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डिग्री वाले देश का पैसा लेकर भागते हैं, अनपढ़ नहीं: मलखान सिंह

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की ओर से धौरहरा सीट से प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद मलखान सिंह ने कहा कि पढ़े लिखे डिग्री वाले लोग ही देश का पैसा लेकर भागते हैं, अनपढ़ लोग नहीं.

मलखान सिंह से ईटीवी भारत की खास बातचीत.
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Published : Apr 7, 2019, 9:41 AM IST

लखीमपुर खीरी: चंबल में कभी जिनकी बंदूक गरजती थी वो अब तराई की धरती पर वोट की फसल काटने के लिए चुनावी मैदान में आ गए हैं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रसपा प्रत्याशी मलखान सिंह ने कहा कि देश का पैसा तो पढ़े लिखे और डिग्री वाले ले कर भागते हैं, अनपढ़ नहीं.

मलखान सिंह से ईटीवी भारत की खास बातचीत.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए मलखान सिंह ने कहा कि उनकी शिक्षा दीक्षा स्कूल में तो नहीं हुई, लेकिन बिहड़ के जंगलों में अन्याय के खिलाफ उन्होंने जो लड़ाई लड़ी है अब वहीं लड़ाई धौरहरा की जनता के लिए लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि हमने हमेशा बहन बेटियों का सम्मान किया है. यह सम्मान यहां भी बरकरार रखेंगे.

कांग्रेस और भाजपा जैसे दलों के सामने लड़ाई को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई अन्याय के खिलाफ है. कांग्रेस और भाजपा भले ही बड़े दल हैं, लेकिन जनता की अदालत में अगर उन्हें सफलता मिली तो वह गलत काम नहीं होने देंगे. मलखान सिंह ने कहा कि डिग्री वालों की सोच अच्छी नहीं होती है. डिग्री वाले ही देश का पैसा लेकर विदेश भाग जाते हैं. हम पढ़े-लिखे भले ही नहीं हैं, लेकिन चंबल में हमको संस्कार जरूर मिले.

लखीमपुर खीरी: चंबल में कभी जिनकी बंदूक गरजती थी वो अब तराई की धरती पर वोट की फसल काटने के लिए चुनावी मैदान में आ गए हैं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रसपा प्रत्याशी मलखान सिंह ने कहा कि देश का पैसा तो पढ़े लिखे और डिग्री वाले ले कर भागते हैं, अनपढ़ नहीं.

मलखान सिंह से ईटीवी भारत की खास बातचीत.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए मलखान सिंह ने कहा कि उनकी शिक्षा दीक्षा स्कूल में तो नहीं हुई, लेकिन बिहड़ के जंगलों में अन्याय के खिलाफ उन्होंने जो लड़ाई लड़ी है अब वहीं लड़ाई धौरहरा की जनता के लिए लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि हमने हमेशा बहन बेटियों का सम्मान किया है. यह सम्मान यहां भी बरकरार रखेंगे.

कांग्रेस और भाजपा जैसे दलों के सामने लड़ाई को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई अन्याय के खिलाफ है. कांग्रेस और भाजपा भले ही बड़े दल हैं, लेकिन जनता की अदालत में अगर उन्हें सफलता मिली तो वह गलत काम नहीं होने देंगे. मलखान सिंह ने कहा कि डिग्री वालों की सोच अच्छी नहीं होती है. डिग्री वाले ही देश का पैसा लेकर विदेश भाग जाते हैं. हम पढ़े-लिखे भले ही नहीं हैं, लेकिन चंबल में हमको संस्कार जरूर मिले.

Intro:ध्यानार्थ-संसोधित खबर-कल रात को भेजी थी डेस्क द्वारा एडिट कर फिर से एक मिनट की भेजने कहा गया था।

लखीमपुर- कभी चंबल में जिनकी बंदूक गरजती थी वह बागी मलखान सिंह अब तराई की धरती पर वोट की फसल काटने के लिए आ गए हैं। ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में मलखान सिंह बोले,देश का पैसा पढेलिखे और डिग्री वाले ले के भाग गए,चम्बल के अनपढ़ नहीं। राममन्दिर पर मलखान सिंह ने बीजेपी पर सियासी रोटियाँ सेंकने का आरोप लगाया। तो किसानों की दुखती रग पकड़ बोले,जीत गए तो खड़े होकर गन्ने का पेमेन्ट करवाऊंगा।
शिवपाल सिंह यादव की पार्टी समाजवादी प्रगतिशील पार्टी लोहिया ने मलखान सिंह को चम्बल के बीहड़ की धरती से तराई की धरती पर वोट बरसाने के चुनावी मैदान में लिए उतारा है। दद्दा के नाम से विख्यात मलखान सिंह 29 धौरहरा लोकसभा से यूपी के लखीमपुर खीरी से काँग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद,भाजपा प्रत्याशी रेखा वर्मा और गठबन्धन प्रत्याशी अरशद सिद्दीकी के खिलाफ ताल ठोकेंगे।



Body:मलखान सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा उनकी शिक्षा-दीक्षा स्कूल में तो नहीं हुई लेकिन बिगड़ के जंगलों में अन्याय के खिलाफ उन्होंने जो लड़ाई लड़ी वही है अब धौरहरा की जनता के लिए लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा बहन बेटियों का सम्मान किया है और वह यह सम्मान यहां भी बरकरार रखेंगे।
कांग्रेस और भाजपा जैसे बड़े दलों के सामने वह कैसे लिखेंगे के सवाल पर मलखान कहते हैं कि उनकी लड़ाई अन्याय के खिलाफ है कांग्रेस और भाजपा भले ही बड़े दल हैं पर जनता की अदालत में अगर उन्हें सफलता मिली तो वह गलत काम नहीं होने देंगे।
मलखान सिंह ने कहा कि डिग्री वालों की सोच अच्छी नहीं होती है डिग्री वाले ही देश का पैसा लेकर विदेश भाग जाते हैं हम पढ़े-लिखे भले ही नहीं हैं पर चंबल में हम को संस्कार जरूर मिले। मलखान सिंह ने कहा कि वह 75 साल के हो गए हैं लेकिन आज तक उन्होंने शराब नहीं पीना पुड़िया खाई ना बीड़ी पी।
आज भी सुबह 4:00 बजे उठते हैं व्यायाम करते हैं 10 बादाम खाते हैं रात में देर तक काम करते हैं अपनी पैर की पिंडली दिखाते हुए कहते हैं कि आज भी पढ़ लिया ढीली नहीं पड़ी है।


Conclusion:राहुल गांधी और मोदी में कौन नेता पसंद है के सवाल पर कहते हैं। कि वह दोनों बड़े नेता हैं। हम तो जनता के बीच के आदमी हैं। बड़े लोगों की बात क्या करना। कहते हैं कि जो रोज रोज सुबह मंदिर बनाना शुरू करें और शाम को भूल जाएं,रोज धाराएं हटवाएं,उनकी बात क्या करना। जनता सब जानती है हमें तो जनता का विश्वास जीतना है तो धौराहरा में माननीय शिवपाल सिंह के आदेश का पालन करने आए हैं।
मूल रूप से मध्यप्रदेश के भिंड जिले के रहने वाले मलखान सिंह यूपी की तराई के लखीमपुर खीरी जिले के धरारा लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने आए हैं कहते हैं कि वह किसानों का दर्द खुद जानते हैं खुद किसानी करते हैं किसान को अभी तक उसकी फसल का दाम नहीं मिल रहा मूछों पर ताव देते हुए कहते हैं जबकि गन्ना किसानों की लड़ाई वह खुद लड़ेंगे और खड़े होकर गन्ना किसानों को उनका पेमेंट दिलवाएँगे।
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प्रशान्त पाण्डेय
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