लखीमपुर खीरी: यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग में गुरुवार से प्रेरणा ऐप लागू हो रहा है. इसके तहत खीरी जिले में शिक्षकों को समय से स्कूल पहुंचाने के लिए एक 'प्रेरणा स्पेशल' बस चलाई गई है. स्कूल शिक्षकों ने समय से स्कूल पहुंचने के लिए ये व्यवस्था खुद की है, हालांकि शिक्षक प्रेरणा ऐप के सिस्टम को लेकर सरकार की राय से एकमत नहीं हैं.
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जानिए क्या है प्रेरणा ऐप और कैसे करेगा है ये काम
- ये ऐप प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के लिए बनाया गया है.
- इस ऐप के माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक अपनी सेल्फी खींचकर रोजाना इस ऐप के माध्यम से भेजेंगे.
- शिक्षक जो सेल्फी भेजेंगे वो ही उनकी अटेंडेंस मानी जाएगी.
जिले के प्राथमिक शिक्षक संघ ने चलवाई 'प्रेरणा स्पेशल बस'
खीरी जिले में शिक्षक समय से पहुंच सके इसके लिए शिक्षकों ने खुद इंतजाम कर एक स्पेशल बस चलवाई है. शिक्षक दिवस के दिन इस बस को प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजीव त्रिपाठी ने हरी झंडी देकर रवाना किया. गुरुवार को शिक्षक दिवस है और आज के दिन से ही यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग में प्रेरणा ऐप लागू हो गया है. शिक्षकों को सेल्फी अटेंडेंस देनी है, इसके लिए जरूरी है कि शिक्षकों को समय पर स्कूल पहुंचना. खीरी जिले में दूरदराज के स्कूल हैं और शिक्षकों को सौ 100 किलोमीटर दूर स्कूलों में जाना होता है. ऐसे में ये प्रेरणा स्पेशल बस चलाई गई है. पहले ही दिन करीब 50 शिक्षक इस बस में सवार होकर सुबह सवा छह बजे जिला मुख्यालय से स्कूलों को रवाना हुए.
प्रेरणा ऐप लागू होने से शिक्षकों पर है मानसिक दबाव
खीरी के प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष संजीव त्रिपाठी कहते हैं कि सरकार एक तरफ शिक्षकों को राज्य पुरस्कार दे रही है. वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों पर सवाल उठा रही है. उन्होंने कहा कि हम सेल्फी अटेंडेंस और प्रेरणा ऐप के विरोध में नहीं हैं. हम सरकार के सिस्टम के विरोध में हैं. प्रेरणा ऐप लागू होने से शिक्षक मानसिक दबाव में जरूर हैं.