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गन्ना किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी: UP में 'केन सीड एक्ट' लागू, अब मनमाने दामों पर नहीं बिकेगा बीज

गन्ना किसानों के लिए यूपी में सबसे बड़ी खबर है. अब गन्ने का बीज कोई भी किसान बिना पंजीकरण के नहीं बेंच सकेगा. गन्ना व चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने यूपी में केन सीड एक्ट लागू कर दिया है. ऐसे में अब न किसान को मनमाने दामों पर दूसरे किसान बीज बेच सकेंगे और न ही नए बीजों को बिना पंजीकरण के किसानों को दे सकेंगे.

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Published : Apr 6, 2022, 1:42 PM IST

लखीमपुर खीरी: गन्ना किसानों के लिए यूपी में सबसे बड़ी खबर है. अब गन्ने का बीज कोई भी किसान बिना पंजीकरण के नहीं बेंच सकेगा. गन्ना व चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने यूपी में केन सीड एक्ट लागू कर दिया है. ऐसे में अब न किसान को मनमाने दामों पर दूसरे किसान बीज बेच सकेंगे और न ही नए बीजों को बिना पंजीकरण के किसानों को दे सकेंगे. गन्ना आयुक्त ने बताया कि सीड एक्ट को संसोधित किया गया है. अब बिना शोध संस्थान के पंजीकरण के कोई भी मनमाने दामों पर गन्ने का बीज नहीं बेंच सकेगा. इससे बीज की शुद्धता का भी ध्यान रखा जाएगा और किसानों को शुद्ध बीज एक निर्धारित दर पर मुहैया कराया जाएगा.

गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने जारी आदेश में कहा कि बिना पंजीकरण के अब कोई भी किसान गन्ने के बीज की बिक्री नहीं कर सकता है. गन्ने के बीज की बिक्री करने के लिए किसानों को अपनी गन्ना समिति के माध्यम से शाहजहांपुर शोध संस्थान से अपना पंजीकरण करना कराना होगा. शोध संस्थान इन किसानों को शुद्ध बीज उपलब्ध कराएंगे और इन किसानों के जरिए सीडलिंग तैयार कर अन्य किसानों को दिए जाएंगे. बिना पंजीकरण के बीज बेचने वाले किसानों पर कार्यवाही होगी और उन्हें जेल तक जाना पड़ सकता है.

इसे भी पढ़ें - लखनऊ के SGPGI में 50 करोड़ की लागत से बनेगा प्रदेश का पहला एडवांस्ड Diabetic Centre

उन्होंने कहा कि यूपी में जिओ 238 गन्ने में रेड रोड की समस्या आने के बाद से गन्ने बीज के बीच की समस्या पैदा हुई. साथ ही शिकायतें मिली कि किसानों ने काफी ऊंचे दामों पर अन्य किसानों को गन्ने का बीज दिया था. कुछ बीज बेचने वालों ने तो 15023, 13235, 14201 और कुछ अन्य रिलीज हुई वैराइटीज की जगह अधोमानक और नकली गन्ना का बीज किसानों को सप्लाई कर दिए थे. यूपी के कई जिलों से इस प्रकार की शिकायतें आई कि गन्ने का बीज नकली देकर कुछ किसानों ने मोटा मुनाफा कमाया है. जो सरासर गलत होने के साथ ही केन एक्ट का उल्लंघन भी है. वहीं, किसानों को घटिया बीज मिलने से बहुत से किसानों से ठगी के मामले भी सामने आए थे.

अब बीज बेचने को पंजीकरण होगा जरूरी: अब गन्ने का बीज बेचने के लिए किसानों को गन्ना विकास समिति के मार्फत शाहजहांपुर गन्ना शोध संस्थान से पंजीकरण कराना होगा. शाहजहांपुर गन्ना शो शोध संस्थान और उनके केंद्र ही पंजीकृत किसानों को स्वीकृत बीज उपलब्ध कराएंगे. जिसकी सीडलिंग तैयार करके यह किसान अन्य किसानों को निर्धारित रेट पर बेच सकेंगे. गन्ना आयुक्त ने बताया कि किसानों को बीज सही रेट पर मिले इसकी व्यवस्था भी की गई है.

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लखीमपुर खीरी: गन्ना किसानों के लिए यूपी में सबसे बड़ी खबर है. अब गन्ने का बीज कोई भी किसान बिना पंजीकरण के नहीं बेंच सकेगा. गन्ना व चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने यूपी में केन सीड एक्ट लागू कर दिया है. ऐसे में अब न किसान को मनमाने दामों पर दूसरे किसान बीज बेच सकेंगे और न ही नए बीजों को बिना पंजीकरण के किसानों को दे सकेंगे. गन्ना आयुक्त ने बताया कि सीड एक्ट को संसोधित किया गया है. अब बिना शोध संस्थान के पंजीकरण के कोई भी मनमाने दामों पर गन्ने का बीज नहीं बेंच सकेगा. इससे बीज की शुद्धता का भी ध्यान रखा जाएगा और किसानों को शुद्ध बीज एक निर्धारित दर पर मुहैया कराया जाएगा.

गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने जारी आदेश में कहा कि बिना पंजीकरण के अब कोई भी किसान गन्ने के बीज की बिक्री नहीं कर सकता है. गन्ने के बीज की बिक्री करने के लिए किसानों को अपनी गन्ना समिति के माध्यम से शाहजहांपुर शोध संस्थान से अपना पंजीकरण करना कराना होगा. शोध संस्थान इन किसानों को शुद्ध बीज उपलब्ध कराएंगे और इन किसानों के जरिए सीडलिंग तैयार कर अन्य किसानों को दिए जाएंगे. बिना पंजीकरण के बीज बेचने वाले किसानों पर कार्यवाही होगी और उन्हें जेल तक जाना पड़ सकता है.

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उन्होंने कहा कि यूपी में जिओ 238 गन्ने में रेड रोड की समस्या आने के बाद से गन्ने बीज के बीच की समस्या पैदा हुई. साथ ही शिकायतें मिली कि किसानों ने काफी ऊंचे दामों पर अन्य किसानों को गन्ने का बीज दिया था. कुछ बीज बेचने वालों ने तो 15023, 13235, 14201 और कुछ अन्य रिलीज हुई वैराइटीज की जगह अधोमानक और नकली गन्ना का बीज किसानों को सप्लाई कर दिए थे. यूपी के कई जिलों से इस प्रकार की शिकायतें आई कि गन्ने का बीज नकली देकर कुछ किसानों ने मोटा मुनाफा कमाया है. जो सरासर गलत होने के साथ ही केन एक्ट का उल्लंघन भी है. वहीं, किसानों को घटिया बीज मिलने से बहुत से किसानों से ठगी के मामले भी सामने आए थे.

अब बीज बेचने को पंजीकरण होगा जरूरी: अब गन्ने का बीज बेचने के लिए किसानों को गन्ना विकास समिति के मार्फत शाहजहांपुर गन्ना शोध संस्थान से पंजीकरण कराना होगा. शाहजहांपुर गन्ना शो शोध संस्थान और उनके केंद्र ही पंजीकृत किसानों को स्वीकृत बीज उपलब्ध कराएंगे. जिसकी सीडलिंग तैयार करके यह किसान अन्य किसानों को निर्धारित रेट पर बेच सकेंगे. गन्ना आयुक्त ने बताया कि किसानों को बीज सही रेट पर मिले इसकी व्यवस्था भी की गई है.

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