लखीमपुर खीरी: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद रवि प्रकाश ने बीजेपी के 'संकल्प पत्र' को 'झांसा पत्र' बताया है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी इतना ही अच्छा कार्यक्रम था तो 'झांसा पत्र' में बीजेपी ने शामिल क्यों नहीं किया. बीजेपी ने जिन बड़े कार्यक्रमों को किया और ढिंढोरा पीटा. वह एक भी संकल्प पत्र में शामिल नहीं किया.
अपनी बेटी डॉ. पूर्वी वर्मा के नामांकन जूलूस में आए रविप्रकाश वर्मा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा का संकल्प पत्र के मायने क्या हैं? जो अपने वायदों पर टिके रहते हों, उनके संकल्प पत्र का मतलब होता है. बीजेपी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जो बड़े-बड़े कार्यक्रम किए. वह एक भी संकल्प पत्र में कहीं भी शामिल नहीं. अब इसका क्या मतलब है?
रवि प्रकाश वर्मा ने कहा कि नोटबंदी का जो कार्यक्रम बीजेपी ने किया उसका इतना इश्यू बनाया. अगर वह इतना ही अच्छा कार्यक्रम था तो बीजेपी अपने संकल्प पत्र में उसे भी डालती. आज उसके सहारे बीजेपी वोट मांगती तो मैं उसकी तारीफ करता. रवि वर्मा ने कहा कि ऐसे इनके संकल्प पत्र का कोई मतलब नहीं. यह केवल एक 'झांसा पत्र' है.
रवि प्रकाश वर्मा ने आगे कहा कि पिछले चार-पांच वर्षों में आप देख लीजिए, इन्होंने जनता की प्रतिनिधि संस्थाओं को ध्वस्त कर दिया. प्लानिंग कमीशन को बर्बाद कर दिया. स्वतंत्र मीडिया को खत्म कर दिया. सुप्रीम कोर्ट पर भी असर डाल दिया. उससे निकलकर जब बाहर आ गया तो बीजेपी ने रिजर्व बैंक को भी खत्म कर दिया. रवि प्रकाश वर्मा ने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि मुझे तो शक है कि इलेक्शन कमीशन को भी ये न खत्म कर दें.
उन्होंने कहा कि पूरे देश की जनता बैलेट से चुनाव की डिमांड कर रही थी. जनता का मोहभंग ईवीएम से हो चुका है. जनता कह रही थी कि बैलेट से ही चुनाव हो तो फिर आखिर क्या कारण है कि ईवीएम से ही चुनाव कराया जा रहा है. 3 हजार करोड़ लगाकर वीवीपैट लगाया जा रहा है. यह बातें ऐसी हैं जो सवाल पैदा करती हैं. रवि प्रकाश वर्मा ने कहा हमें विश्वास है कि यह देश लोकतंत्र के रास्ते पर चल रहा है. बहत्तर सौ जतियां हैं, सवा सौ करोड़ की आबादी है. इसको कोई वन मैन रूल नहीं चला सकता.