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किसान आंदोलन में न घुस आएं अराजकतत्व, इसलिए निगरानी: IG - यूपी न्यूज

किसान आंदोलन की तपिश उत्तर प्रदेश में न फैल जाए, इसे लेकर प्रदेश सरकार बहुत सावधान है. यूपी पुलिस अलर्ट मोड पर है और जगह-जगह निगरानी की जा रही है. लखीमपुर खीरी में 4 स्तर पर किसानों से संवाद किया जा रहा है.

उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन को लेकर पुलिस हाई अलर्ट पर है.
उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन को लेकर पुलिस हाई अलर्ट पर है.
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Published : Jan 4, 2021, 8:17 PM IST

लखीमपुर खीरी: दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन की आग यूपी में न फैले इसको लेकर यूपी पुलिस अलर्ट मोड में है. यूपी के तराई इलाके पर यूपी पुलिस की खास निगहबानी है. आईजी लक्ष्मी सिंह ने कहा कि पुलिस किसी किसान को परेशान नहीं कर रही. बल्कि किसान आंदोलन की आड़ में कहीं कोई अराजकतत्व न घुस आएं इसको लेकर संवाद और निगरानी की जा रही है. लखनऊ जोन के लखीमपुर खीरी जिले में आईजी लक्ष्मी सिंह बराबर कैम्प किए हुए हैं. गुरुद्वारों और सार्वजनिक जगहों पर किसान चौपाल लगाई जा रही है. आईजी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि संवाद से ही किसी समस्या का समाधान निकलता है. हम किसानों से बात कर रहे हैं, संवाद कर रहे हैं, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े.

उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन को लेकर पुलिस हाई अलर्ट पर है.
तराई में 4 स्तर पर किसानों से संवाद

तराई के जिलों में सिख किसानों की बहुतायत है. यहां से भी किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं. इसको लेकर यूपी सरकार अब अलर्ट मोड पर है. आईजी लखनऊ जोन पिछले 10 दिनों में आईजी लखीमपुर में दोबारा आकर कैम्प किए हुए हैं. आईजी लक्ष्मी सिंह ने कहा कि हम किसानों से बात कर रहे हैं. चार चरणों में हम किसान और लोगों से बात कर रहे हैं. एक मेरे स्तर पर, फिर डीएम-एसपी किसानों से मिल रहे. उनकी समस्याएं जान समझ रहे और निराकरण भी करा रहे. एसडीएम सीओ भी गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद कर रहे हैं. वहीं थाना स्तर पर इंस्पेक्टर-एसओ भी किसानों से बात कर रहे. आईजी ने कहा कि किसानों को यही समझाया जा रहा कि लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखें. किसानों को समझाया जा रहा है कि आप अपनी बात ज्ञापन के माध्यम से भी रख सकते हैं.

डिटेंशन के आरोपों से किया इंकार

किसान नेताओं के दिल्ली जाने से रोके जाने और पुलिस डिटेंशन के आरोपों पर आईजी ने कहा की जिले में कहीं भी कोई किसान नेताओं का डिटेंशन नहीं किया गया है. न ही किसी का उत्पीड़न किया जा रहा है. हमने व्यवस्था बनाने के लिए टिकटिंग की व्यवस्था की है. जिले के बॉर्डर पर पुलिस की निगरानी है. हमारा उद्देश्य यही है कि किसान आंदोलन की आड़ में कोई अराजक तत्व बीच में न आ जाए, क्योंकि संवाद गांव-गांव में हो रहा है. इसलिए पुलिस की जगह-जगह उपस्थिति है. इसको किसानों को अन्यथा नहीं लेना चाहिए.

लखीमपुर खीरी: दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन की आग यूपी में न फैले इसको लेकर यूपी पुलिस अलर्ट मोड में है. यूपी के तराई इलाके पर यूपी पुलिस की खास निगहबानी है. आईजी लक्ष्मी सिंह ने कहा कि पुलिस किसी किसान को परेशान नहीं कर रही. बल्कि किसान आंदोलन की आड़ में कहीं कोई अराजकतत्व न घुस आएं इसको लेकर संवाद और निगरानी की जा रही है. लखनऊ जोन के लखीमपुर खीरी जिले में आईजी लक्ष्मी सिंह बराबर कैम्प किए हुए हैं. गुरुद्वारों और सार्वजनिक जगहों पर किसान चौपाल लगाई जा रही है. आईजी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि संवाद से ही किसी समस्या का समाधान निकलता है. हम किसानों से बात कर रहे हैं, संवाद कर रहे हैं, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े.

उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन को लेकर पुलिस हाई अलर्ट पर है.
तराई में 4 स्तर पर किसानों से संवाद

तराई के जिलों में सिख किसानों की बहुतायत है. यहां से भी किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं. इसको लेकर यूपी सरकार अब अलर्ट मोड पर है. आईजी लखनऊ जोन पिछले 10 दिनों में आईजी लखीमपुर में दोबारा आकर कैम्प किए हुए हैं. आईजी लक्ष्मी सिंह ने कहा कि हम किसानों से बात कर रहे हैं. चार चरणों में हम किसान और लोगों से बात कर रहे हैं. एक मेरे स्तर पर, फिर डीएम-एसपी किसानों से मिल रहे. उनकी समस्याएं जान समझ रहे और निराकरण भी करा रहे. एसडीएम सीओ भी गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद कर रहे हैं. वहीं थाना स्तर पर इंस्पेक्टर-एसओ भी किसानों से बात कर रहे. आईजी ने कहा कि किसानों को यही समझाया जा रहा कि लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखें. किसानों को समझाया जा रहा है कि आप अपनी बात ज्ञापन के माध्यम से भी रख सकते हैं.

डिटेंशन के आरोपों से किया इंकार

किसान नेताओं के दिल्ली जाने से रोके जाने और पुलिस डिटेंशन के आरोपों पर आईजी ने कहा की जिले में कहीं भी कोई किसान नेताओं का डिटेंशन नहीं किया गया है. न ही किसी का उत्पीड़न किया जा रहा है. हमने व्यवस्था बनाने के लिए टिकटिंग की व्यवस्था की है. जिले के बॉर्डर पर पुलिस की निगरानी है. हमारा उद्देश्य यही है कि किसान आंदोलन की आड़ में कोई अराजक तत्व बीच में न आ जाए, क्योंकि संवाद गांव-गांव में हो रहा है. इसलिए पुलिस की जगह-जगह उपस्थिति है. इसको किसानों को अन्यथा नहीं लेना चाहिए.

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