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लखीमपुर खीरी : सहायक अध्यापक का बेटा बना आईएएस

लखीमपुर में रहने वाले सीतापुर जिले के सहायक अध्यापक का बेटा अमित कुमार पहली बार की कोशिश में ही आइर्एएस बन गया है. अमित ने 22 साल की उम्र में यह कामयाबी हासिल कर पूरे जिले का नाम रोशन किया है.

सहायक अध्यापक का बेटा बना आईएएस.
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Published : Apr 10, 2019, 7:46 AM IST

लखीमपुर : जिले के सिद्धार्थ नगर मोहल्ले में रहने वाले अमित कुमार ने 22 साल की उम्र में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली है. अमित कुमार ने 2017 यूपीएससी परीक्षा में 91वीं रैंक हासिल की है.

सहायक अध्यापक का बेटा बना आईएएस.

सीतापुर जिले के हरगांव ब्लाक के नकुरी पीतपुर गांव में जन्मे अमित कुमार के पिता वीरेंद्र भारती सीतापुर जिले के सलारपुर जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक हैं और मां सुमन देवी हाउसवाइफ हैं. अमित ने इंटर तक की परीक्षा जिले के एक स्कूल से प्राप्त की है. हाईस्कूल और इंटर में औसत से ऊपर रहने वाले अमित ने कानपुर विश्वविद्यालय से बीए किया.

इसके बाद उनको आईएएस बनने की धुन सवार हो गई. बेसिक शिक्षा विभाग में जिले में तैनात शिक्षक सतीश वर्मा की गाइडेंस में आईएएस की तैयारी शुरू की थी. अमित इसके बाद दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने कोचिंग ज्वॉइन करके आगे की तैयारी की. अमित 6 से 7 घंटे नियमित पढ़ाई करते थे.

अमित कहते हैं कि आईएएस बनने के लिए पढ़ाई फोकस्ड होनी चाहिए. आपको अपने सब्जेक्ट पर कमांड होना चाहिए. पढ़ाई भी सिलेक्टिव होनी चाहिए. आईएएस की पढ़ाई में भी बुक्स खरीद लेने से कुछ नहीं होता है. कुछ चैप्टर पढ़ने होते हैं और ध्यान से पढ़ने होते हैं.

लखीमपुर : जिले के सिद्धार्थ नगर मोहल्ले में रहने वाले अमित कुमार ने 22 साल की उम्र में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली है. अमित कुमार ने 2017 यूपीएससी परीक्षा में 91वीं रैंक हासिल की है.

सहायक अध्यापक का बेटा बना आईएएस.

सीतापुर जिले के हरगांव ब्लाक के नकुरी पीतपुर गांव में जन्मे अमित कुमार के पिता वीरेंद्र भारती सीतापुर जिले के सलारपुर जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक हैं और मां सुमन देवी हाउसवाइफ हैं. अमित ने इंटर तक की परीक्षा जिले के एक स्कूल से प्राप्त की है. हाईस्कूल और इंटर में औसत से ऊपर रहने वाले अमित ने कानपुर विश्वविद्यालय से बीए किया.

इसके बाद उनको आईएएस बनने की धुन सवार हो गई. बेसिक शिक्षा विभाग में जिले में तैनात शिक्षक सतीश वर्मा की गाइडेंस में आईएएस की तैयारी शुरू की थी. अमित इसके बाद दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने कोचिंग ज्वॉइन करके आगे की तैयारी की. अमित 6 से 7 घंटे नियमित पढ़ाई करते थे.

अमित कहते हैं कि आईएएस बनने के लिए पढ़ाई फोकस्ड होनी चाहिए. आपको अपने सब्जेक्ट पर कमांड होना चाहिए. पढ़ाई भी सिलेक्टिव होनी चाहिए. आईएएस की पढ़ाई में भी बुक्स खरीद लेने से कुछ नहीं होता है. कुछ चैप्टर पढ़ने होते हैं और ध्यान से पढ़ने होते हैं.

Intro:विजुअल एलयू स्मार्ट से इसी स्लग से भेजे हैं।
लखीमपुर- कहते हैं कि दिल में अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा है। तो रास्ते में कितनी भी रुकावट आ जाएं आदमी मंजिल पा ही लेता है। ऐसी ही मंजिल खीरी जिले के 22 साल के लाल ने भी पा ली है और वह आईएएस बन गया। जी हां अमित कुमार ने 2017 यूपीएससी परीक्षा में 91 वी रैंक हासिल की है।
सीतापुर जिले के हरगांव ब्लॉक के नकुरी पीतपुर गांव में जन्में अमित कुमार के पिता वीरेंद्र भारती सलारपुर जूनियर हाई स्कूल में सहायक अध्यापक हैं और मां सुमन देवी हाउसवाइफ। अमित ने इंटर तक की परीक्षा शिक्षा लखीमपुर के ग्रीन फील्ड स्कूल से प्राप्त की है हाई स्कूल में हाईस्कूल और इंटर में औसत से ऊपर रहने वाले अमित ने कृष पांडे से कानपुर विश्वविद्यालय से b.a. किया इसके बाद उनको आईएएस बनने की धुन सवार हो गई। इधर b.a. करते करते ही हम इतने आईएस की तैयारी शुरू कर दी थी बेसिक शिक्षा विभाग में लखीमपुर में तैनात एक शिक्षक सतीश वर्मा ने उनको गाइडेंस देना शुरू किया।
अमित इसके बाद दिल्ली चले गए। बाजीराव कोचिंग ज्वाइन की।
6 से 7 घंटे नियमित पढ़ाई शुरू की। अमित कहते हैं कि आईएएस बनने के लिए पढ़ाई फोकस्ड होनी चाहिए आपको अपने सब्जेक्ट पर कमांड होना चाहिए पढ़ाई भी सिलेक्टिव होनी चाहिए।




Body:दो भाइयों और एक बहन में सबसे बड़े भाई अमित का परिवार इस वक्त लखीमपुर के सिद्धार्थ नगर मोहल्ले में रहता है। अमित कहते हैं आईएएस की पढ़ाई में भी बुक्स खरीद लेने से कुछ नहीं होता है कुछ चैप्टर पढ़ने होते हैं और ध्यान से पढ़ने होते हैं।



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