपण महाकुम्भ अभियान चलाकर 22 करोड़ पौधे ग्रामीणों,विभिन्न विभागों और संस्थाओं के साथ मिलकर लगवाएगी। डीएफओ दक्षिण खीरी समीर कुमार कहते हैं,ग्रामीणों को जोड़कर ही पर्यावरण की लड़ाई लड़ी जा सकती है। इसीलिए हम किसानों को आक्सी इको कार्ड देंगे। जो किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेंगे।
ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती जा रही है। यूपी के ही कई शहरों में पारा 48 के पार हो रहा। गर्मी के चलते भूजल संकट भी बढ़ता जा रहा। ऐसे में वृक्ष ही हैं जो पर्यावरण के इस भीषण खतरे से मनुष्य जाति को बचा सकते हैं। भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार यूपी में 9.18% क्षेत्र वनावरण एवं वृक्ष आवरण से आच्छादित है। जिसको और बढ़ाना है। इसलिए कम्युनिटी को जोड़कर वृक्षारोपड़ अभियान को चलाए जाने पर योगी सरकार का जोर है।



Body:वन नीति 2019-20 में सरकार ने चरण बद्ध ढंग से तीन महीनों में वृक्षारोपण करने की योजना बनाई है। जून के महीनों में ही प्रधानों और माइक्रो प्लान ग्राम स्तर पर बनाकर गड्ढे खोदे जाने हैं। ग्रामीणों को पेड़ लगाने के सही तरीके से भी वन विभाग के एक्सपर्ट अवगत करा रहे हैं । 15 जून तक प्रशिक्षण कार्यक्रम वन विभाग के कर्मचारी अफसर नर्सरियो पर देंगे। 15 जुलाई से काम शुरू होगा। चरणबद्ध ढंग से 15 जुलाई तक 15 फीसदी वृक्षरोपण,31 जुलाई तक 40 फीसदी वृक्षारोपण करना है। ग्राम प्रधान मनरेगा से पौधरोपण कराएँगे। रोजगार सेवक को वृक्ष अभिभावक बनाया गया है। जो पेड़ो की देखभाल करेंगे।


Conclusion:ग्राम पंचायत की भूमि पर प्रधान मनरेगा से पेड़ लगवाएंगे। उनकी सुरक्षा का प्रबंध करेंगे। ग्राम विकास विभाग 10 लाख पौधे लगवाएगा। शहरी इलाकों में नगर निगम,नगरपालिकाएं और नगर पंचायतें पौधरोपण प्लान बनाकर करवाएंगी। इस तरह 22 करोड़ पौधरोपण होगा।
पंजीकृत किसान लगाएंगे 10 पौधे
प्रदेश में पंजीकृत दो करोड़ किसान अनिवार्य रूप से 10-10 पेड़ लगाएँगे। किसानों को इन पेड़ों की सुरक्षा भी करनी होगी।
जियो टैगिंग भी होगी
ग्राम पंचायत स्तर पर लगाए गए पेड़ो में जियो टैगिंग भी की जाएगी। जिससे उसकी प्रमाणिकता बनी रहे। ये टैगिंग जीपीएस के माध्यम से होगी।
डीएम से लेकर मुख्य सचिव की होगी जिम्मेदारी तय
22 करोड़ वृक्षारोपण के लिए डीएम से लेकर मुख्य सचिव तक की जिम्मेदारी इस अभियान में तय की गई है। डीएम माइक्रो प्लान के आधार पर जिला वृक्षारोपण समिति की हर 15 दिन में बैठक लेंगे और प्रगति जानेंगे। कमिश्नर वृक्षारोपण कार्यक्रम के क्रियान्वयन का अनुश्रवण हर महीने करेंगे। प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण के नेतृत्व में एक समिति गठित की जाएगी जिसमें सभी कार्यदाई विभागों के प्रमुख सचिव और उनके नामित प्रतिनिधि उपस्थित रहकर अपनी प्रगति आख्या देंगे। मुख्य सचिव सभी डीएम कमिश्नर कि हर 15 दिन या सप्ताह में वीडियो कांफ्रेंसिंग कर विभाग वार प्रगति पर निगरानी रखेंगे।
वृक्षारोपण महाकुम्भ में किसानों की आय बढ़ाने पर भी है जोर
मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा भी किया है ऐसे में इस वृक्षारोपण महाकुंभ के माध्यम से भी किसानों को ऐसी प्रजातियों के पौधों को लगाकर शॉर्ट टर्म में लाभान्वित करने की भी योजना है जिससे किसान को आर्थिक मदद मिल सके। इसमें दिसम्बर के महीने में पापुलर का वृक्षारोपण किया जाना शामिल है। किसानों को चारा प्रजाति के पौधों को लगाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। जिसमें शहतूत,सहजन,देसी बबूल,सिरस,जंगल जलेबी,अगस्त,कचनार बेर,शीशम व खेजरी आदि प्रजातियों के पौधों का रोपण प्रस्तावित है।
-किसानों को मिलेगा आक्सी इको कार्ड
पेड़ लगाकर किसान ऑक्सीजन में बढ़ोतरी करेंगे और इसीलिए किसानों को एक 'आक्सी इको कार्ड' दिया जाएगा। जो किसान वृक्षारोपण अभियान में भाग लेंगे उन किसानों को एक विशेष प्रकार का काट दिया जाएगा इस कार्ड का नाम होगा 'आक्सी इको कार्ड'। इस कार्ड में किसानों की लगाई गई प्रजातियों,पेड़ो की तादात और लगाए जाने का साल लिखा होगा। इस कार्ड के होने से वृक्षारोपण महाकुम्भ में शामिल किसानों को कार्ड के माध्यम में सागौन,खैर आदि की प्रजातियों के काटने में परमिट देने में प्राथमिकता दी जाएगी।
बाइट-समीर कुमार(डीएफओ दक्षिण खीरी वन प्रभाग)
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प्रशान्त पाण्डेय
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