लखीमपुर खीरी: जिले में क्वारंटाइन सेंटर वेलनेस सेंटर बनकर उभर रहे हैं. महीने भर से इन आश्रय स्थलों में रह रहे नेपाली नागरिक अब योग सीखकर निरोग हो रहे हैं, उनका मानसिक विकास भी हो रहा है और शरीर में इम्यूनिटी भी बढ़ रही है. खीरी जिले के डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है. ऐसे में क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों को योग की क्लास दी जा रही है. जब से योग की क्लास शुरु हुई वह काफी खुश भी हैं और स्वस्थ भी हो रहे हैं.
नेपाली क्वारंटाइनों को दी जा रही योग की क्लास
खीरी जिले में अट्ठारह क्वारंटाइन सेंटर इस वक्त चल रहे हैं. इनमें करीब 1000 लोग दूसरे प्रदेशों से आकर रह रहे हैं. इनमें से 195 पड़ोसी देश नेपाल के नागरिक भी है, जो धौरहरा और पलिया में रह रहे हैं. इनके खाने पीने की व्यवस्था इन आश्रय स्थलों में ही की गई है, लेकिन खाली बैठे यह मजदूर काफी परेशान भी हो रहे हैं. घर नहीं पहुंचने से उनके मन में अवसाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है. इसलिए धौरहरा के एसडीएम सुनन्दू सुधाकरन ने एक योग शिक्षक को खोज निकाला और नेपाली क्वारंटाइन नागरिकों को योग की क्लास दी जाने लगी. योग में इनको ओम की सस्वर ध्वनि, अनुलोम विलोम और व्यायाम भी करवाया जा रहा है. जिसके बाद आश्रय स्थलों में रह रहे लोग पहले से ज्यादा खुश रहने लगे हैं.
अभी पलिया और धौरहरा में नेपाली नागरिकों को ही योग की क्लास दी जा रही थी, पर अब जिले के और सेंटर्स में भी हम योग और म्यूजिक से वहां रह रहे लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने का प्रयास करेंगे. कहावत है न कि खाली दिमाग शैतान का और खाली खेत लड़ाई की जड़ होती है. हम इन आश्रय स्थलों में रह रहे लोगों को खाली रखना नहीं चाहते, इसलिए अभी योग की शिक्षा दी जा रही है, इसके सकारात्मक परिणाम पहले ही दिन से दिखने लगे हैं.
- शैलेन्द्र कुमार सिंह, डीएम