लखीमपुर खीरी: कहते हैं जब मन में जज्बा हो तो कुछ नया करने के लिए उम्र मायने नहीं रखती. कुछ ऐसी ही मिसाल पेश कर रहे हैं लखीमपुर के 60 वर्षीय रामनिवास. आधुनिक युग में जहां लोग चमकते हुए और रंग-बिरंगे खाद्य पदार्थों की ओर आकर्षित हो रहे हैं, वहीं किसान रामनिवास जैविक खाद के फायदे बताकर लोगों को उसे प्रयोग करने का सुझाव दे रहे हैं.
60 वर्षीय वृद्ध किसान ने शुरू की जैविक कृषि
- वर्तमान में किसान फसल की उपज बढ़ाने के लिए पेस्टिसाइड्स और रासायनिक खादों का प्रयोग करते हैं.
- सदर तहसील मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर आधारपुर गांव के निवासी रामनिवास जिनकी उम्र लगभग 60 वर्ष है.
- किसान रामनिवास लोगों को जैविक कृषि के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
- रामनिवास युवाओं और आने वाली पीढ़ी को रसायन के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए प्रयासरत हैं.
- वृद्ध किसान ने गांव में अपनी ही खाली पड़ी भूमि पर जैविक खाद का निर्माण शुरू किया है.
- जैविक खाद का निर्माण शुरू करने के बाद वे जैविक खाद बनाने और प्रयोग करने के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं.
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हमें जैविक किसान करने वाले किसान भाईयों का प्रोत्साहन करना चाहिए, जिससे हमारी आने वाली पीढ़ियां रासायनिक खेती से बच सकें. रासायनिक कृषि हमारे खेतों और हमारे शरीर दोनों के लिए सही नहीं है.
टीएन त्रिपाठी, कृषि निदेशक
रामनिवास की लगन को देखकर लखीमपुर खीरी कृषि विभाग के उपनिदेशक ने भी जैविक खाद के फायदे और रासायनिक खादों से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हुए जैविक खाद का निर्माण और प्रयोग करने वाले किसानों को हर संभव मदद करने का भरोसा दिलाया है.