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खीरी में ग्राम पंचायत की 1165 सीटों पर होगा चुनाव, आरक्षण लिस्ट में ये है खास

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Published : Feb 20, 2021, 7:12 AM IST

लखीमपुर खीरी डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह के निर्देशन में एडीओ और बीडीओ समेत आरक्षण सूची बनाने में शामिल सभी कर्मचारियों को नियम कानून का सैद्धान्तिक और व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया. जिले में इस बार 1165 ग्राम सभाओं में प्रधानी का चुनाव होना है.

1165 सीटों पर होगा चुनाव.
1165 सीटों पर होगा चुनाव.

लखीमपुर खीरी : ग्राम प्रधान बीडीसी और जिला पंचायत के सदस्यों के आरक्षण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. खीरी में छह ग्राम सभाएं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रहेंगी. बाकी में एससी, ओबीसी, महिला के रूप में शाशनदेश के क्रम में आरक्षित होंगी. जिले में इस बार 1165 ग्राम सभाओं में प्रधानी का चुनाव होना है. इस बार खास बात है कि 2015 में आरक्षित सीटों पर आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा. वहीं जो सीटें कभी आरक्षित नहीं हुई उनको आरक्षित किया जाएगा. आरक्षण में इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि जिस जाति वर्ग के लिए सीट आरक्षित हो, उस जाति वर्ग के कम से कम दो लोग उस गांव के निवासी जरूर हों. डीपीआरओ शौम्यशील सिंह ने बताया कि एडीओ, बीडीओ और आरक्षण में लगे कर्मचारियों का प्रशिक्षण शुरू कर दिया है.

खीरी में होगा प्रधानी की 1165 सीटों पर चुनाव
प्रधानी के लिए खीरी जिले में 1165 सीटों पर चुनाव होना है. इसमें दो अनुसूचित जनजाति महिलाओं समेत छह सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रहेंगी. इसमें तीन सीटें पलिया ब्लॉक में और तीन सीटें निघासन ब्लॉक की होंगी. वहीं अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए 95 सीटें आरक्षित रहेंगी. साथ ही अनुसूचित जाति के लिए 173 सीटें. 108 सीटें पिछड़ी जाति (महिला) के लिए आरक्षित रहेंगी. वहीं पिछड़ा वर्ग के लिए 199 सीटें आरक्षित रहेंगी. जिले में कुल 395 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी. वहीं 584 सीटों पर सामान्य वर्ग के उम्मीदवार चुनाव लड़ सकेंगे.

डीपीआरओ शौम्य शील सिंह ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार सबसे पहले तो ग्राम पंचायतों को जनसंख्या के घटते क्रम में लगाना है. इसके बाद चयनित करना है कि वो ग्राम सभाएं कौन-कौन हैं जो अभी तक कभी आरक्षित नही रहीं. फिर सबसे पहले अनुसूचित जन जाति का आरक्षण तय करना है. इसके बाद बची सीटों पर अनुसूचित जाति, ओबीसी महिला फिर ओबीसी आरक्षण तय किया जाएगा.

डीपीआरओ ने बताया कि आरक्षण में यह बात भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि जिस वर्ग के लिए या जाति के लिए सीट आरक्षित हो रही है. उस जाति के कम से कम दो उम्मीदवार या लोग उस गांव में जरूर होने चाहिए. क्योंकि अगर उस जाति का एक व्यक्ति ही मौजूद होगा तो वह निर्विरोध निर्वाचित हो जाएगा.

वहीं इस दौरान डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह के निर्देशन में एडीओ और बीडीओ समेत आरक्षण सूची बनाने में शामिल सभी कर्मचारियों को नियम कानून का सैद्धान्तिक और व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया. डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने सभी को निर्देशित किया कि शासन की गाइडलाइंस के अनुसार पूरी ईमानदारी बरतते हुए लगन और मेहनत से सूची तैयार करनी है. उन्होंने कहा कि बीडीसी और ग्राम पंचायत सदस्य के आरक्षण की सूची बीडीओ और ब्लॉक प्रमुख वहीं प्रधान और जिला पंचायत सदस्यों की सूची डीपीआरओ स्तर पर तय की जाएगी.

लखीमपुर खीरी : ग्राम प्रधान बीडीसी और जिला पंचायत के सदस्यों के आरक्षण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. खीरी में छह ग्राम सभाएं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रहेंगी. बाकी में एससी, ओबीसी, महिला के रूप में शाशनदेश के क्रम में आरक्षित होंगी. जिले में इस बार 1165 ग्राम सभाओं में प्रधानी का चुनाव होना है. इस बार खास बात है कि 2015 में आरक्षित सीटों पर आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा. वहीं जो सीटें कभी आरक्षित नहीं हुई उनको आरक्षित किया जाएगा. आरक्षण में इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि जिस जाति वर्ग के लिए सीट आरक्षित हो, उस जाति वर्ग के कम से कम दो लोग उस गांव के निवासी जरूर हों. डीपीआरओ शौम्यशील सिंह ने बताया कि एडीओ, बीडीओ और आरक्षण में लगे कर्मचारियों का प्रशिक्षण शुरू कर दिया है.

खीरी में होगा प्रधानी की 1165 सीटों पर चुनाव
प्रधानी के लिए खीरी जिले में 1165 सीटों पर चुनाव होना है. इसमें दो अनुसूचित जनजाति महिलाओं समेत छह सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रहेंगी. इसमें तीन सीटें पलिया ब्लॉक में और तीन सीटें निघासन ब्लॉक की होंगी. वहीं अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए 95 सीटें आरक्षित रहेंगी. साथ ही अनुसूचित जाति के लिए 173 सीटें. 108 सीटें पिछड़ी जाति (महिला) के लिए आरक्षित रहेंगी. वहीं पिछड़ा वर्ग के लिए 199 सीटें आरक्षित रहेंगी. जिले में कुल 395 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी. वहीं 584 सीटों पर सामान्य वर्ग के उम्मीदवार चुनाव लड़ सकेंगे.

डीपीआरओ शौम्य शील सिंह ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार सबसे पहले तो ग्राम पंचायतों को जनसंख्या के घटते क्रम में लगाना है. इसके बाद चयनित करना है कि वो ग्राम सभाएं कौन-कौन हैं जो अभी तक कभी आरक्षित नही रहीं. फिर सबसे पहले अनुसूचित जन जाति का आरक्षण तय करना है. इसके बाद बची सीटों पर अनुसूचित जाति, ओबीसी महिला फिर ओबीसी आरक्षण तय किया जाएगा.

डीपीआरओ ने बताया कि आरक्षण में यह बात भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि जिस वर्ग के लिए या जाति के लिए सीट आरक्षित हो रही है. उस जाति के कम से कम दो उम्मीदवार या लोग उस गांव में जरूर होने चाहिए. क्योंकि अगर उस जाति का एक व्यक्ति ही मौजूद होगा तो वह निर्विरोध निर्वाचित हो जाएगा.

वहीं इस दौरान डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह के निर्देशन में एडीओ और बीडीओ समेत आरक्षण सूची बनाने में शामिल सभी कर्मचारियों को नियम कानून का सैद्धान्तिक और व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया. डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह ने सभी को निर्देशित किया कि शासन की गाइडलाइंस के अनुसार पूरी ईमानदारी बरतते हुए लगन और मेहनत से सूची तैयार करनी है. उन्होंने कहा कि बीडीसी और ग्राम पंचायत सदस्य के आरक्षण की सूची बीडीओ और ब्लॉक प्रमुख वहीं प्रधान और जिला पंचायत सदस्यों की सूची डीपीआरओ स्तर पर तय की जाएगी.

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