लखीमपुर खीरी : दुधवा टाइगर रिजर्व में गैंडों का कुनबा बढ़ गया है. यह जानकारी दुधवा टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रंगा राजू ने दी. डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि डब्ल्यूआईआई (WII)और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ(WWF) के एक्सपर्ट्स पिछले दो दिनों से रिजर्व में गैंडों की गणना कर रहे थे. गिनती के बाद यह सामने आया कि दुधवा के दोनों राइनो इनक्लोजर फर्स्ट और सेकेंड में गैंडों का परिवार बढ़ा है. अब दुधवा में गैंडों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है. पिछली गणना में गैंडों की तादात 40 थी.
दुधवा टाइगर रिजर्व में 15 से 17 मार्च तक वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया और वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड (World Wildlife Fund) ने फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के ऑफिशियल्स के साथ मिलकर दुधवा टाइगर रिजर्व में वैज्ञानिक तरीके से गैंडों की गणना की. इस दौरान फोटोग्राफी के साथ सोनारीपुर स्थिर गैंडा पुनर्वास केंद्र प्रथम और बेलरायां रेंज में स्थित गैंडा पुनर्वास केंद्र द्वितीय में गैंडों की डीएनए सैम्पलिंग भी की गई. डिप्टी डायरेक्टर डॉ रंगाराजू तमिलसेल्वन ने कहा कि वह गैंडों की नई आई संख्या से आशान्वित और गौरवान्वित भी हैं. उन्होंने वादा किया कि विभाग गैंडों के प्राकृतिक पर्यावास और बेहतर सुरक्षित माहौल मुहैया कराने का प्रयास करेगा.
डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि दुधवा टाइगर रिजर्व में 15 से 17 मार्च तक हुए गणना कार्यक्रम के दौरान गैंडों के स्वास्थ्य, भोजन की व्यवस्था और उनकी सुरक्षा समेत कई विषयों पर अध्ययन किया गया. इस एक्सरसाइज में दुधवा इनक्लोजर फर्स्ट सोनारीपुर में सात टीमों और बेलरायां रेंज में इनक्लोजर सेकेंड में दो टीमों ने स्टडी की. इसके बाद दोनों टीमों ने अपनी रिपोर्ट दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन को सौंपी. गैंडों की गणना में बायलोजिस्ट और एक्सपर्ट्स ने हिस्सा लिया.
डॉ. रंगाराजू ने बताया कि अभी छह गैंडों के जेंडर की पहचान नहीं हो पाई है. इसके लिए डीएनए सैम्पलिंग की गई है. राइनो एरिया फर्स्ट में 40 और बेलरायां रेंज के राइनो इनक्लोजर सेकेंड में छह गैंडों की उपस्थिति पाई गई. बायलाजिस्ट विपिन कपूर ने पूरे एरिया को ग्रिड में विभाजित कर गैंडों की डीएनए (DNA) सैम्पलिंग भी की. गैंडों की गणना में डब्ल्यूआईआई के साइंटिस्ट सम्राट मंडल, डब्लूडब्लूएफ के गैंडों के एक्सपर्ट अमित शर्मा, अपूर्व गुप्ता भी शामिल रहे.
पढ़ें : कुशीनगर के रिहायशी इलाके में दिखा गैंडा, दहशत में लोग