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किसानों ने की केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग, सौंपा ज्ञापन - sanyukt kisan morcha

तिकोनिया हिंसा मामले में किसानों ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा. किसानों ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है.

किसानों ने सौंपा ज्ञापन
किसानों ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Oct 26, 2021, 4:29 PM IST

लखीमपुर खीरी : 3 अक्टूबर को तिकोनिया में किसानों पर थार चढ़ाने के मामले को लेकर किसानों ने प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा. संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान लखीमपुर खीरी पहुंचे थे. किसानों ने मांग की है कि लखीमपुर खीरी की घटना के आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए.

किसानों ने यह भी मांग की है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए. न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून का दर्जा दिया जाए. देश भर में बेमौसम बारिश और बाढ़ के कारण किसानों की धान, दलहन, तिलहन, आलू जैसी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों के नुकसान का शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाए. भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह संधू ने धान खरीद में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि धान क्रय केंद्रों पर खरीद सही नहीं हो रही है. सरकारी धान क्रय केंद्रों पर मानक के नाम पर किसानों की फसलों को नहीं खरीदा जा रहा है. सरकारी धान क्रय केंद्रों को भी सरकार चालू करे और शत-प्रतिशत किसानों के धान एमएसपी पर खरीदें जाएं.


किसानों के जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने के दौरान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रदेश प्रभारी बलजिंदर सिंह मान और दिल्ली से पहुंचे गुरप्रीत सिंह औजला ने भी शिरकत की. बलजिंदर सिंह मान ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत दो-तीन दिनों में खीरी आएंगे. टिकैत खीरी और पीलीभीत जिलों में आए भीषण बाढ़ के कारण फसलों की तबाही का मुआयना करेंगे और सरकार से मांग करेंगे कि फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाए.


तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया में किसानों पर थार चढ़ाने के मामले में दर्ज दूसरे मुकदमे में और किसानों को गवाहों के तौर पर दिये जा रहे नोटिस के सिलसिले में संयुक्त किसान मोर्चा की एक लीगल टीम भी लखीमपुर पहुंच गई है. अभी लीगल टीम के एक सदस्य ही पहुंचे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के यूपी, उत्तराखंड प्रभारी बलजिंदर सिंह मान ने कहा कि एक दो-दिन में पूरी लीगल टीम खीरी आ जाएगी. पूरे मुकदमे में किसानों की तरफ से उनकी पैरवी की जाएगी.

इसे भी पढ़ें - लखीमपुर खीरी हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी

लखीमपुर खीरी : 3 अक्टूबर को तिकोनिया में किसानों पर थार चढ़ाने के मामले को लेकर किसानों ने प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा. संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान लखीमपुर खीरी पहुंचे थे. किसानों ने मांग की है कि लखीमपुर खीरी की घटना के आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए.

किसानों ने यह भी मांग की है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए. न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून का दर्जा दिया जाए. देश भर में बेमौसम बारिश और बाढ़ के कारण किसानों की धान, दलहन, तिलहन, आलू जैसी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों के नुकसान का शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाए. भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह संधू ने धान खरीद में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि धान क्रय केंद्रों पर खरीद सही नहीं हो रही है. सरकारी धान क्रय केंद्रों पर मानक के नाम पर किसानों की फसलों को नहीं खरीदा जा रहा है. सरकारी धान क्रय केंद्रों को भी सरकार चालू करे और शत-प्रतिशत किसानों के धान एमएसपी पर खरीदें जाएं.


किसानों के जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने के दौरान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रदेश प्रभारी बलजिंदर सिंह मान और दिल्ली से पहुंचे गुरप्रीत सिंह औजला ने भी शिरकत की. बलजिंदर सिंह मान ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत दो-तीन दिनों में खीरी आएंगे. टिकैत खीरी और पीलीभीत जिलों में आए भीषण बाढ़ के कारण फसलों की तबाही का मुआयना करेंगे और सरकार से मांग करेंगे कि फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाए.


तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया में किसानों पर थार चढ़ाने के मामले में दर्ज दूसरे मुकदमे में और किसानों को गवाहों के तौर पर दिये जा रहे नोटिस के सिलसिले में संयुक्त किसान मोर्चा की एक लीगल टीम भी लखीमपुर पहुंच गई है. अभी लीगल टीम के एक सदस्य ही पहुंचे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के यूपी, उत्तराखंड प्रभारी बलजिंदर सिंह मान ने कहा कि एक दो-दिन में पूरी लीगल टीम खीरी आ जाएगी. पूरे मुकदमे में किसानों की तरफ से उनकी पैरवी की जाएगी.

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