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दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों के 9 हजार हेक्टेयर जमीन पर इंसानों का कब्जा - दुधवा टाइगर रिजर्व

दुधवा टाइगर रिजर्व को अतिक्रमण मुक्त कराने में अफसर नाकाम साबित हो रहे हैं. करीब 9 हक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण हो चुका है. हालांकि अब अधिकारी कार्रवाई की बात कर रहे है.

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दुधवा टाइगर रिजर्व.
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Published : Jan 5, 2020, 1:20 AM IST

लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों की जमीन पर इंसानों ने कब्जा कर लिया है. दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन की जांच में यह बात सामने आई है. 9 हजार हेक्टेयर बाघों के आशियानों पर अब इंसानों ने कब्जाकर इस पर गन्ने की खेती कर रहे हैं. टाइगर रिजर्व प्रशासन ने इस जमीन को खाली कराने के लिए अब कमर कस ली है. कब्जा जमाए बैठे लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार कहते हैं कि ये कब्जा एक दो सालों में नहीं हुआ बल्कि बरसों से है, जो राजस्व और वन विभाग की देखरेख के अभाव में अतिक्रमण का शिकार हो गया.

देखें रिपोर्ट.
बाघों की जमीन पर उग आए गांववन विभाग और राजस्व विभाग की लापरवाही से लखीमपुर खीरी जिले में बाघों की जमीन पर कई जगह गांव बस गए हैं. दुधवा टाइगर रिजर्व के बीच में भी कई जगह राजस्व गांव बन गए, जबकि पुराने वन विभाग के अभिलेखों में जमीन है. ये जमीन वन विभाग के रूप में दर्ज थी, पर राजस्व के कर्मचारियों ने जंगल-झाड़ी दिखाकर इन जमीनों को राजस्व जमीन में परिवर्तित कर दिया. अब वन विभाग ने राजस्व विभाग से भी जमीनों पर आपत्तियां दर्ज की है. कई गांव में वन विभाग की भूमि पर चकबंदी न करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

ये भी पढ़ें- नागरिकता कानून को समझाने घर-घर जाएंगे सीएम योगी, गोरखपुर से करेंगे शुरुआत

हो रही गन्ने की खेती
दुधवा टाइगर रिजर्व और उसके आसपास की खाली पड़ी जमीनों को बाहर से आए तमाम किसानों ने खेती कराना शुरू कर दिया है. आस-पास के गांव वालों ने भी खाली पड़ी जमीनों को जोतकर उन पर गन्ना उगना शुरू कर दिया है. अक्सर जंगल से निकलकर टाइगर्स गन्ने के खेतों में आ जाते हैं, जिससे जान को खतरा भी बना रहता है.

हमनें अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर लिया है. नौ हजार हेक्टेयर वन्यभूमि पर अवैध अतिक्रमण है. 10 हेक्टेयर गन्ने की फसल को जब्त किया है. करीब एक लाख से ज्यादा की नीलामी भी की गई है. वन अधिनियम के तहत अतिक्रमणकारियों को गन्ना वन उपज के रूप में शामिल करने की कार्रवाई की जा रही है.
-संजय कुमार, फील्ड डायरेक्टर, दुधवा टाइगर रिजर्व

लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों की जमीन पर इंसानों ने कब्जा कर लिया है. दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन की जांच में यह बात सामने आई है. 9 हजार हेक्टेयर बाघों के आशियानों पर अब इंसानों ने कब्जाकर इस पर गन्ने की खेती कर रहे हैं. टाइगर रिजर्व प्रशासन ने इस जमीन को खाली कराने के लिए अब कमर कस ली है. कब्जा जमाए बैठे लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी है. टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार कहते हैं कि ये कब्जा एक दो सालों में नहीं हुआ बल्कि बरसों से है, जो राजस्व और वन विभाग की देखरेख के अभाव में अतिक्रमण का शिकार हो गया.

देखें रिपोर्ट.
बाघों की जमीन पर उग आए गांववन विभाग और राजस्व विभाग की लापरवाही से लखीमपुर खीरी जिले में बाघों की जमीन पर कई जगह गांव बस गए हैं. दुधवा टाइगर रिजर्व के बीच में भी कई जगह राजस्व गांव बन गए, जबकि पुराने वन विभाग के अभिलेखों में जमीन है. ये जमीन वन विभाग के रूप में दर्ज थी, पर राजस्व के कर्मचारियों ने जंगल-झाड़ी दिखाकर इन जमीनों को राजस्व जमीन में परिवर्तित कर दिया. अब वन विभाग ने राजस्व विभाग से भी जमीनों पर आपत्तियां दर्ज की है. कई गांव में वन विभाग की भूमि पर चकबंदी न करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

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हो रही गन्ने की खेती
दुधवा टाइगर रिजर्व और उसके आसपास की खाली पड़ी जमीनों को बाहर से आए तमाम किसानों ने खेती कराना शुरू कर दिया है. आस-पास के गांव वालों ने भी खाली पड़ी जमीनों को जोतकर उन पर गन्ना उगना शुरू कर दिया है. अक्सर जंगल से निकलकर टाइगर्स गन्ने के खेतों में आ जाते हैं, जिससे जान को खतरा भी बना रहता है.

हमनें अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर लिया है. नौ हजार हेक्टेयर वन्यभूमि पर अवैध अतिक्रमण है. 10 हेक्टेयर गन्ने की फसल को जब्त किया है. करीब एक लाख से ज्यादा की नीलामी भी की गई है. वन अधिनियम के तहत अतिक्रमणकारियों को गन्ना वन उपज के रूप में शामिल करने की कार्रवाई की जा रही है.
-संजय कुमार, फील्ड डायरेक्टर, दुधवा टाइगर रिजर्व

Intro:लखीमपुर-दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों की जमीन पर इन्सानों ने कब्जा कर लिया है। यह खुलासा हुआ है दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन की जाँच में। 10-20 हेक्टेयर नहीं बल्कि नौ हजार हेक्टेयर बाघों के आशियानों पर अब इंसानों ने कब्जाकर इस पर गन्ना बो रखा है। टाइगर रिजर्व प्रशासन ने बाघों की खोई जमीन को वापस दिलाने के लिए अब कमर कस ली है। बाघों की सरजमीं पर कब्जा जमाए बैठे भूमाफियाओं पर कार्यवाई शुरू कर दी है। टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय कुमार कहते हैं ये कब्जा एक दो सालों में नहीं हुआ बरसों से है। जो राजस्व और वन विभाग की देखरेख के अभाव में अतिक्रमण का शिकार हो गया।


Body:बाघों की जमीन पर उग आए गाँव
वन विभाग और राजस्व विभाग की लापरवाही से लखीमपुर खीरी जिले में बाघों की जमीन पर कई जगह तो गांव तक हो गए हैं। कई जगह पक्के घर बन गए,कई जगह और निर्माण हो गए। दुधवा टाइगर रिजर्व के बीच में भी कई जगह राजस्व गाँव बन गए। जबकि पुराने वन विभाग के अभिलेखों में जमीन है। वन विभाग के रूप में दर्ज थी पर राजस्व के कर्मचारियों ने जंगल झाड़ी दिखाकर इन जमीनों को राजस्व जमीन में परिवर्तित कर दिया। अब वन विभाग ने राजस्व विभाग से भी कई जमानत जमीनों पर आपत्तियां दर्ज की हैं। चकबंदी हो रहे कई गांव में वन विभाग की भूमि पर चकबंदी न करने के निर्देश भी चकबंदी अधिकारियों को दिए गए हैं।


Conclusion:बाघों के आशियानों पर हो रही गन्ने की खेती
दुधवा टाइगर रिजर्व और उसके आसपास की खाली पड़ी जमीनों को बाहर से आए तमाम फार्मर ने जोत लिया। आस-पास के गाँव वालों ने भी खाली पड़ी जमीनों को जो जोत कर उन पर गन्ना बोना शुरू कर दिया। खीरी जिले गन्ने गन्ने का कटोरा कहा जाता है। यहां गन्ने का उत्पादन खूब होता है। ऐसे में किसानों ने जंगल की जमीन पर अतिक्रमण कर उस पर गन्ने की फसल उगाना शुरू कर दिया। अक्सर जंगल से निकलकर टाइगर्स गन्ने के खेतों में भी आ जाते हैं। और इसके बाद शुरू होता है मानव और वन्यजीव संघर्ष। जो किसी ने किसी की मौत के रूप में सामने आता है।
'हमने अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर लिया है। नौ हजार हेक्टेयर वनभूमि पर अवैध अतिक्रमण है। हमने नोटिस सर्व करना शुरू कर दिया है। 10 हेक्टेयर गन्ने को जब्त किया है। करीब एक लाख से ज्यादा की नीलामी भी की है। वन अधिनियम के तहत अतिक्रमणकारियों को गन्ना वन उपज के रूप में शामिल करने की कार्यवाई की जा रही। गन्ना विभाग को भी वन भूमि पर बने सटटों को तत्काल बंद करने के लिए लिखा गया है।
ओपनिंग पीटीसी-प्रशान्त पाण्डेय
बाइट-संजय कुमार(फील्ड डायरेक्टर दुधवा टाइगर रिजर्व)
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प्रशान्त पाण्डेय
9984152598
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