लखनऊ : अकाली दल का दामन छोड़ने के बाद मनजिंदर सिंह सिरसा ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने सिख समुदाय को संदेश देने के लिए मनजिंदर सिंह सिरसा को राष्ट्रीय सचिव बनाया है. राष्ट्रीय सचिव बनने के बाद मनजिंदर सिंह पहली बार पीलीभीत पहुंचे. पीलीभीत आगमन पर सिरसा का पार्टी कार्यकर्ताओं समेत सिख समुदाय के लोगों ने जोरदार स्वागत किया. एक बैठक को संबोधित करते हुए सिरसा ने पीएम मोदी के किसान बल पर माफी मांगने के मामले में बयान देते हुए अन्य सरकारों पर जमकर निशाना साधा और सिख समुदाय को 2024 के चुनाव के लिए सियासी संदेश देने का भी काम किया.
शुक्रवार को उत्तराखंड में नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकने के बाद मनजिंदर सिंह दलबल के साथ पीलीभीत की सीमा में पहुंचे, जहां उनका जगह-जगह पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया. इस दौरान सिरसा ने पीलीभीत के पूरनपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बारात घर में सिख समुदाय की बड़ी बैठक को संबोधित किया. बैठक के दौरान सिरसा ने कई सियासी बयान जारी कर सिख समुदाय के लोगों को साधने का काम किया. कार्यक्रम के दौरान मनजिंदर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं को भी मंच से जनता के समक्ष रखा. इस दौरान कृषि बिल का जिक्र करते हुए सिरसा ने कहा कि 'मैं वह नेता नहीं हूं जो स्वार्थ के लिए दल बदल ले, मैंने किसानों की लड़ाई लड़ी और किसानों का साथ दिया.' सिरसा ने कहा कि 'देश के प्रधानमंत्री ने गुरु पर्व के दिन गुरुद्वारा पहुंचकर कृषि बिल के मुद्दे पर माफी मांगी, कांग्रेस पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए सिरसा ने कहा कि पहले की सरकारों में गुरुद्वारे पर हमला हुआ करता था. इसके साथ ही हमारे लोगों को गले में टायर डालकर जला दिया जाता था, ऐसे में दो घटनाओं का जिक्र करते हुए आगामी 2024 के चुनाव को लेकर सिरसा ने सिख समुदाय के लोगों को बड़ा संदेश देने का काम किया.'
बैठक के बाद मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए मनजिंदर सिंह ने कहा कि 'यह बात सच है कि किसान नाराज है. किसानों के कुछ मुद्दे हैं, जिन्हें जानना जरूरी है. ऐसे में आज मैं इनके बीच आया हूं. किसानों के मुद्दे जानकर मैं सरकार के समक्ष रखूंगा और इन मुद्दों का निराकरण करने की भी कोशिश करूंगा. इसके साथ ही सिरसा ने कहा कि मैं इन लोगों के बीच सिर्फ इसलिए आया हूं ताकि उनकी समस्याएं जान सकूं यह मेरे पुराने लोग हैं.'