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लखीमपुर खीरीः पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष राघवेंद्र बहादुर सिंह पार्टी से निष्कासित

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Published : Aug 28, 2020, 7:28 PM IST

जितिन प्रसाद पर कार्रवाई का विरोध करने पर लखीमपुर खीरी जिले के पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष राघवेंद्र बहादुर सिंह को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. इसके बाद जिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हड़कंप मचा हुआ है. इसके संंबंध में राघवेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि उन्होंने कई मुद्दों को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी.

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राघवेंद्र बहादुर सिंह.

लखीमपुर खीरीः जितिन प्रसाद पर कार्रवाई का विरोध करना और घर पर जितिन के समर्थन में मीटिंग करना कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राघवेंद्र बहादुर सिंह पर भारी पड़ा है. प्रदेश कांग्रेस ने राघवेंद्र बहादुर सिंह को अनुशासनहीनता के आरोप में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी निष्काषित कर दिया है. कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्य्क्ष श्याम किशोर शुक्ल ने पत्र भेज कर वर्षों से कांग्रेस से जुड़े राघवेंद्र बहादुर को निकाल दिया है. इस मामले में राघवेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि वह सोनिया गांधी को तीन दिन पहले हुई डीसीसी मीटिंग में उपद्रव करने वालों और जितिन प्रसाद पर कार्रवाई की मांग पर विचार करने और कांग्रेस को कमजोर होने से बचाने के लिए पत्र भेजा था.

दिल्ली से कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दिन से शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्ब, जितिन प्रसाद समेत 23 वरिष्ठ कांग्रेसियों ने अन्तरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी, जिसके लेकर काफी बवाल हुआ. गुलाम नबी आजाद ने तो यहां तक कह दिया कि जब कांग्रेस रहेगी तब सोनिया गांधी प्रेसिडेंट बनेंगी और तभी राहुल पीएम बनेंगे.

उधर, यूपी के लखीमपुर खीरी से पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जितिन प्रसाद पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी से निकालने का प्रस्ताव जिला कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश कार्यालय को भेज दिया. जितिन के निकाले जाने के प्रस्ताव से कई वरिष्ठ कांग्रेसी सहमत नहीं थे. इसके बाद अगले दिन कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रह्लाद पटेल और एक कार्यकर्ता के संवाद का ऑडियो सोशल मिडिया पर वायरल हुआ, जिसे आज प्रह्लाद पटेल ने तोड़-मरोड़ कर पेश करने और फर्जी तक करार दे दिया.

इधर, जितिन के समर्थन में और जितिन को न निकाले जाने को लेकर पूर्व जिलाध्यक्ष राघवेन्द्र बहादुर सिंह ने एक मीटिंग आयोजित की. जिसमें उन्होंने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिख कार्रवाई न करने और कार्यालय पर हुए हंगामे और नारेबाजी की जांच कमेटी से कराने की मांग की, लेकिन शाम होते-होते कांग्रेस कार्यालय से पूर्व जिलाध्यक्ष राघवेंद्र बहादुर सिंह को निष्कासन की चिट्ठी भेज दी गई, जिसका मजमून कुछ इस तरह है.

स्थानीय कांग्रेस जनों ने बताया कि लगातार आपका आचरण एवं गतिविधियां पार्टी विरोधी रही हैं, जो अनुशासनहीनता की परिधि में आता है. पूर्व में भी आपने इस तरह की अनुशासनहीनता की है. आपने लिखित में ये आश्वस्त किया था कि भविष्य में गलती नहीं होगी. पर बार-बार आपके द्वारा किया कृत्य अक्षम्य है. इसलिए आपको कांग्रेस संविधान की अनुशासनात्मक धाराओं के अनुरूप पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्काषित किया जाता है.

लखीमपुर खीरीः जितिन प्रसाद पर कार्रवाई का विरोध करना और घर पर जितिन के समर्थन में मीटिंग करना कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राघवेंद्र बहादुर सिंह पर भारी पड़ा है. प्रदेश कांग्रेस ने राघवेंद्र बहादुर सिंह को अनुशासनहीनता के आरोप में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी निष्काषित कर दिया है. कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्य्क्ष श्याम किशोर शुक्ल ने पत्र भेज कर वर्षों से कांग्रेस से जुड़े राघवेंद्र बहादुर को निकाल दिया है. इस मामले में राघवेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि वह सोनिया गांधी को तीन दिन पहले हुई डीसीसी मीटिंग में उपद्रव करने वालों और जितिन प्रसाद पर कार्रवाई की मांग पर विचार करने और कांग्रेस को कमजोर होने से बचाने के लिए पत्र भेजा था.

दिल्ली से कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दिन से शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्ब, जितिन प्रसाद समेत 23 वरिष्ठ कांग्रेसियों ने अन्तरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी, जिसके लेकर काफी बवाल हुआ. गुलाम नबी आजाद ने तो यहां तक कह दिया कि जब कांग्रेस रहेगी तब सोनिया गांधी प्रेसिडेंट बनेंगी और तभी राहुल पीएम बनेंगे.

उधर, यूपी के लखीमपुर खीरी से पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जितिन प्रसाद पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी से निकालने का प्रस्ताव जिला कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश कार्यालय को भेज दिया. जितिन के निकाले जाने के प्रस्ताव से कई वरिष्ठ कांग्रेसी सहमत नहीं थे. इसके बाद अगले दिन कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रह्लाद पटेल और एक कार्यकर्ता के संवाद का ऑडियो सोशल मिडिया पर वायरल हुआ, जिसे आज प्रह्लाद पटेल ने तोड़-मरोड़ कर पेश करने और फर्जी तक करार दे दिया.

इधर, जितिन के समर्थन में और जितिन को न निकाले जाने को लेकर पूर्व जिलाध्यक्ष राघवेन्द्र बहादुर सिंह ने एक मीटिंग आयोजित की. जिसमें उन्होंने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिख कार्रवाई न करने और कार्यालय पर हुए हंगामे और नारेबाजी की जांच कमेटी से कराने की मांग की, लेकिन शाम होते-होते कांग्रेस कार्यालय से पूर्व जिलाध्यक्ष राघवेंद्र बहादुर सिंह को निष्कासन की चिट्ठी भेज दी गई, जिसका मजमून कुछ इस तरह है.

स्थानीय कांग्रेस जनों ने बताया कि लगातार आपका आचरण एवं गतिविधियां पार्टी विरोधी रही हैं, जो अनुशासनहीनता की परिधि में आता है. पूर्व में भी आपने इस तरह की अनुशासनहीनता की है. आपने लिखित में ये आश्वस्त किया था कि भविष्य में गलती नहीं होगी. पर बार-बार आपके द्वारा किया कृत्य अक्षम्य है. इसलिए आपको कांग्रेस संविधान की अनुशासनात्मक धाराओं के अनुरूप पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्काषित किया जाता है.

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