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लखीमपुर खीरी: NH-730 के जल्द बहुरेंगे दिन, वन विभाग से मिली NOC - लखीमपुर खीरी न्यूज

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले से होकर गुजरने वाले NH-730 के दिन जल्द बहुरने वाले हैं. वन विभाग से एनओसी मिलने के बाद इस पर जल्द काम शुरू हो जाएगा. खीरी के सांसद अजय कुमार मिश्र ने बताया कि उन्होंने ये मुद्दा लोकसभा में भी उठाया था, जिस पर तेज गति से कार्रवाई हुई है.

construction of nh-730 to begin soon
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Published : Oct 23, 2019, 9:17 AM IST

लखीमपुर खीरीः पीलीभीत जिले के तमकुही राज तक 519 किलोमीटर NH-730 नेशनल हाईवे को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही हरी झंडी मिल गई थी. तब से वन विभाग की एनओसी न मिलने के चलते सड़क का निर्माण रुका हुआ था. इंडो-नेपाल बार्डर पर सामरिक महत्व के NH-730 के निर्माण की प्रतीक्षा जिले के लोग तीन वर्षों से कर रहे थे.

NH-730 के जल्द बहुरेंगे दिन. वन विभाग से मिली एनओसी.
यूपी के पीलीभीत जिले से गोरखपुर के आगे तमकुही राज तक जाने वाले इस NH-730 को मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में हरी झंडी दी थी. इसके पहले ये पीलीभीत बस्ती राजमार्ग के नाम से जाना जाता था. पीलीभीत से खीरी जिले के बार्डर तक रोड बन चुकी थी. पर खीरी जिले में रिजर्व फॉरेस्ट का खुटार और गोला के बीच पड़ने वाले जंगल की वजह से फाइल वन मंत्रालय और ग्रीन ट्रिब्यूनल में अटकी थी, जिसका रास्ता अब साफ हो गया है.

पढ़ेंः-लखीमपुर में दिखे कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपी, एसटीएफ जांच में जुटी

NH-730 को वन विभाग से एनओसी न मिलने का मुद्दा हमने लोकसभा में भी उठाया था. इसके बाद मंत्रालय में इस हाईवे की दिशा में जल्द काम हुआ. अब एनएच को परमिशन मिल गई है. जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा.
-अजय कुमार मिश्र, सांसद

लखीमपुर खीरीः पीलीभीत जिले के तमकुही राज तक 519 किलोमीटर NH-730 नेशनल हाईवे को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही हरी झंडी मिल गई थी. तब से वन विभाग की एनओसी न मिलने के चलते सड़क का निर्माण रुका हुआ था. इंडो-नेपाल बार्डर पर सामरिक महत्व के NH-730 के निर्माण की प्रतीक्षा जिले के लोग तीन वर्षों से कर रहे थे.

NH-730 के जल्द बहुरेंगे दिन. वन विभाग से मिली एनओसी.
यूपी के पीलीभीत जिले से गोरखपुर के आगे तमकुही राज तक जाने वाले इस NH-730 को मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में हरी झंडी दी थी. इसके पहले ये पीलीभीत बस्ती राजमार्ग के नाम से जाना जाता था. पीलीभीत से खीरी जिले के बार्डर तक रोड बन चुकी थी. पर खीरी जिले में रिजर्व फॉरेस्ट का खुटार और गोला के बीच पड़ने वाले जंगल की वजह से फाइल वन मंत्रालय और ग्रीन ट्रिब्यूनल में अटकी थी, जिसका रास्ता अब साफ हो गया है.

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NH-730 को वन विभाग से एनओसी न मिलने का मुद्दा हमने लोकसभा में भी उठाया था. इसके बाद मंत्रालय में इस हाईवे की दिशा में जल्द काम हुआ. अब एनएच को परमिशन मिल गई है. जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा.
-अजय कुमार मिश्र, सांसद

Intro:लखीमपुर-खीरी जिले से होकर गिजरने वाले NH-730 के दिन जल्द बहुरने वाले हैं। वन विभाग से एनओसी मिलने के बाद इस पर जल्द काम शुरू हो जाएगा। खीरी के साँसद अजय कुमार मिश्र ने बताया कि उन्होंने ये मुद्दा लोकसभा में भी उठाया था। जिस पर तेज गति से कार्यवाई हुई।
पीलीभीत जिले के तमकुही राज तक 519 किलोमीटर इस नेशनल हाई वे को मोदी सरकार एक मे हरी झंडी मिली थी। तब से वन विभाग की एनओसी न मिलने के चलते रोड का निर्माण रुका हुआ था।


Body:आपको बता दें कि इंडो नेपाल बार्डर पर सामरिक महत्व के NH 730 के निर्माण की प्रतीक्षा जिले के लोग तीन सालों से ज्यादा वक्त से कर रहे थे।
यूपी के पीलीभीत जिले से गोरखपुर के आगे तमकुही राज तक जाने वाले इस NH 730 को मोदी सरकार ने हरी झंडी दी थी। इसके पहले ये पीलीभीत बस्ती राजमार्ग के नाम से जाना जाता था।
पीलीभीत से खीरी जिले के बार्डर तक रोड बन चुकी थी। पर खीरी जिले में रिजर्व फारेस्ट का खुटार और गोला के बीच पड़ने वाले जंगल की वजह से फाइल वन मंत्रालय और ग्रीन ट्रिब्यूनल में अटकी थी।


Conclusion:खीरी के साँसद अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि उन्होंने एनएच को वन विभाग से एनओसी न मिलने का मुद्दा लोकसभा में भी उठाया था। इसके बाद मंत्रालय में जल्द काम हुआ। अब एनएच को परमीशन मिल गई। अब जल्द काम शुरू होगा।
बाइट अजय कुमार मिश्र (साँसद खीरी)
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प्रशान्त पाण्डेय
9984152598
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