लखीमपुर: जिले मे पांचवें चरण में धौरहरा लोकसभा सीट पर मतदान होना है. बीजेपी पर इस सीट पर साख बचाने की चुनौती है. वहीं कांग्रेस पर खोई प्रतिष्ठा वापस पाने की. वहीं गठबन्धन भी जोरदार तरीके से दावेदारी कर रहा है. इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस, गठबन्धन समेत आठ प्रत्याशी मैदान में हैं.
राहुल गांधी के कैबिनेट के साथी जितिन प्रसाद पहली बार जीतकर इस सीट से केंद्रीय मंत्री बने थे. 2014 में चुनाव हुआ तो मोदी लहर में एक साधारण महिला रेखा वर्मा बीजेपी के टिकट पर उतरीं. मोदी लहर में जनता जितिन प्रसाद से दूर छिटक गई और नतीजे आए तो वाले थे. 2014 में जितिन चौथे नम्बर पर चले गए थे, लेकिन जितिन कह रहे हैं कि बीजेपी के झूठ में इस बार जनता नहीं आने वाली है.
2014 में बीजेपी की रेखा वर्मा को 3.60 लाख वोट मिले, वहीं जितिन को 1.70 लाख वोट मिले थे. जितिन से ज्यादा वोट बसपा के दाऊद अहमद और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे आनन्द भदौरिया को मिले. दाऊद अहमद को 2,34,768 लाख तो आनन्द भदौरिया को 2,34,032 वोट मिले थे.
धौरहरा लोकसभा सीट पर 2019 की लड़ाई जोरदार है. एक तरफ मोदी के नाम पर बीजेपी प्रत्याशी रेखा वर्मा जनता के सहारे हैं. वहीं गठबन्धन से बसपा के खाते में गई धौरहरा से अरशद सिद्दीकी मैदान में हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री कुंवर जितिन प्रसाद भी पूरे जोशोखरोश से इस बार मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. धौरहरा से चम्बल की धरती से आए पूर्व बागी मलखान सिंह भी चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी अनिल कुमार,बलजीत कौर,मुकेश कुमार,रीतू वर्मा भी मैदान में हैं.