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लखीमपुर खीरी: नागपंचमी के दिन सांप के डसने से बेटे की मौत, मानने को तैयार नहीं पिता

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Published : Aug 6, 2019, 9:22 AM IST

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में जहरीले सांप के डसने से आठ साल के बच्चे की मौत हो गई. वहीं बाप अपने बेटे की मौत को मौत मानने को तैयार नहीं है.

बेटे की मौत को नहीं मानने को तैयार पिता.

लखीमपुर खीरी: जिले के सिकटिया मोहल्ले में आठ साल के एक लड़के को जहरीले सांप ने डस लिया. लड़के की मौत के बावजूद उसका पिता उसकी मौत को मानने के लिए तैयार नहीं है. इस उम्मीद में कि बेटे की जिंदगी लौट आएगी बाप बेटे के शव को सीने से लगाए ओझा, नीम-हकीमों को दिखाता फिर रहा है.

बेटे की मौत को नहीं मानने को तैयार पिता.

जानिए पूरा मामला

  • जिले के सिकटिया मोहल्ले में जहरीले सांप ने आठ साल के लड़के की जान ले ली.
  • वहीं बाप अपने बेटे की मौत को मौत मानने को तैयार नहीं है.
  • एक मढ़ैया में तीन बच्चे अपनी मां के साथ सो रहे थे, तभी सांप ने शमी को डस लिया.
  • देर रात शमी को लगा कि उसके हाथ पर कुछ रेंग रहा है तो उसने हाथ झटक दिया, लेकिन तब तक उसको सांप ने काट लिया था.
  • आनन-फानन में परिजनों ने जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां इमरजेंसी में डॉक्टर नहीं मिले.
  • अस्पताल में एक लड़के ने शमी को ड्रिप लगा दी.
  • मामले को गम्भीरता से न लेते हुए उसने एंटी वेनम नहीं लगाया.
  • बेटे के शव गोद में उठाए बाप कभी तांत्रिक के यहां तो कभी ओझा के यहां दिखाता फिर रहा है कि शायद उसकी सांसें वापस आ जाएं.

लखीमपुर खीरी: जिले के सिकटिया मोहल्ले में आठ साल के एक लड़के को जहरीले सांप ने डस लिया. लड़के की मौत के बावजूद उसका पिता उसकी मौत को मानने के लिए तैयार नहीं है. इस उम्मीद में कि बेटे की जिंदगी लौट आएगी बाप बेटे के शव को सीने से लगाए ओझा, नीम-हकीमों को दिखाता फिर रहा है.

बेटे की मौत को नहीं मानने को तैयार पिता.

जानिए पूरा मामला

  • जिले के सिकटिया मोहल्ले में जहरीले सांप ने आठ साल के लड़के की जान ले ली.
  • वहीं बाप अपने बेटे की मौत को मौत मानने को तैयार नहीं है.
  • एक मढ़ैया में तीन बच्चे अपनी मां के साथ सो रहे थे, तभी सांप ने शमी को डस लिया.
  • देर रात शमी को लगा कि उसके हाथ पर कुछ रेंग रहा है तो उसने हाथ झटक दिया, लेकिन तब तक उसको सांप ने काट लिया था.
  • आनन-फानन में परिजनों ने जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां इमरजेंसी में डॉक्टर नहीं मिले.
  • अस्पताल में एक लड़के ने शमी को ड्रिप लगा दी.
  • मामले को गम्भीरता से न लेते हुए उसने एंटी वेनम नहीं लगाया.
  • बेटे के शव गोद में उठाए बाप कभी तांत्रिक के यहां तो कभी ओझा के यहां दिखाता फिर रहा है कि शायद उसकी सांसें वापस आ जाएं.
Intro:एक्सक्लूसिव
लखीमपुर खीरी-यूपी के लखीमपुर-खीरी जिले में एक आठ साल के लड़के को जहरीले सांप ने डस लिया। लड़के की मौत हो गई पर एक बाप अपने बेटे की मौत को मौत मानने को तैयार नहीं। इस उम्मीद में कि बेटे की जिंदगी लौट आएगी बाप बेटे की लाश को सीने से लगाए ओझा,नीम-हकीमों,बंगालियों को दिखाता फिर रहा। देखिए ईटीवी भारत की ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
अपने आठ साल के बेटे की लाश गोद में उठाए ये वो अभागा बाप है, जिसके बेटे की जिंदगी नाग पंचमी के दिन एक जहरीले सांप सांप ने लील ली। पर अब आपका दिल तो बाप का ही होता है बाप बेटे की मौत को मौत मानने को तैयार नहीं। गोद में उठा है कभी इस तांत्रिक के यहां तो कभी उस ओझा के यहां दिखाता फिर रहा है उसे लगता है कि उसके बेटे की सांसों की डोर वापस चली आएगी। जिले का कोई ओझा बाबा नीम हकीम या तांत्रिक तो ऐसा होगा जो उसके बेटे की सांसे वापस ले आएगा। इसी उम्मीद में यह बाप अपने बेटे की लाश को सीने से लगाए दर-दर भटकता फिर रहा। दरअसल शहर के सिकटिया मोहल्ले में रहने वाले शाकिर अली के आठ साल के बेटे शमी को नाग पंचमी की रात को एक जहरीले सांप ने डस लिया। गरीबी की हालत में पेंटिंग कर परिवार पालने वाले शाकिर अली के पास सर छुपाने को छत नहीं थी तो इस मढ़ैया में ही तीन बच्चे अपनी माँ के साथ सो रहे थे। समी भी अपनी मां के साथ था। देर रात शमी को लगाया कि उसके हाथ पर कुछ रिंग रहा है उसने हाथ झटक दिया पर उसे क्या पता था कि यह झटका उसकी जिंदगी को ही झटका दे जाएगा। एक जहरीला सांप शमी के हाथ में डस चुका था। कुछ काटने का आभास हुआ तो समी भी उठ कर खड़ा हो गया उसे लगा कि सांप ने काट लिया। घर वालों को बताया। घर वाले आए पर नींद में घर वालों ने सोचा कि किसी चूहे ने काट लिया होगा। सब फिर सो गए पर थोड़ी ही देर में सांप फिर बिस्तर पर चढ़ आया। फिर खलबली मच गई। घरवालों ने मोबाइल टार्च की रोशनी में देखा तो सही में बिस्तर पर एक जहरीला सांप बैठा था।


Body:घर वाले शमी को लेकर आनन-फानन में जिला अस्पताल पहुँचे। इमरजेंसी में डॉक्टर मिले नहीं,एक लड़का था उसने ड्रिप लगा दी। गरीब परिवार वालों को लगा कि ड्रिप से बेटे की जिंदगी महफूज हो जाएगी। पर उन्हें क्या पता था कि सांप ज्यादा जहरीला था। उससे जहरीला सिस्टम। अस्पताल वालों ने सांप काटे को भी गम्भीरता से नहीं लिया। एंटी वेनम लगाया नहीं। शमी धीरे धीरे बेहोश हुआ और थोड़ी देर में उसकी सांसों की डोर टूट गई। अल सुबह स्टाफ ने जवाब दे दिया कि शमी की मौत हो चुकी है। शमी के बाबा बुद्धा भी हलकान है। कल तक को पोता गोद मे खेलता था। उसे जहरीले सांप ने काट लिया था। रात का वाकया बताते बताते अंसुआ जाते हैं।
परिवार वाले शमी लेकर घर चले आए। आज पड़ोसी रिश्ते नाते दार जिसको भी पता लगा,घर आने लगा। सिकटिया मोहल्ले की पतली सी गली में मातम का शोर हो गया। माँ पछाडे मार मार कर रोने लगी। रोते बिलखते कहती.. बेटा कल ही कह रहा था कि मम्मी कल ठीक से तैयार कर देना.. स्कूल जाना है। अब कौन स्कूल जाएगा।
बेटे की मौत हो गई थी तो पिता शाकिर भी बदहवास थे जो कोई भी देखने आता और जो सलाह दे देता वह मानने के लिए तैयार थे आखिर मामला बेटे की जिंदगी का जो था। कोई सर को छूता और कहता अभी शरीर गर्म है किसी ओझा को दिखा लो तो शाकिर झट बेटे की लाश सीने से चिपटा बाइक पर लेकर चल देते। इसी उम्मीद में कि बेटे की जिंदगी की डोर शायद वापस आ जाए।


Conclusion:शमी का भाई आमिर और बहन भी बिलख बिलख कर रो रहे थे। कल जिस भाई के साथ सोए थे वह आज जिंदगी भर के लिए उन्हें छोड़कर चला गया। अपने हंसते खेलते बेटे की मौत को एक बाप भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। आखिर महाभारत में यक्ष ने युधिष्ठिर से पूछा था कि संसार मे सबसे बड़ा भारी दुख क्या होता तो युधिष्ठिर ने कहा था। एक बाप जब अपने बेटे की लाश को अपने कंधे पर ले जाता। शाकिर की हालत भी कुछ ऐसी ही थी। हर आदमी की सलाह उसे बेटे की जिंदगी वापस लाने वाली लग रही थी। पर उसे क्या पता कि बेटा अब सदा सदा के लिए उनसे इतना दूर चला गया है कि कभी लौट के नहीं आ सकता। पर किसी की हिम्मत नहीं पड़ रही कि ये सच्चाई बाप शाकिर से बता दे। नाग पंचमी के दिन पूरे शहर में जब नागों को लोग दूध पिला रहे थे तो एक परिवार एक जहरीले सांप के काटने से मौत का मातम मना रहा।
बाइट-बुद्धा(बाबा)
बाइट-अमीन(भाई)
बाइट-शाकिर(पिता)
पीटीसी
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प्रशान्त पाण्डेय
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