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लखीमपुर खीरी में किसानों का 75 घंटे का धरना शुरू, मेधा पाटकर बोलीं अपने वादों से मुकर रही मोदी सरकार

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Published : Aug 18, 2022, 9:10 AM IST

Updated : Aug 18, 2022, 7:55 PM IST

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी समेत कई मुद्दों को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत आज से लखीमपुर खीरी जिले में 75 घंटों का धरना देने जा रहे हैं. गुरुवार 18 अगस्त से राकेश टिकैत संयुक्त किसान मोर्चा के 33 संगठनों के नेताओं के साथ धरना देंगे.

किसानों का 75 घंटों का धरना शुरू.
किसानों का 75 घंटों का धरना शुरू.

लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले वारंटी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी, गन्ना किसानों के बकाया मूल्य भुगतान बिजली बिल 2022 की वापसी समेत तमाम मांगों को लेकर किसानों का 75 घंटों का धरना शुरू हो गया. धरने में आई सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि मोदी सरकार एमएसपी पर कानून बनाने के मामले में वादाखिलाफी कर रही है. वहीं, लखीमपुर खीरी में किसानों पर थार (गाड़ी) चढ़ाने की हुई वीभत्स घटना के बाद भी आज भी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी अपनी कुर्सी पर बने हुए हैं. उन पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. यह दर्शाता है कि किसानों को लेकर सरकार कितना संवेदनशील है.

जानकारी देतीं मेधा पाटकर.

किसान मोर्चा के बैनर तले लखीमपुर जिले के मंडी समिति में किसान नेता राकेश टिकैत, पंजाब से आए जोगिंदर सिंह उग्राहा, डॉक्टर दर्शनपाल, मेधा पाटेकर, योगेंद्र यादव आदि तमाम नेता पहुंचे.

राकेश टिकैत बोले, ये धरना ट्रेलर है
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 75 घंटों का ये धरना तो अभी ट्रेलर है. किसान आंदोनल की तैयारी अभी चल रही. सरकार होती तो मान जाती, ये तो तानाशाह हैं. सरकार ने हर मोर्चे पर वादाखिलाफी की है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए टिकैत ने कहा कि तिकुनिया कांड में मंत्री अजय मिश्र टेनी की पद से बर्खास्तगी हो, 120 बी का मुकदमा चले और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं. बिजली बिल भी वापस हो. टिकैत ने खीरी के महापड़ाव को दिल्ली किसान आंदोलन का पार्ट टू नहीं माना. कहा कि 75 घंटे का धरना है और आगे के आंदोलन की रणनीति का खुलासा वह तीसरे दिन करेंगे. टिकैत ने कहा कि अब हम केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के गढ़ में आ गए हैं. यहां से उनकी बर्खास्तगी की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि वह तीन दिन तक लखीमपुर में ही डेरा डालेंगे. टिकैत ने कहा कि इस बार किसान बिना किसी नतीजे के वापस नहीं जाएंगे. हमारे पास 75 घंटे का समय है. उन्होंने कहा कि चार अक्तूबर 2021 को सरकार के साथ हमारे समझौते में जो मांगें थीं, उनमें से कई मांगें पूरी नहीं हुई हैं. अब तक टेनी पद पर हैं. घायलों को मुआवजा नहीं मिला है.

योगेंद्र यादव ने मांगा भाजपा से जवाब
स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने भाजपा पर सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा कि बिहार के दागी मंत्री पर नितीश कुमार को घेरने वाली भाजपा अपने मंत्री टेनी पर जवाब दे. यादव ने कहा कि भाजपा वाशिंग मशीन बन गई है. यादव ने कहा कि यह सरकार सिर्फ वादाखिलाफी करती है. हमने जो भी हासिल किया है, वह कोर्ट के जरिए पाया है. यादव ने खीरी कांड की तुलना जलियावाला बाग से करते हुए कहा कि जिसने किसानों पर कार चढ़ाई, उसे तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन कांड का सूत्रधार बाहर घूम रहा है. उल्टे हमारे ही किसानों पर मुकदमा दर्ज कर जेल में डाल दिया गया.


मेधा पाटकर बोलीं, किसानों को बांट रही भाजपा
नर्मदा बचाओ आंदोजन की प्रणेता व सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर भी खीरी पहुंचीं. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन पूरे देश का है. खीरी में तीन अक्तूबर 2021 को जो हुआ, वह क्रूरता थी. ऐसी ही क्रूरता विकास के नाम पर भी सरकार कर रही है. पाटकर ने कहा कि भाजपा किसानों को भ्रमित व विभाजित करती रहती है. किसानों को सरकार हाशिए पर ले आई है. मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे ने भी कहा कि वह एक जागरूक नागरिक के नाते लखीमपुर पहुंचे हैं. यहां जो घटना हुई थी, वह किसी को कुबूल नहीं होगी. किसानों के मन में संताप है. धरने को किसान नेता प्रोफेसर दर्शनपाल, संदीप पाण्डेय, रणजीत सिंह राजू और तमाम किसान नेताओ ने संबोधित किया.

...जब भड़क उठे राकेश टिकैत
धरने के दौरान जब राकेश टिकैत मंच पर पहुंचे तो जिला प्रशासन और अफसरों पर भड़क पड़े. उनका गुस्सा सातवें आसमान पर था. दरअसल, धरने में भाग लेने पहुंचे देशभर के किसानों के लिए प्रशासन की ओर से न तो शौचालय़ की व्यवस्था की गई और न ही पानी के टैंकरों की. इसे लेकर राकेश टिकैत ने गहरी नाराजगी जताई. प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एक घंटे में पानी और शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई तो हर जिले के डीएम दफ्तरों में किसान प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने अल्टीमेटम देते हुए मंच से जिला प्रशासन इंटेलिजेंस और पुलिस के अफसरों को चेताया कि दूर-दूर से आए किसानों के लिए अगर पानी और शौचालय की व्यवस्था प्रशासन नहीं कराता है तो हर जिले के डीएम दफ्तरों को घेर लिया जाएगा. राकेश टिकैत की चेतावनी के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया. एलआईयू और आईबी के अफसर मंच के पास जाकर राकेश टिकैत से मिले और व्यवस्थाएं सुधारने का आश्वासन दिया.

इसे भी पढ़ें- ट्रैक्टर से तिरंगा यात्रा निकाल राकेश टिकैत ने किसानों के हित में उठाई आवाज

लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले वारंटी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी, गन्ना किसानों के बकाया मूल्य भुगतान बिजली बिल 2022 की वापसी समेत तमाम मांगों को लेकर किसानों का 75 घंटों का धरना शुरू हो गया. धरने में आई सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि मोदी सरकार एमएसपी पर कानून बनाने के मामले में वादाखिलाफी कर रही है. वहीं, लखीमपुर खीरी में किसानों पर थार (गाड़ी) चढ़ाने की हुई वीभत्स घटना के बाद भी आज भी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी अपनी कुर्सी पर बने हुए हैं. उन पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. यह दर्शाता है कि किसानों को लेकर सरकार कितना संवेदनशील है.

जानकारी देतीं मेधा पाटकर.

किसान मोर्चा के बैनर तले लखीमपुर जिले के मंडी समिति में किसान नेता राकेश टिकैत, पंजाब से आए जोगिंदर सिंह उग्राहा, डॉक्टर दर्शनपाल, मेधा पाटेकर, योगेंद्र यादव आदि तमाम नेता पहुंचे.

राकेश टिकैत बोले, ये धरना ट्रेलर है
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 75 घंटों का ये धरना तो अभी ट्रेलर है. किसान आंदोनल की तैयारी अभी चल रही. सरकार होती तो मान जाती, ये तो तानाशाह हैं. सरकार ने हर मोर्चे पर वादाखिलाफी की है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए टिकैत ने कहा कि तिकुनिया कांड में मंत्री अजय मिश्र टेनी की पद से बर्खास्तगी हो, 120 बी का मुकदमा चले और किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं. बिजली बिल भी वापस हो. टिकैत ने खीरी के महापड़ाव को दिल्ली किसान आंदोलन का पार्ट टू नहीं माना. कहा कि 75 घंटे का धरना है और आगे के आंदोलन की रणनीति का खुलासा वह तीसरे दिन करेंगे. टिकैत ने कहा कि अब हम केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के गढ़ में आ गए हैं. यहां से उनकी बर्खास्तगी की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि वह तीन दिन तक लखीमपुर में ही डेरा डालेंगे. टिकैत ने कहा कि इस बार किसान बिना किसी नतीजे के वापस नहीं जाएंगे. हमारे पास 75 घंटे का समय है. उन्होंने कहा कि चार अक्तूबर 2021 को सरकार के साथ हमारे समझौते में जो मांगें थीं, उनमें से कई मांगें पूरी नहीं हुई हैं. अब तक टेनी पद पर हैं. घायलों को मुआवजा नहीं मिला है.

योगेंद्र यादव ने मांगा भाजपा से जवाब
स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने भाजपा पर सीधा हमला बोला. उन्होंने कहा कि बिहार के दागी मंत्री पर नितीश कुमार को घेरने वाली भाजपा अपने मंत्री टेनी पर जवाब दे. यादव ने कहा कि भाजपा वाशिंग मशीन बन गई है. यादव ने कहा कि यह सरकार सिर्फ वादाखिलाफी करती है. हमने जो भी हासिल किया है, वह कोर्ट के जरिए पाया है. यादव ने खीरी कांड की तुलना जलियावाला बाग से करते हुए कहा कि जिसने किसानों पर कार चढ़ाई, उसे तो गिरफ्तार कर लिया लेकिन कांड का सूत्रधार बाहर घूम रहा है. उल्टे हमारे ही किसानों पर मुकदमा दर्ज कर जेल में डाल दिया गया.


मेधा पाटकर बोलीं, किसानों को बांट रही भाजपा
नर्मदा बचाओ आंदोजन की प्रणेता व सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर भी खीरी पहुंचीं. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन पूरे देश का है. खीरी में तीन अक्तूबर 2021 को जो हुआ, वह क्रूरता थी. ऐसी ही क्रूरता विकास के नाम पर भी सरकार कर रही है. पाटकर ने कहा कि भाजपा किसानों को भ्रमित व विभाजित करती रहती है. किसानों को सरकार हाशिए पर ले आई है. मैग्सेसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे ने भी कहा कि वह एक जागरूक नागरिक के नाते लखीमपुर पहुंचे हैं. यहां जो घटना हुई थी, वह किसी को कुबूल नहीं होगी. किसानों के मन में संताप है. धरने को किसान नेता प्रोफेसर दर्शनपाल, संदीप पाण्डेय, रणजीत सिंह राजू और तमाम किसान नेताओ ने संबोधित किया.

...जब भड़क उठे राकेश टिकैत
धरने के दौरान जब राकेश टिकैत मंच पर पहुंचे तो जिला प्रशासन और अफसरों पर भड़क पड़े. उनका गुस्सा सातवें आसमान पर था. दरअसल, धरने में भाग लेने पहुंचे देशभर के किसानों के लिए प्रशासन की ओर से न तो शौचालय़ की व्यवस्था की गई और न ही पानी के टैंकरों की. इसे लेकर राकेश टिकैत ने गहरी नाराजगी जताई. प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एक घंटे में पानी और शौचालय की व्यवस्था नहीं की गई तो हर जिले के डीएम दफ्तरों में किसान प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने अल्टीमेटम देते हुए मंच से जिला प्रशासन इंटेलिजेंस और पुलिस के अफसरों को चेताया कि दूर-दूर से आए किसानों के लिए अगर पानी और शौचालय की व्यवस्था प्रशासन नहीं कराता है तो हर जिले के डीएम दफ्तरों को घेर लिया जाएगा. राकेश टिकैत की चेतावनी के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया. एलआईयू और आईबी के अफसर मंच के पास जाकर राकेश टिकैत से मिले और व्यवस्थाएं सुधारने का आश्वासन दिया.

इसे भी पढ़ें- ट्रैक्टर से तिरंगा यात्रा निकाल राकेश टिकैत ने किसानों के हित में उठाई आवाज

Last Updated : Aug 18, 2022, 7:55 PM IST
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