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दशकों से नाले के पानी से बर्बाद हो रही सैकड़ों एकड़ फसल, चेत नहीं रहा प्रशासन

केद्र सरकार की ओर से 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही जाती है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. लखीमपुर खीरी के गोरिया बाजार गांव में नाले के पानी से बर्बाद हो रही किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन इस बात का मुख्य उदाहरण है.

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Published : Jul 13, 2019, 4:42 PM IST

पानी भरने से बर्बाद हो रही किसानों की फसल.

लखीमपुर खीरी: जिले के गौरिया बाजार गांव में एक नाला किसानों के लिए मुसीबत बन गया है. इस नाले से पानी ओवरफ्लो होकर किसानों के खेतों में चला जाता है. इससे साल के ज्यादातर दिनों में किसानों के खेतों में पानी भरा रहता है. खेतों में पानी भरे होने की वजह से किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन हमेशा जलमग्न रहती है, जिससे उनकी फसल बर्बाद हो जाती है. किसानों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी इसका कोई निस्तारण नहीं किया जाता है.

पानी भरने से बर्बाद हो रही किसानों की फसल.

क्या है मामला

  • जिले के गौरिया बाजार गांव में एक नाला किसानों के लिए मुसीबन बना है.
  • प्रशासन की सुस्ती के चलते नाले के आसपास के दर्जनों किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन जलमग्न रहती है.
  • साल भर खेत में पानी लगा होने की वजह से किसानों की फसल चौपट हो जाती है.
  • ऐसे में कुछ किसान अपने घर के खाने तक के लिए खेत से अनाज पैदा नहीं कर पाते हैं.

किसानों ने लगाया आरोप-

  • दशकों से सफाई न होने की वजह से नाले में सिल्ट जमा हो गई है.
  • इस वजह से पानी नाले से ओवरफ्लो होकर खेतों में भर जाता है.
  • शिकायत करने के बाद भी इस पर कार्रवाई नहीं होती और इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है.
  • जिलाधिकारी से एक बार फिर उन्हें आश्वासन मिला है कि जल्द ही इसका निस्तारण कर दिया जाएगा.
  • साथ ही जिलाधिकारी ने उन्हें मुआवजा दिलाने की बात भी कही है.

लखीमपुर खीरी: जिले के गौरिया बाजार गांव में एक नाला किसानों के लिए मुसीबत बन गया है. इस नाले से पानी ओवरफ्लो होकर किसानों के खेतों में चला जाता है. इससे साल के ज्यादातर दिनों में किसानों के खेतों में पानी भरा रहता है. खेतों में पानी भरे होने की वजह से किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन हमेशा जलमग्न रहती है, जिससे उनकी फसल बर्बाद हो जाती है. किसानों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी इसका कोई निस्तारण नहीं किया जाता है.

पानी भरने से बर्बाद हो रही किसानों की फसल.

क्या है मामला

  • जिले के गौरिया बाजार गांव में एक नाला किसानों के लिए मुसीबन बना है.
  • प्रशासन की सुस्ती के चलते नाले के आसपास के दर्जनों किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन जलमग्न रहती है.
  • साल भर खेत में पानी लगा होने की वजह से किसानों की फसल चौपट हो जाती है.
  • ऐसे में कुछ किसान अपने घर के खाने तक के लिए खेत से अनाज पैदा नहीं कर पाते हैं.

किसानों ने लगाया आरोप-

  • दशकों से सफाई न होने की वजह से नाले में सिल्ट जमा हो गई है.
  • इस वजह से पानी नाले से ओवरफ्लो होकर खेतों में भर जाता है.
  • शिकायत करने के बाद भी इस पर कार्रवाई नहीं होती और इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है.
  • जिलाधिकारी से एक बार फिर उन्हें आश्वासन मिला है कि जल्द ही इसका निस्तारण कर दिया जाएगा.
  • साथ ही जिलाधिकारी ने उन्हें मुआवजा दिलाने की बात भी कही है.
Intro:
भले ही केद्र सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कहती हो लेकिंन जमीनी मोर्चे यह हकीकत में कैसे पूरी होगी ?यह बड़ा सवाल उस समय खुलकर बड़ा नजर आने लगा, जब किसानों के लिए समर्पित सरकार किसानों की जमीनी दिक्क़तें दूर नही करती ।
Body:मामला लखीमपुर खीरी के गोरिया बाजार गाँव का है जहां एक नही दो नही बल्कि दसको से एक नाला किसानों के लिए मुसीबत बनकर सामने खड़ा रहता है।हालात ये है कि सिस्टम की सुस्ती के चलते नाले के आस पास की दर्जनों किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन साल के अधिकतम दिन जलमग्न ही रहती है जिसके चलते किसानों द्वारा लगाई गई फसल चौपट हो जाती है।कुछ किसान तो ऐसे में अपने घर के खाने तक अनाज खेत से पैदा नही कर पाते।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब खेत से फसलें नही लहलहायेगी तो फिर कैसे किसानों की आय दोगुनी होगी।
सिस्टम की सुस्ती की मार झेल रहे इन किसानों की माने तो दसको से इस नाले की सफाई न होने के चलते इस नाले में सिल्ट जमा हो गयी है जिसके चलते पानी नाले में न रहकर ओवरफ्लो हो जाता है और उनके खेतो में पानी भर जाता है।
किसानों की माने तो ऐसा नही है कि मामले को प्रशाशन संज्ञान में लाया नही गया ।जबकि मामले हो साल दर साल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और इस मामले में कोई कार्यवाई नही हुई।
एक बार फिर से प्रधानमंत्री से आस लगाकर जिला प्रशाशन को पूरे मामले में अवगत कराते हुए ग्रामीणों ने कहा है कि एक बार फिर जिले के अधिकारियों से आस्वाशन मिला है साथ ही उन्हें इस आस्वाशन पर उम्मीद भी बंधी है कि शायद उन्हें इस समस्या से निजात मिल जाएगी।
मामले में जिला अधिकारी ने जल्द ही किसानों की इस समस्या से निजात दिलाने की बात कही है।साथ हीं उनके द्वारा लगाई गई फसल के डूबने के चलते उन्हें मुवावजा भी दिए जाने की बात कह रहे हैं।

बाइट- शैलेन्द्र सिंह (जिला अधिकारी )
बाईट-रामू वर्मा(ब्लाक प्रमुख)
बाईट-राजेश(सरपंच)
बाइट- ओमप्रकाश(पीड़ित किसान)
बाईट-नाजिम अली(पीड़ित किसान)
बाईट-सफीक खा(पीड़ित किसान)Conclusion:
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