लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व के बेलरायां रेंज से सटे इंडो-नेपाल बॉर्डर के बेला परसुआ बीओपी के जवान वन विभाग के साथ संयुक्त पेट्रोलिंग कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने टाइगर रिजर्व में दो लोग जाते हुए देखा. जवानों ने शक होने पर दोनों लोगों की तलाशी तो उनके पास से बाघ की खाल बरामद हुई. चेकिंग के दौरान दोनों ने भागने की कोशिश की, लेकिन एसएसबी के जवानों ने घेराबंदी कर दोनों को पकड़ लिया. दोनों के पास से 187 सेंटीमीटर लंबी बाघ की खाल बरामद हुई है. बाघ के आगे के पंजों के 10 नाखून और पिछले पंजों के आठ नाखून बरामद हुए हैं.
तकिया पुरवा के हैं दोनों आरोपी
खाल के साथ दो आरोपियों को सशस्त्र सीमा बल और वन विभाग की टीम ने ज्वॉइंट ऑपरेशन में पकड़ा है. उनमें से एक का नाम सोमदेव पासी (23) निवासी तकिया पुरवा है. दूसरा आरोपी विनोद पासी (22) भी तकिया पुरवा का ही निवासी है. यह दोनों बाघ की खाल कहां से लाए थे, इसकी पड़ताल की जा रही है.
बाघों की सुरक्षा पर उठे सवाल
दुधवा टाइगर रिजर्व के पास बाघ की खाल और नाखून बरामद होने से दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं. वाइल्डलाइफ एक्टिविस्ट और दुधवा के जंगलों को करीब से जानने वाले कौशलेंद्र सिंह कहते हैं कि यहां पर प्रशासन के अफसरों की साफ लापरवाही का नतीजा है. पहले किशनपुर सेंचुरी में बाघ के गले में फंदा मिलना. इसके पहले एक बाघ की फंदे में फंसकर मैलानी रेंज में मौत, यह सब मामले दुधवा में बाघों और जंगल की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करते हैं. इनकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.
डिप्टी डायरेक्टर और हमारी टीम आरोपियों से पूछताछ कर रही है. अभी ये पता नहीं लग पाया है कि बाघ का शिकार इंडिया में हुआ या फिर नेपाल में हुआ. इसकी जांच कराई जाएगी. फिलहाल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
-संजय पाठक, फील्ड डायरेक्टर