लखीमपुर खीरी: जिला जज की अदालत में लखीमपुर हिंसा मामले में 25 अप्रैल को आरोप तय होंगे. वहीं 26 अप्रैल को आरोपों को लेकर बहस की जाएगी. लखीमपुर हिंसा मामले में मंगलवार को आरोपी अंकित दास के वकील के वकालतनामा न दाखिल कर पाने के चलते अदालत अब मामले की सुनवाई 25 और 26 अप्रैल को करेगी.
तीन अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में कृषि कानूनों के विरोध करने वाले किसानों के ऊपर एक थार जीप चढ़ा दी गई थी. आरोप है कि किसानों पर थार जीप केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र और उनके साथियों ने जानबूझकर चढ़ाई थी. इस हादसे में पांच किसान और तीन बीजेपी कार्यकर्ता भी मारे गए थे. इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई, जिसके बाद एसआईटी ने चार्जशीट दाखिल कर दी थी.
इस मामले में गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र और उनके रिश्तेदार वीरेंद्र शुक्ल को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है, जबकि भाजपा सभासद सुमित जायसवाल और अंकित दास समेत 12 आरोपी अभी भी जिला जेल में बंद है. इन दोनों पर एक पत्रकार और चार किसानों पर थार जीप चढ़ाने का आरोप है. इसके अलावा तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या करने के दूसरे मामले में चार आरोपियों को भी जेल में बंद किया गया है. इन दोनों मामलों पर जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई.
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किसानों की हत्या के मामले में आरोपियों के वकील अवधेश सिंह ने बताया कि उनका मुवक्किल निर्दोष है. उन्होंने अदालत में 63 पेज की डिस्चार्ज अर्जी पहले ही दाखिल कर दी है. बता दें कि एसआईटी ने पांच हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर घटना को सोची-समझी साजिश और इरादतन हत्या बताया था.
तिकुनिया कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र की जमानत को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंजूरी दी थी, जिसे लेकर किसानों के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. बताया जा रहा है कि न्यायाधीश एनवी रमन्ना इस मामले की खुद सुनवाई कर रहे हैं और अब तक यह फैसला सुरक्षित है.
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