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दलित की पिटाई में बसपा नेता मोहन बाजपेई को जेल

यूपी के लखीमपुर खीरी में एक दलित युवक की पिटाई का मामला सामने आया था. मामले में पुलिस ने बसपा नेता मोहन बाजपेई समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.

बसपा नेता मोहन बाजपेई को जेल.
बसपा नेता मोहन बाजपेई को जेल.
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Published : Jun 1, 2021, 2:33 AM IST

लखीमपुर खीरी: दलित युवक की पिटाई में पुलिस ने बसपा नेता मोहन बाजपेई(mohan bajpai) समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने सोमवार को मेडिकल करवाकर तीनों को कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने मोहन बाजपेई समेत तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया है.


ये है पूरा मामला
बसपा नेता मोहन बाजपेई के दामाद के हॉस्पिटल में शनिवार की रात एक बर्थडे पार्टी आयोजित की गई थी, जिसमें शहर के मोहल्ला कमलापुर निवासी सतीश राजपूत भी गया था. यहां सेल्फी खींचने को लेकर विवाद हुआ, जिसमें सतीश को काली स्कॉर्पियो से उठाकर बसपा नेता मोहन बाजपेई के घर ले जाया गया. यहां उसके साथ मारपीट की गई, जिसमें उसको गंभीर चोटें भी आई थीं.

पुलिस ने सतीश की तहरीर पर बसपा नेता मोहन बाजपेई समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था. मुकदमे में अपहरण, बलवा, मारपीट, गाली-गलौज और दलित एक्ट की धाराएं लगाई गई थी. पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए मोहन बाजपेई के घर दबिश दी, लेकिन वहां कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी. जिसके बाद रविवार को पुलिस ने मोहन बाजपेई को हिरासत में ले लिया. रात भर वह पुलिस हिरासत में रहे. सोमवार की सुबह पुलिस ने मोहन बाजपेई का मेडिकल करवाया. मोहन के साथ उनके साथी जीतू राज और रामनरेश सुमन की भी गिरफ्तारी हुई है. पुलिस ने सोमवार की दोपहर तीनों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उनको जेल भेज दिया गया है.

पढ़ें-यूपी में चार जून से होगा सीरो सर्वे, सामुदायिक संक्रमण का होगा खुलासा

जिला अस्पताल में हुआ हंगामा
पुलिस सोमवार की दोपहर बसपा नेता मोहन बाजपेई को जिला अस्पताल ले गई थी, जहां उनका मेडिकल परीक्षण होना था, लेकिन यहां मोहन बाजपेई के समर्थक पहले से खड़े थे. वह पुलिस वालों के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. यह देखकर मौके पर और फोर्स भेजी गई. पुलिस ने जिला अस्पताल में मोहन बाजपेई का मेडिकल कराया और उनको कोतवाली ले आई. यहां कुछ देर तक और वह पुलिस की हिरासत में रहे, फिर पुलिस ने उनका चालान भेजा.

पीड़ित युवक जिला अस्पताल से डिस्चार्ज
पिटाई से घायल युवक सतीश को पुलिस ने मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल भेजा था, जहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर लिया. जिला अस्पताल में चले इलाज के बाद उसको डिस्चार्ज कर दिया गया, पीड़ित ने खुद और अपने परिवार की जान का खतरा बताया है. उसने पुलिस और प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है.

लखीमपुर खीरी: दलित युवक की पिटाई में पुलिस ने बसपा नेता मोहन बाजपेई(mohan bajpai) समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने सोमवार को मेडिकल करवाकर तीनों को कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने मोहन बाजपेई समेत तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया है.


ये है पूरा मामला
बसपा नेता मोहन बाजपेई के दामाद के हॉस्पिटल में शनिवार की रात एक बर्थडे पार्टी आयोजित की गई थी, जिसमें शहर के मोहल्ला कमलापुर निवासी सतीश राजपूत भी गया था. यहां सेल्फी खींचने को लेकर विवाद हुआ, जिसमें सतीश को काली स्कॉर्पियो से उठाकर बसपा नेता मोहन बाजपेई के घर ले जाया गया. यहां उसके साथ मारपीट की गई, जिसमें उसको गंभीर चोटें भी आई थीं.

पुलिस ने सतीश की तहरीर पर बसपा नेता मोहन बाजपेई समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था. मुकदमे में अपहरण, बलवा, मारपीट, गाली-गलौज और दलित एक्ट की धाराएं लगाई गई थी. पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए मोहन बाजपेई के घर दबिश दी, लेकिन वहां कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी. जिसके बाद रविवार को पुलिस ने मोहन बाजपेई को हिरासत में ले लिया. रात भर वह पुलिस हिरासत में रहे. सोमवार की सुबह पुलिस ने मोहन बाजपेई का मेडिकल करवाया. मोहन के साथ उनके साथी जीतू राज और रामनरेश सुमन की भी गिरफ्तारी हुई है. पुलिस ने सोमवार की दोपहर तीनों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उनको जेल भेज दिया गया है.

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जिला अस्पताल में हुआ हंगामा
पुलिस सोमवार की दोपहर बसपा नेता मोहन बाजपेई को जिला अस्पताल ले गई थी, जहां उनका मेडिकल परीक्षण होना था, लेकिन यहां मोहन बाजपेई के समर्थक पहले से खड़े थे. वह पुलिस वालों के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. यह देखकर मौके पर और फोर्स भेजी गई. पुलिस ने जिला अस्पताल में मोहन बाजपेई का मेडिकल कराया और उनको कोतवाली ले आई. यहां कुछ देर तक और वह पुलिस की हिरासत में रहे, फिर पुलिस ने उनका चालान भेजा.

पीड़ित युवक जिला अस्पताल से डिस्चार्ज
पिटाई से घायल युवक सतीश को पुलिस ने मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल भेजा था, जहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर लिया. जिला अस्पताल में चले इलाज के बाद उसको डिस्चार्ज कर दिया गया, पीड़ित ने खुद और अपने परिवार की जान का खतरा बताया है. उसने पुलिस और प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है.

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