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लखीमपुर: बीजेपी पर साख बचाने की चुनौती, कांग्रेस पर खोई प्रतिष्ठा पाने की

लखीमपुर की धौरहरा लोकसभा सीट पर पर पांचवें चरण में मतदान होना है. इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस, गठबन्धन समेत आठ प्रत्याशी मैदान में हैं. कांग्रेस से जितिन प्रसाद और भाजपा से रेखा वर्मा और गठबंधन प्रत्याशी अरशद सिद्दीकी मैदान में हैं.

गठबन्धन प्रत्याशी अरशद सिद्दीकी.
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Published : May 2, 2019, 10:00 AM IST

लखीमपुर: जिले मे पांचवें चरण में धौरहरा लोकसभा सीट पर मतदान होना है. बीजेपी पर इस सीट पर साख बचाने की चुनौती है. वहीं कांग्रेस पर खोई प्रतिष्ठा वापस पाने की. वहीं गठबन्धन भी जोरदार तरीके से दावेदारी कर रहा है. इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस, गठबन्धन समेत आठ प्रत्याशी मैदान में हैं.

धौरहरा लोकसभा सीट पर भाजपा, कांग्रेस, गठबन्धन समेत आठ प्रत्याशी है मैदान में.

राहुल गांधी के कैबिनेट के साथी जितिन प्रसाद पहली बार जीतकर इस सीट से केंद्रीय मंत्री बने थे. 2014 में चुनाव हुआ तो मोदी लहर में एक साधारण महिला रेखा वर्मा बीजेपी के टिकट पर उतरीं. मोदी लहर में जनता जितिन प्रसाद से दूर छिटक गई और नतीजे आए तो वाले थे. 2014 में जितिन चौथे नम्बर पर चले गए थे, लेकिन जितिन कह रहे हैं कि बीजेपी के झूठ में इस बार जनता नहीं आने वाली है.

2014 में बीजेपी की रेखा वर्मा को 3.60 लाख वोट मिले, वहीं जितिन को 1.70 लाख वोट मिले थे. जितिन से ज्यादा वोट बसपा के दाऊद अहमद और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे आनन्द भदौरिया को मिले. दाऊद अहमद को 2,34,768 लाख तो आनन्द भदौरिया को 2,34,032 वोट मिले थे.

धौरहरा लोकसभा सीट पर 2019 की लड़ाई जोरदार है. एक तरफ मोदी के नाम पर बीजेपी प्रत्याशी रेखा वर्मा जनता के सहारे हैं. वहीं गठबन्धन से बसपा के खाते में गई धौरहरा से अरशद सिद्दीकी मैदान में हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री कुंवर जितिन प्रसाद भी पूरे जोशोखरोश से इस बार मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. धौरहरा से चम्बल की धरती से आए पूर्व बागी मलखान सिंह भी चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी अनिल कुमार,बलजीत कौर,मुकेश कुमार,रीतू वर्मा भी मैदान में हैं.

लखीमपुर: जिले मे पांचवें चरण में धौरहरा लोकसभा सीट पर मतदान होना है. बीजेपी पर इस सीट पर साख बचाने की चुनौती है. वहीं कांग्रेस पर खोई प्रतिष्ठा वापस पाने की. वहीं गठबन्धन भी जोरदार तरीके से दावेदारी कर रहा है. इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस, गठबन्धन समेत आठ प्रत्याशी मैदान में हैं.

धौरहरा लोकसभा सीट पर भाजपा, कांग्रेस, गठबन्धन समेत आठ प्रत्याशी है मैदान में.

राहुल गांधी के कैबिनेट के साथी जितिन प्रसाद पहली बार जीतकर इस सीट से केंद्रीय मंत्री बने थे. 2014 में चुनाव हुआ तो मोदी लहर में एक साधारण महिला रेखा वर्मा बीजेपी के टिकट पर उतरीं. मोदी लहर में जनता जितिन प्रसाद से दूर छिटक गई और नतीजे आए तो वाले थे. 2014 में जितिन चौथे नम्बर पर चले गए थे, लेकिन जितिन कह रहे हैं कि बीजेपी के झूठ में इस बार जनता नहीं आने वाली है.

2014 में बीजेपी की रेखा वर्मा को 3.60 लाख वोट मिले, वहीं जितिन को 1.70 लाख वोट मिले थे. जितिन से ज्यादा वोट बसपा के दाऊद अहमद और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे आनन्द भदौरिया को मिले. दाऊद अहमद को 2,34,768 लाख तो आनन्द भदौरिया को 2,34,032 वोट मिले थे.

धौरहरा लोकसभा सीट पर 2019 की लड़ाई जोरदार है. एक तरफ मोदी के नाम पर बीजेपी प्रत्याशी रेखा वर्मा जनता के सहारे हैं. वहीं गठबन्धन से बसपा के खाते में गई धौरहरा से अरशद सिद्दीकी मैदान में हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री कुंवर जितिन प्रसाद भी पूरे जोशोखरोश से इस बार मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. धौरहरा से चम्बल की धरती से आए पूर्व बागी मलखान सिंह भी चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी अनिल कुमार,बलजीत कौर,मुकेश कुमार,रीतू वर्मा भी मैदान में हैं.

Intro:लखीमपुर- पांचवें चरण में तराई के धौरहरा लोकसभा सीट का रण भी दिलचस्प हो रहा है। बीजेपी पर इस सीट पर साख बचाने की चुनौती है। वहीं काँग्रेस पर खोई प्रतिष्ठा वापस पाने की। वहीं गठबन्धन भी जोरदार तरीके से दावेदारी कर रहा है। इस सीट पर भाजपा काँग्रेस गठबन्धन समेत आठ प्रत्याशी मैदान में हैं। काँग्रेस के पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद और चम्बल के पूर्व बागी मलखान सिंह के चुनाव मैदान में होने से इस सीट पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं।
2009 में परिसीमन के बाद बनी धौरहरा लोकसभा सीट पर पहली बार जब चुनाव हुआ तभी से यूपी की ये सीट वीवीआईपी हो गई। राहुल गाँधी के किचेन कैबिनेट के साथी जितिन प्रसाद पहलीबार जीतकर इस सीट से केंद्रीय मंत्री बनें। धौरहरा सीट जितिन प्रसाद के नाम ऐसे जुड़ गई जैसे राहुल सोनिया के नाम से अमेठी रायबरेली। पर जितिन का जादू राहुल सोनिया की तरह इलाके की जनता पर नहीं बरकरार रहा।2014 में चुनाव हुआ तो मोदी लहर में एक साधारण महिला रेखा वर्मा बीजेपी के टिकट पर उतरी। मोदी की आँधी में जनता जितिन प्रसाद से दूर छिटक गई। और नतीजे आए तो परिणाम चौंकाने वाले थे। 2014 में जितिन चौथे नम्बर पर चले गए थे।पर इस बार जितिन कह रहे बीजेपी के झूठ फरेब में इस बार जनता आने वाली नहीं।


Body:2014 में बीजेपी की रेखा वर्मा को 3.60 लाख वोट मिले तो जितिन 1.70 लाख पर ही अटक गए। जितिन से ज्यादा बसपा के दाऊद अहमद और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे आनन्द भदौरिया को मिले। दाऊद अहमद को 234768 लाख तो आनन्द भदौरिया को 234032 वोट मिले थे।
बीजेपी की रेखा वर्मा को कुल पड़े वोटों के 33.98 फीसदी वोट मिले थे। वहीं बसपा को 22.13 फीसदी,सपा को 22.7 फीसदी और काँग्रेस 2014 में 16.12 फीसदी वोटों पर सिमट गई थी।
धौरहरा लोकसभा सीट पर 2019 की लड़ाई जोरदार है। एक तरफ मोदी के नाम पर बीजेपी प्रत्याशी रेखा वर्मा अपनी एन्टीइनकम्बेंसी के बाद भी जनता के सहारे हैं। वहीं गठबन्धन से बसपा के खाते में गई धौरहरा से अरशद सिद्दीकी मैदान में हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री कुंवर जितिन प्रसाद भी पूरे जोशोखरोश से इस बार मैदान में ताल ठोंके हैं। जितिन अपने 2009 के कामों और बीजेपी प्रत्याशी से नाराजगी का फायदा उठाना चाहते। धौरहरा के रण में चम्बल की धरती से तराई की धतरी पर वोटों की फसल काटने आए पूर्व बागी मलखान सिंह भी ताल ठोंके हैं। इसके अलावा अनिल कुमार,बलजीत कौर,मुकेश कुमार,रीतू वर्मा भी मैदान में हैं।
गठबन्धन के अरशद सिद्दीकी कहते है,इस बार देश मे बीजेपी हटाओ अभियान चल रहा।



Conclusion:ब्राम्हण,कुर्मी,दलित,ओबोसी मुस्लिम मिलाकर इस सीट पर 1644156 लाख मतदाता हैं। 1279 मतदान केंद्रों पर मतदान होना है।
पाँचवे चरण में देश की 51 लोकसभा सीटों पर वहीं यूपी की धौरहरा सीतापुर,अमेठी समेत 14 सीटों पर मतदान होना है।
चंबल आए पूर्व बागी मलखान सिंह कह रहे जनता की सेवा के लिए खीरी आएं हैं।

पीटीसी-
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प्रशान्त पाण्डेय
9984152598
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