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लखीमपुर खीरी: घर में आधी रात घुस आया मगरमच्छ, लोगों का हुआ ये हाल

लखीमपुर खीरी में शनिवार रात घर में मगरमच्छ घुसने की घटना सामने आई है. उस समय घर में सो रहे पति-पत्नी आहट पाकर जागे तो मगरमच्छ देखकर सहम गए. फिलहाल पति ने हिम्मत दिखाते हुए मगरमच्छ को लाठी लेकर दौड़ाने पर टॉयलेट में जा घुसा. घटना की जानकारी मिलने पर वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को पकड़ लिया है.

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Published : Aug 9, 2020, 11:11 AM IST

lakhimpur khiri
घर में आधी रात घुस आया मगरमच्छ.

लखीमपुर खीरी: यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में शनिवार रात एक घर में मगरमच्छ के घुसने की घटना सामने आई है. वाकया तब हुआ जब खीरी थाना क्षेत्र में पति पत्नी घर में सो रहे थे, तभी उन्हें कुछ आहट सी महसूस हुई. पति के टॉर्च जलाकर देखने पर पता चला की एक मगरमच्छ उनके घर में घुस आया है. सुबह होते ही ग्रामीणों ने उस विशालकाय मगरमच्छ को पकड़ लिया. ग्रामीणों ने मगरमच्छ को वन विभाग की टीम को सौंप दिया है.

खीरी थाना इलाके के सरसवां गांव में शिवलाल के घर में उसकी बहू और बेटा सो रहे थे. शिवलाल अपने मक्के की फसल की रखवाली करने खेत गया हुआ था. वहीं उसकी पत्नी शिवरानी पड़ोस के धान के खेत की रखवाली करने चली गई थी. घर में उसकी बहू सुनीता और बेटा अजय सो रहे थे. आधी रात अजय को घर में किसी की आहट मिली. कुछ खड़बड़ सुनाई दी तो अजय की नींद खुल गई. अजय ने पत्नी को जगाया और घर के बाहर लगी फूस की टटिया की तरफ टॉर्च मारी तो एक विशालकाय मगरमच्छ टटिया फाड़कर उसके घर में घुस आया था.

जैसे ही मगरमच्छ ने टॉर्च की रोशनी देखी. मगरमच्छ बाहर की तरफ भागा पर वो बाहर नहीं निकल पाया. अजय ने लाठी उठाई और मगरमच्छ को घेरना चाहा तो मगरमच्छ भागने लगा. मगरमच्छ जान बचाकर टॉयलेट में घुस गया. अजय ने टॉयलेट को एक तख्त से बंद कर दिया. हंगामा मचने के बाद लोगों ने पुलिस को फोन किया. पुलिस ने वनकर्मियों को घटना के बारे में बताया. फारेस्टर शिवकुमार और वाचर राजू खान ने ग्रामीणों की मदद से लाठियों और लकड़ी से मगरमच्छ को दबोचा फिर रस्सियों से बांध लिया.

बाढ़ की वजह से ऊंचाई वाले स्थानों पर जा रहे मगरमच्छ
लखीमपुर खीरी जिले में शारदा घाघरा और मोहाना नदियां उफान पर हैं. बाढ़ आकर जा चुकी है. इसी बाढ़ के जरिए मगरमच्छ और जहरीले सांप भी जान बचाकर ऊंचे स्थानों की तलाश में लगे हैं. इस वजह से अक्सर ही मगरमच्छ और सांप इस बरसाती मौसम में निकलने लगते हैं. हालांकि सरसवां गांव शारदा और चौका नदी से करीब चार किलोमीटर दूर है, इसलिए लोग भी मगरमच्छ के आने को लेकर हैरत में हैं.

बिना रोशनी और लाठी के रात में न निकलें ग्रामीण
दक्षिण खीरी वन प्रभाग के डीएफओ समीर कुमार कहते हैं कि बरसात के दिनों में अक्सर ही मगरमच्छ और जहरीले सांप ऊंचे स्थानों की तलाश में भटक जाते हैं. इस वक्त जिले में बाढ़ की स्थिति भी है. कई नदियां उफान पर हैं. ऐसे में जलीय जानवर दूर-दूर तक अपनी सुरक्षा के मद्देनजर चले जाते हैं. पर इन जानवरों से डरने की जरूरत नहीं है. हां यह जरूर है कि ग्रामीणों को सतर्क रहना चाहिए. बरसात के दिनों में ग्रामीण इलाकों में रात में बिना लाठी-डंडे के और रोशनी के नहीं निकलना चाहिए. खासकर नदी के किनारे रहने वाले लोगों को. मगरमच्छ दिखाई पड़ने या गांव में आने की सूचना तुरंत वन विभाग को दें किसी भी जानवर को कोई हानि ना पहुंचाएं.

लखीमपुर खीरी: यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में शनिवार रात एक घर में मगरमच्छ के घुसने की घटना सामने आई है. वाकया तब हुआ जब खीरी थाना क्षेत्र में पति पत्नी घर में सो रहे थे, तभी उन्हें कुछ आहट सी महसूस हुई. पति के टॉर्च जलाकर देखने पर पता चला की एक मगरमच्छ उनके घर में घुस आया है. सुबह होते ही ग्रामीणों ने उस विशालकाय मगरमच्छ को पकड़ लिया. ग्रामीणों ने मगरमच्छ को वन विभाग की टीम को सौंप दिया है.

खीरी थाना इलाके के सरसवां गांव में शिवलाल के घर में उसकी बहू और बेटा सो रहे थे. शिवलाल अपने मक्के की फसल की रखवाली करने खेत गया हुआ था. वहीं उसकी पत्नी शिवरानी पड़ोस के धान के खेत की रखवाली करने चली गई थी. घर में उसकी बहू सुनीता और बेटा अजय सो रहे थे. आधी रात अजय को घर में किसी की आहट मिली. कुछ खड़बड़ सुनाई दी तो अजय की नींद खुल गई. अजय ने पत्नी को जगाया और घर के बाहर लगी फूस की टटिया की तरफ टॉर्च मारी तो एक विशालकाय मगरमच्छ टटिया फाड़कर उसके घर में घुस आया था.

जैसे ही मगरमच्छ ने टॉर्च की रोशनी देखी. मगरमच्छ बाहर की तरफ भागा पर वो बाहर नहीं निकल पाया. अजय ने लाठी उठाई और मगरमच्छ को घेरना चाहा तो मगरमच्छ भागने लगा. मगरमच्छ जान बचाकर टॉयलेट में घुस गया. अजय ने टॉयलेट को एक तख्त से बंद कर दिया. हंगामा मचने के बाद लोगों ने पुलिस को फोन किया. पुलिस ने वनकर्मियों को घटना के बारे में बताया. फारेस्टर शिवकुमार और वाचर राजू खान ने ग्रामीणों की मदद से लाठियों और लकड़ी से मगरमच्छ को दबोचा फिर रस्सियों से बांध लिया.

बाढ़ की वजह से ऊंचाई वाले स्थानों पर जा रहे मगरमच्छ
लखीमपुर खीरी जिले में शारदा घाघरा और मोहाना नदियां उफान पर हैं. बाढ़ आकर जा चुकी है. इसी बाढ़ के जरिए मगरमच्छ और जहरीले सांप भी जान बचाकर ऊंचे स्थानों की तलाश में लगे हैं. इस वजह से अक्सर ही मगरमच्छ और सांप इस बरसाती मौसम में निकलने लगते हैं. हालांकि सरसवां गांव शारदा और चौका नदी से करीब चार किलोमीटर दूर है, इसलिए लोग भी मगरमच्छ के आने को लेकर हैरत में हैं.

बिना रोशनी और लाठी के रात में न निकलें ग्रामीण
दक्षिण खीरी वन प्रभाग के डीएफओ समीर कुमार कहते हैं कि बरसात के दिनों में अक्सर ही मगरमच्छ और जहरीले सांप ऊंचे स्थानों की तलाश में भटक जाते हैं. इस वक्त जिले में बाढ़ की स्थिति भी है. कई नदियां उफान पर हैं. ऐसे में जलीय जानवर दूर-दूर तक अपनी सुरक्षा के मद्देनजर चले जाते हैं. पर इन जानवरों से डरने की जरूरत नहीं है. हां यह जरूर है कि ग्रामीणों को सतर्क रहना चाहिए. बरसात के दिनों में ग्रामीण इलाकों में रात में बिना लाठी-डंडे के और रोशनी के नहीं निकलना चाहिए. खासकर नदी के किनारे रहने वाले लोगों को. मगरमच्छ दिखाई पड़ने या गांव में आने की सूचना तुरंत वन विभाग को दें किसी भी जानवर को कोई हानि ना पहुंचाएं.

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