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लखीमपुर खीरी उपचुनाव: बीजेपी और सपा ने शुरू की किलेबंदी

लखीमपुर खीरी जनपद की गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. आगामी चुनाव के लिए बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने तैयारियां तेज कर दीं हैं.

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गोला विधानसभा उपचुनाव
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Published : Oct 7, 2022, 4:18 PM IST

लखीमपुरखीरी: गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए सियासी दलों ने अपनी-अपनी सियासी गोटियां बिछाना शुरू कर दिया है. इस सीट पर काबिज होने के लिए बीजेपी सहानुभूति के जरिए वोट समेटने की कोशिश कर रही है, तो वहीं सपा मौजूदा सरकार की विफलताओं को उजागर करके इस सीट को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है. इस सीट की सियासी चाल में कांग्रेस और बसपा फिलहाल संजीदा नहीं दिख रहीं हैं.

क्यों हो रहा उपचुनाव: लखीमपुर खीरी जिले की गोला विधानसभा सीट-139 (Gola assembly seat) पर बीजेपी के विधायक अरविंद गिरी की हार्ट अटैक से मौत (MLA Arvind Giri dies of heart attack) होने के बाद उपचुनाव होने की घोषणा की गई थी. यूपी विधानसभा चुनाव-2022 में अरविंद गिरी इस सीट पर बीजेपी से दूसरी बार विधायक चुने गए थे. वहीं, अरविंद गिरी सपा से गोला विधानसभा से इससे पहले 3 बार विधायक रह चुके हैं. कुल 5 बार विधायक रहे चुके अरविंद गिरी की कुछ दिन पहले ही लखनऊ जाते समय कार में हार्ट अटैक आने से मौत हो गई थी. इसके बाद गोला विधानसभा में चुनाव आयोग ने उपचुनाव की तारीख 3 नवंबर तय की है.

बीजेपी ने भेजी है आवेदकों की सूची: गोला विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा ने 4 नामों की सूची आलाकमान के सामने भेजी है. बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष अनुराग मिश्र कहते हैं बीजेपी की एक परम्परा है कि टिकट संसदीय कमेटी ही तय करती है. यहां से आवेदकों के जो नाम मिले हैं, उन्हें आगे भेजा गया है. भाजपा के जिला महामंत्री विजय शुक्ला रिंकू कहते हैं. 6 आवेदकों ने आवेदन किया है. पार्टी अब आखिरी फैंसला लेगी.

सम्भवता रविवार तक फाइनल नाम आ जाए. भाजपा से विधायक अरविंद गिरी के पुत्र अमन गिरी, ठाकुर प्रसाद गंगवार, ईश्वर दीन वर्मा, विजय महेश्वरी, ओमप्रकाश पटेल और विपिन मिश्र ने आवेदन किया है. पार्टी ने तीन नाम ऊपर भेजे हैं. जिनपर आखिरी मोहर दिल्ली से लगेगी.

बीजेपी ने फिर शुरू की किलेबंदी: गोला विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने किलेबन्दी शुरू कर दी है. सीएम योगी आदित्यनाथ खुद विधायक अरविंद गिरी की मौत के बाद शोक संवेदना प्रकट करने और परिवार को सांत्वना देने उनके घर पहुंचे थे. उन्होंने अकेले में परिवार से बात की थी. अरविंद गिरी के बेटे अमन गिरी के सर पर हाथ रख आशीर्वाद भी दिया था. पिता के कामों को आगे बढ़ाने की बात कही थी. तभी साफ हो गया था, कि पार्टी अरविंद गिरी की विरासत को ही आगे बढ़ाएगी.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने उस वक्त अरविंद गिरी के बेटे अमन गिरी से उसकी उम्र भी पूछी थी. साफ संकेत था कि पार्टी का आशीर्वाद परिवार के साथ ही रहेगा. भाजपा के जिला उपाध्यक्ष विजय शुक्ला रिंकू कहते हैं, हमारे लिए जनता चुनाव लड़ेगी. मोदी जी और योगी जी की डबल इंजन की सरकार में जनता से जुड़े मुद्दों पर ही कल्याणकारी काम हो रहा है. टिकट की घोषणा के पहले ही बीजेपी की जीत पक्की है.बाकी दल सपना देखते रह जाएंगे. यूपी में हो रहे विकास की फिर जीत होगी.

समाजवादी पार्टी ने भी कसी कमर: गोला विधानसभा उपचुनाव के लिए सपा ने भी कमर कस ली है. पार्टी 2022 के प्रत्याशी को ही चुनाव मैदान में उतारना चाह रही है. पहले विनय तिवारी गोला सपा के प्रत्याशी थे. 97240 वोट पाने के बाद बीजेपी के प्रत्याशी अरविंद गिरी से हार गए थे. अरविन्द गिरी को करीब 1.26लाख वोट मिले थे. बसपा प्रत्याशी को 26 हजार व कांग्रेस को मात्र 3300 वोट मिले थे.
इस बारे में सपा के पूर्व एमएलसी शशांक यादव कहते हैं कि नेता जी कि तबीयत खराब है. इस वजह से नाम की घोषणा में कुछ देरी हो गई है. लेकिन, एक दो दिन में नाम की घोषणा हो जाएगी. उम्मीद यही है कि विनय तिवारी ही फिर से उप चुनाव लडेंगे. पिछली बार जनता का प्यार खूब मिला था. उम्मीद है इस बार सरकार की विफलताएं, किसान-मजदूर और बेरोजगारी, मंहगाई और भाजपा के कुशासन के मुद्दे सपा को और मजबूत करेंगे.
सपा प्रत्याशी विनय तिवारी ने नाम की घोषणा के बगैर ही पार्टी की हरी झंडी के सहारे इलाके में चुनावी जन समर्थन जुटाना भी शुरू कर दिया है. विनय तिवारी कहते हैं 14 दिन का गन्ना भुगतान का वादा, छुट्टा जानवर, भाजपा सरकार की किसान और गरीब विरोधी नीतियां ही हमारे मुद्दे हैं. आप देखते जाइए इस बार भाजपा के कुशासन पर जनता का बुलडोजर जरूर चलेगा. गोला से यूपी में शुरुआत होगी.

यह भी पढ़ें:बीजेपी विधायक के बिगड़े बोल, कहा- हमसे बड़ा गुंडा कोई नहीं है

यह भी पढ़ें:गोला विधानसभा सीट: क्या इस बार बीजेपी बचा पाएगी गोला का किला?

लखीमपुरखीरी: गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए सियासी दलों ने अपनी-अपनी सियासी गोटियां बिछाना शुरू कर दिया है. इस सीट पर काबिज होने के लिए बीजेपी सहानुभूति के जरिए वोट समेटने की कोशिश कर रही है, तो वहीं सपा मौजूदा सरकार की विफलताओं को उजागर करके इस सीट को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है. इस सीट की सियासी चाल में कांग्रेस और बसपा फिलहाल संजीदा नहीं दिख रहीं हैं.

क्यों हो रहा उपचुनाव: लखीमपुर खीरी जिले की गोला विधानसभा सीट-139 (Gola assembly seat) पर बीजेपी के विधायक अरविंद गिरी की हार्ट अटैक से मौत (MLA Arvind Giri dies of heart attack) होने के बाद उपचुनाव होने की घोषणा की गई थी. यूपी विधानसभा चुनाव-2022 में अरविंद गिरी इस सीट पर बीजेपी से दूसरी बार विधायक चुने गए थे. वहीं, अरविंद गिरी सपा से गोला विधानसभा से इससे पहले 3 बार विधायक रह चुके हैं. कुल 5 बार विधायक रहे चुके अरविंद गिरी की कुछ दिन पहले ही लखनऊ जाते समय कार में हार्ट अटैक आने से मौत हो गई थी. इसके बाद गोला विधानसभा में चुनाव आयोग ने उपचुनाव की तारीख 3 नवंबर तय की है.

बीजेपी ने भेजी है आवेदकों की सूची: गोला विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा ने 4 नामों की सूची आलाकमान के सामने भेजी है. बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष अनुराग मिश्र कहते हैं बीजेपी की एक परम्परा है कि टिकट संसदीय कमेटी ही तय करती है. यहां से आवेदकों के जो नाम मिले हैं, उन्हें आगे भेजा गया है. भाजपा के जिला महामंत्री विजय शुक्ला रिंकू कहते हैं. 6 आवेदकों ने आवेदन किया है. पार्टी अब आखिरी फैंसला लेगी.

सम्भवता रविवार तक फाइनल नाम आ जाए. भाजपा से विधायक अरविंद गिरी के पुत्र अमन गिरी, ठाकुर प्रसाद गंगवार, ईश्वर दीन वर्मा, विजय महेश्वरी, ओमप्रकाश पटेल और विपिन मिश्र ने आवेदन किया है. पार्टी ने तीन नाम ऊपर भेजे हैं. जिनपर आखिरी मोहर दिल्ली से लगेगी.

बीजेपी ने फिर शुरू की किलेबंदी: गोला विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने किलेबन्दी शुरू कर दी है. सीएम योगी आदित्यनाथ खुद विधायक अरविंद गिरी की मौत के बाद शोक संवेदना प्रकट करने और परिवार को सांत्वना देने उनके घर पहुंचे थे. उन्होंने अकेले में परिवार से बात की थी. अरविंद गिरी के बेटे अमन गिरी के सर पर हाथ रख आशीर्वाद भी दिया था. पिता के कामों को आगे बढ़ाने की बात कही थी. तभी साफ हो गया था, कि पार्टी अरविंद गिरी की विरासत को ही आगे बढ़ाएगी.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने उस वक्त अरविंद गिरी के बेटे अमन गिरी से उसकी उम्र भी पूछी थी. साफ संकेत था कि पार्टी का आशीर्वाद परिवार के साथ ही रहेगा. भाजपा के जिला उपाध्यक्ष विजय शुक्ला रिंकू कहते हैं, हमारे लिए जनता चुनाव लड़ेगी. मोदी जी और योगी जी की डबल इंजन की सरकार में जनता से जुड़े मुद्दों पर ही कल्याणकारी काम हो रहा है. टिकट की घोषणा के पहले ही बीजेपी की जीत पक्की है.बाकी दल सपना देखते रह जाएंगे. यूपी में हो रहे विकास की फिर जीत होगी.

समाजवादी पार्टी ने भी कसी कमर: गोला विधानसभा उपचुनाव के लिए सपा ने भी कमर कस ली है. पार्टी 2022 के प्रत्याशी को ही चुनाव मैदान में उतारना चाह रही है. पहले विनय तिवारी गोला सपा के प्रत्याशी थे. 97240 वोट पाने के बाद बीजेपी के प्रत्याशी अरविंद गिरी से हार गए थे. अरविन्द गिरी को करीब 1.26लाख वोट मिले थे. बसपा प्रत्याशी को 26 हजार व कांग्रेस को मात्र 3300 वोट मिले थे.
इस बारे में सपा के पूर्व एमएलसी शशांक यादव कहते हैं कि नेता जी कि तबीयत खराब है. इस वजह से नाम की घोषणा में कुछ देरी हो गई है. लेकिन, एक दो दिन में नाम की घोषणा हो जाएगी. उम्मीद यही है कि विनय तिवारी ही फिर से उप चुनाव लडेंगे. पिछली बार जनता का प्यार खूब मिला था. उम्मीद है इस बार सरकार की विफलताएं, किसान-मजदूर और बेरोजगारी, मंहगाई और भाजपा के कुशासन के मुद्दे सपा को और मजबूत करेंगे.
सपा प्रत्याशी विनय तिवारी ने नाम की घोषणा के बगैर ही पार्टी की हरी झंडी के सहारे इलाके में चुनावी जन समर्थन जुटाना भी शुरू कर दिया है. विनय तिवारी कहते हैं 14 दिन का गन्ना भुगतान का वादा, छुट्टा जानवर, भाजपा सरकार की किसान और गरीब विरोधी नीतियां ही हमारे मुद्दे हैं. आप देखते जाइए इस बार भाजपा के कुशासन पर जनता का बुलडोजर जरूर चलेगा. गोला से यूपी में शुरुआत होगी.

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