लखीमपुर खीरी: कोरोना वायरस को देश में लॉकडाउन है, जिसके चलते मजदूर काफी परेशान हैं. प्रदेश सरकार ने प्रवासी मजदूरों को आश्रय स्थलों में न रखने की योजना बना डाली है. सरकार अब इन मजदूरों के हाथों पर ठप्पा लगाकर घर में ही इन्हें होम क्वारंटाइन करने जा रही है.
देश के विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे मजदूरों को सरकार एक राहत किट दे रही है. इस राहत किट में 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 5 किलो आलू, 2 किलो बना चना, 2 किलो अरहर की दाल, धनिया, पाउडर, हल्दी, आधा किलो नमक और 1 किलो सरसों का तेल मौजूद है. मजदूर यह किट पाकर कुछ देर के लिए ही सही खुश नजर आ रहे हैं. घर पहुंचने की खुशी इनके चेहरों पर साफ दिखाई पड़ रही है.
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ठप्पा लगाने को लेकर पूछे गए सवाल पर अफसर कह रहे हैं कि यह ठप्पा सिर्फ इसलिए लगाया जा रहा है कि मजदूरों की गांव में भी पहचान रहे कि ये प्रवासी मजदूर हैं. गांव वाले इनसे दूरी बना कर रखें.
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कोरोना वायरस के कहर में इन मजदूरों की रोजी-रोटी छिन गई है. रोजगार चला गया है. अब लॉकडाउन 3 भी आ गया है. यह छोटे मजदूर बड़े शहरों में बड़े सपने लेकर गए थे, पर कोरोना वायरस के खौफ से अब वापस अपने जिलों में लौट आए हैं.
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राशन पाकर इनके चेहरे पर अभी तो तात्कालिक खुशी दिख रही है पर बड़ा सवाल यह है कि 31 किलो 250 ग्राम राशन इन गरीब मजदूरों के परिवार का पेट कितने दिन पालेगा? इनके रोजगार का क्या होगा? इनकी रोजी का क्या होगा? हालात कब ठीक होंगे? यह कोई नहीं जानता. सरकार दिलासा दे रही है. उम्मीद भी जगा रही है और उम्मीद पर ही दुनिया कायम है. किसी ने इन मजदूरों के लिए ठीक ही कहा है...
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