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अखिलेश की फोटो रखकर पीड़ितों की मदद कर रहे थे सपाई, प्रशासन ने लगाई रोक - लोगों के लिए लॉक डाउन

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन पर आरोप लगाया है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश की फोटो लगाकर वह लंगर रहे. इसलिए ने उनके लंगर पर रोक लगा दी.

samajwadi party people were helping people
समाजवादी पार्टी के लोग चला रहे थे लंगर
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Published : Mar 30, 2020, 3:17 PM IST

लखीमपुर खीरी: दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात और न जाने कहां-कहां से भागकर उत्तर प्रदेश और बिहार के राज्यों में आ रहे हजारों मजदूरों की मदद कर रहे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर प्रशासन ने रोक लगा दी है. बताया जा रहा है कि प्रशासन ने ये रोक इसलिए लगाई है कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता अखिलेश यादव का फोटो लगाकर, समाजवादी टोपियां पहनकर गरीबों की मदद कर रहे थे.

samajwadi party people were helping people
समाजवादी पार्टी के लोग चला रहे थे लंगर

समाजवादी पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष क्रांति कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने गरीब मजदूरों को खिलाये जा रहे खाने में भी भेदभाव किया है. क्रांति कुमार सिंह ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है कि प्रशासन का यह रवैया ठीक नहीं है. यह मदद का समय है इस वक्त राजनीति नहीं होनी चाहिए. उधर जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस मामले में बोलने को तैयार नहीं है.

samajwadi party people were helping people
समाजवादी पार्टी के लोग चला रहे थे लंगर
समाजवादी पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष क्रांति कुमार सिंह दिल्ली हरियाणा, पंजाब और उत्तर भारत के तमाम बड़े शहरों से बिहार उत्तर प्रदेश राज्यों के तमाम मजदूरों के लिए नेशनल हाइवे नम्बर 24 पर मैगलगंज में लंगर चला रहे थे. पैदल आ रहे गरीब मजदूरों और बच्चों को दूध,केले,फल,लंच पैकेट बांटकर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता लोगों की मदद कर रहे थे.

समाजवादी नेता क्रांति कुमार सिंह का कहना है कि डीएम से पहले दिन जब यह दिल्ली से पैदल चलने की बात सामने आई तब हम लोगों ने सबसे पहले गरीबों की मदद को लंगर चलवाए. डीएम ने खुद फोन पर परमिशन दी थी और हमने हजारों लोगों को रात दिन खाना खिलाया. तमाम लोगों को उनके घर भेजने की व्यवस्था भी की गयी. साथ ही पानी पिलाया, छोटे-छोटे बच्चों को दूध भी बंटवाया. वहीं अचानक 29 मार्च को प्रशासन ने उनके लंगर पर रोक लगा दी.

ये पूरा विवाद उस वक्त खड़ा हुआ जब समाजवादी पार्टी के नेता क्रांति कुमार सिंह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड कर दिया. इसमें उन्होंने दिखाया है कि योगी सरकार गरीब मजदूरों को लाने के लिए दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में जो बसें भेज रही है उससे किराया वसूला जा रहा है. क्रांति कुमार का दावा था जबकि सरकार का कहना है कि इन बसों को फ्री भेजा गया है. क्रांति कुमार सिंह का यह वीडियो वायरल हो गया टिकट दिखाते हुए फोटो और यात्रियों की वीडियो खूब वायरल हो गई. क्रांति कुमार सिंह का आरोप है कि प्रशासन ने शायद इसीलिए उनके लंगर पर रोक लगा दी है.

ऐसी कोई बात नहीं है, किसी की फोटो लगाने से कोई लंगर बंद नहीं होता है, लेकिन लंगर लिखित परमिशन से ही चलाए जा रहे हैं. क्रांति कुमार सिंह के पास कोई परमीशन नहीं थी, इसलिए उन्हें रोक दिया गया है. हालांकि अब समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर यह लिख लिख कर वायरल कर रहे हैं कि अखिलेश की फोटो लगी होने के कारण और सरकार के अव्यवस्थाओं को उजागर करने के चलते ही उनके लंगर को बंद किया गया है.
-शैलेंद्र कुमार सिंह, डीएम

लखीमपुर खीरी: दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात और न जाने कहां-कहां से भागकर उत्तर प्रदेश और बिहार के राज्यों में आ रहे हजारों मजदूरों की मदद कर रहे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर प्रशासन ने रोक लगा दी है. बताया जा रहा है कि प्रशासन ने ये रोक इसलिए लगाई है कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता अखिलेश यादव का फोटो लगाकर, समाजवादी टोपियां पहनकर गरीबों की मदद कर रहे थे.

samajwadi party people were helping people
समाजवादी पार्टी के लोग चला रहे थे लंगर

समाजवादी पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष क्रांति कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने गरीब मजदूरों को खिलाये जा रहे खाने में भी भेदभाव किया है. क्रांति कुमार सिंह ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है कि प्रशासन का यह रवैया ठीक नहीं है. यह मदद का समय है इस वक्त राजनीति नहीं होनी चाहिए. उधर जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस मामले में बोलने को तैयार नहीं है.

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समाजवादी पार्टी के लोग चला रहे थे लंगर
समाजवादी पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष क्रांति कुमार सिंह दिल्ली हरियाणा, पंजाब और उत्तर भारत के तमाम बड़े शहरों से बिहार उत्तर प्रदेश राज्यों के तमाम मजदूरों के लिए नेशनल हाइवे नम्बर 24 पर मैगलगंज में लंगर चला रहे थे. पैदल आ रहे गरीब मजदूरों और बच्चों को दूध,केले,फल,लंच पैकेट बांटकर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता लोगों की मदद कर रहे थे.

समाजवादी नेता क्रांति कुमार सिंह का कहना है कि डीएम से पहले दिन जब यह दिल्ली से पैदल चलने की बात सामने आई तब हम लोगों ने सबसे पहले गरीबों की मदद को लंगर चलवाए. डीएम ने खुद फोन पर परमिशन दी थी और हमने हजारों लोगों को रात दिन खाना खिलाया. तमाम लोगों को उनके घर भेजने की व्यवस्था भी की गयी. साथ ही पानी पिलाया, छोटे-छोटे बच्चों को दूध भी बंटवाया. वहीं अचानक 29 मार्च को प्रशासन ने उनके लंगर पर रोक लगा दी.

ये पूरा विवाद उस वक्त खड़ा हुआ जब समाजवादी पार्टी के नेता क्रांति कुमार सिंह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड कर दिया. इसमें उन्होंने दिखाया है कि योगी सरकार गरीब मजदूरों को लाने के लिए दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में जो बसें भेज रही है उससे किराया वसूला जा रहा है. क्रांति कुमार का दावा था जबकि सरकार का कहना है कि इन बसों को फ्री भेजा गया है. क्रांति कुमार सिंह का यह वीडियो वायरल हो गया टिकट दिखाते हुए फोटो और यात्रियों की वीडियो खूब वायरल हो गई. क्रांति कुमार सिंह का आरोप है कि प्रशासन ने शायद इसीलिए उनके लंगर पर रोक लगा दी है.

ऐसी कोई बात नहीं है, किसी की फोटो लगाने से कोई लंगर बंद नहीं होता है, लेकिन लंगर लिखित परमिशन से ही चलाए जा रहे हैं. क्रांति कुमार सिंह के पास कोई परमीशन नहीं थी, इसलिए उन्हें रोक दिया गया है. हालांकि अब समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर यह लिख लिख कर वायरल कर रहे हैं कि अखिलेश की फोटो लगी होने के कारण और सरकार के अव्यवस्थाओं को उजागर करने के चलते ही उनके लंगर को बंद किया गया है.
-शैलेंद्र कुमार सिंह, डीएम

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